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अलवर में गहराया जल संकट, जलदाय विभाग खोदेगा 35 ट्यूबवेल - Initiative of Department of Water

अलवर शहर में पानी की समस्या को देखते हुए जलदाय विभाग 35 ट्यूबवेल खोदेने की तैयारी कर रहा है. इससे शहर में आए दिन हो रही पानी की समस्या से लोगों का छुटकारा मिल जाएगा. अधिकारियों की माने तो ट्यूबवेल के लिए सरकार की तरफ से 4 करोड़ 56 लाख की राशि निर्गत की गई है. ट्यूबवेल की योजना को तकनीकी विभाग में भेजा गया है.

People are worried due to water problem in Alwar
अलवर में हो रही पानी की समस्या से लोग परेशान
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Published : Sep 21, 2020, 11:07 PM IST

अलवर. शहर में लगातार पानी की कमी से लोग जूझ रहे हैं. कुछ कॉलोनियां ऐसी हैं जहां एक-एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई होता है तो कुछ जगह पर सप्ताह में 2-2 दिन पानी की कटौती होती है. पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए जलदाय विभाग ने शहर के बाहरी हिस्से में नए ट्यूबवेल खोदने का फैसला लिया है. विभाग की मानें तो इन ट्यूबवेल के खुदने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.

अलवर में जलदाय विभाग खोदेगा 35 ट्यूबवेल

अलवर शहर में प्रतिदिन 90 एमएलडी से ज्यादा पानी की डिमांड रहती है, लेकिन जलदाय विभाग केवल 40 से 45 एमएलडी पानी सप्लाई कर पाता है. शहर की पुरानी कॉलोनी में पानी के लिए लोगों को खासी परेशानी होती है. गर्मियों के अलावा सर्दी के मौसम में भी लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. बीते कुछ समय से लगातार पानी की समस्या बढ़ रही है. शहर के विजय मंदिर व अंबेडकर नगर क्षेत्र में लगे ट्यूबवेल तेजी से सूख रहे हैं.

यह भी पढ़ें: SPECIAL: सालों से पानी निकासी की समस्या जस की तस, महज चुनावी मुद्दा बनकर रहा गया सरदारशहर का ड्रेनेज सिस्टम

इसके अलावा अन्य ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई भी कम हुई है. इस समय अलवर शहर को सबसे बेहतर पानी की सप्लाई बुर्जा क्षेत्र से मिलती है. शहर को अभी अमृत योजना के तहत खोले गए ट्यूबवेल से पानी मिल रहा था लेकिन अब अमृत योजना के तहत खोदे गए ट्यूबवेल का पानी वापस कृषि कॉलोनियों में सप्लाई होने लगा है. इसलिए पानी की कमी क्षेत्र में बढ़ गई है.

यह भी पढ़ें: अलवर की कृषि कॉलोनियों में हुए चार हजार पानी के कनेक्शन

प्रतिदिन पानी की समस्या पर महिलाओं को कामकाज में भी दिक्कत होती है. ऐसे में पानी की कमी को देखते हुए जलदाय विभाग ने शहर के बाहरी हिस्सों में 35 नए ट्यूबवेल खोदने का फैसला लिया है. इसके तहत जरूरत के हिसाब से जगह का चुनाव कर लिया गया है. जलदाय विभाग के अधिकारियों की माने तो ट्यूबवेल के लिए सरकार की तरफ से 4 करोड़ 56 लाख की राशि निर्गत की गई है. ट्यूबवेल की योजना को तकनीकी विभाग में भेजा गया है.

वहां से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी. इन ट्यूबवेल के खुदने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी. अमृत योजना के तहत खोदे गए ट्यूबवेल से शहर को पानी मिल रहा है, लेकिन अब इससे कृषि कॉलोनियों में भी पानी सप्लाई होने लगा है जिससे समस्या बढ़ रही है. इसलिए जलदाय विभाग की तरफ से वैकल्पिक इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं.

अलवर. शहर में लगातार पानी की कमी से लोग जूझ रहे हैं. कुछ कॉलोनियां ऐसी हैं जहां एक-एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई होता है तो कुछ जगह पर सप्ताह में 2-2 दिन पानी की कटौती होती है. पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए जलदाय विभाग ने शहर के बाहरी हिस्से में नए ट्यूबवेल खोदने का फैसला लिया है. विभाग की मानें तो इन ट्यूबवेल के खुदने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.

अलवर में जलदाय विभाग खोदेगा 35 ट्यूबवेल

अलवर शहर में प्रतिदिन 90 एमएलडी से ज्यादा पानी की डिमांड रहती है, लेकिन जलदाय विभाग केवल 40 से 45 एमएलडी पानी सप्लाई कर पाता है. शहर की पुरानी कॉलोनी में पानी के लिए लोगों को खासी परेशानी होती है. गर्मियों के अलावा सर्दी के मौसम में भी लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. बीते कुछ समय से लगातार पानी की समस्या बढ़ रही है. शहर के विजय मंदिर व अंबेडकर नगर क्षेत्र में लगे ट्यूबवेल तेजी से सूख रहे हैं.

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इसके अलावा अन्य ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई भी कम हुई है. इस समय अलवर शहर को सबसे बेहतर पानी की सप्लाई बुर्जा क्षेत्र से मिलती है. शहर को अभी अमृत योजना के तहत खोले गए ट्यूबवेल से पानी मिल रहा था लेकिन अब अमृत योजना के तहत खोदे गए ट्यूबवेल का पानी वापस कृषि कॉलोनियों में सप्लाई होने लगा है. इसलिए पानी की कमी क्षेत्र में बढ़ गई है.

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प्रतिदिन पानी की समस्या पर महिलाओं को कामकाज में भी दिक्कत होती है. ऐसे में पानी की कमी को देखते हुए जलदाय विभाग ने शहर के बाहरी हिस्सों में 35 नए ट्यूबवेल खोदने का फैसला लिया है. इसके तहत जरूरत के हिसाब से जगह का चुनाव कर लिया गया है. जलदाय विभाग के अधिकारियों की माने तो ट्यूबवेल के लिए सरकार की तरफ से 4 करोड़ 56 लाख की राशि निर्गत की गई है. ट्यूबवेल की योजना को तकनीकी विभाग में भेजा गया है.

वहां से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी. इन ट्यूबवेल के खुदने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी. अमृत योजना के तहत खोदे गए ट्यूबवेल से शहर को पानी मिल रहा है, लेकिन अब इससे कृषि कॉलोनियों में भी पानी सप्लाई होने लगा है जिससे समस्या बढ़ रही है. इसलिए जलदाय विभाग की तरफ से वैकल्पिक इंतजाम शुरू कर दिए गए हैं.

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