अलवर. शहर में एक बार फिर से रावण के घमंड का अंत हुआ और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई. दशहरा मैदान में इस बार 62 फुट रावण के पुतले का दहन किया गया. वहीं 55 फीट के कुंभकर्ण और मेघनाथ का भी अंत हुआ. दशहरा महोत्सव में शहर के लाखों लोग उमड़े और रावण के अंत के साक्षी बने.
भगवान राम और लक्ष्मण ने रावण का अंत विधि-विधान से पुतले को आग लगाकर किया. वहीं मंगलवार दोपहर के समय अशोका टॉकीज के पास पुरुषार्थी धर्मशाला के सामने एक मंच बनाया गया. जहां पहले तो राम-लक्ष्मण की आरती उतारी गई, वहीं उसके बाद शोभा यात्रा का आयोजन किया गया. वहीं यह यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई दशहरा मैदान पहुंची.
रास्ते में कई जगह पर शोभा यात्रा का स्वागत किया गया और भगवान राम की आरती उतारी गई. शोभा यात्रा में कई झांकियां, बैंड, प्याऊ और लुधियाना का डांस सहित कई तरह के कार्यक्रम पेश किए गए. करीब 7 बजे शोभा यात्रा दशहरा मैदान पहुंची और वहां विधि-विधान से भगवान राम-लक्ष्मण की आरती उतारी गई. उसके बाद भगवान राम ने रावण का वध किया. रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले धराशाई हो गए.
इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने शिरकत किया. वहीं उन्होंने रावण और राम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सभी को दशहरा की बधाइयां दी. कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे. बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन लगातार 72 सालों से पुरुषार्थी समाज की तरफ से आयोजित किया जाता है. इस बार रावण कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला मेरठ के कार्यक्रमों द्वारा तैयार किया गया. आतिशबाजी के लिए भी मेरठ से विशेष कारीगर बुलाए गए थे.