अलवर. पूरे देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. अलवर सहित देशभर में श्रमिकों का पलायन अभी भी जारी है. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी श्रमिकों को उठानी पड़ रही है. हजारों और लाखों श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्य पैदल चलकर पहुंच रहे हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में हादसों के दौरान श्रमिकों की मौत के मामले भी सामने आए हैं.
श्रमिकों के लिए राजस्थान सरकार शुरुआत से ही खासी गंभीर रही है. सरकार की तरफ से श्रमिकों को घर भेजने की व्यवस्था लगातार की जा रही है. बस और ट्रेन की मदद से श्रमिकों को निःशुल्क घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. श्रमिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को श्रमिकों के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.
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सरकार की तरफ से जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखंड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, तहसीलदार, आरटीओ, डीटीओ, एसएचओ सहित अन्य अधिकारियों को पास जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उद्योग अधिकारी, एमई माइनिंग, महाप्रबंधक डीआईसी, रीको के जिला स्तरीय अधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी अपने विभाग से जुड़ी गतिविधियों के लिए पास जारी कर सकते हैं. इसके तहत सभी अधिकारियों को जारी किए गए पास की जानकारी जिला कलेक्टर को देनी होगी.
इसके अलावा श्रमिकों को भेजने के लिए बस और ट्रेनों की व्यवस्था जिला कलेक्टर के माध्यम से की जा सकती है, कर्फ्यू एरिया के लिए केवल जिला कलेक्टर ही पास जारी कर सकेंगे. अन्य प्रदेशों से राजस्थान आने वाले राज्यों के लिए संबंधित राज्य का पास मान्य होगा. यदि राजस्थान की एनओसी मांगी जाती है तो जिला कलेक्टर अपने स्तर पर एनओसी जारी कर सकता है. श्रमिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को कई जरूरी निर्देश दिए हैं.