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अलवर के निजी हॉस्पिटल में टेलीमेडिसिन सेवा से होगा गंभीर बीमारियों का इलाज

अलवर के गंभीर मरीजों को अब इलाज के लिए जयपुर, दिल्ली सहित अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा. टेलीमेडिसिन की मदद से गंभीर बीमारी का इलाज हो सकेगा. जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल ने अलवर के एक निजी हॉस्पिटल में टेली मेडिसिन सेवा शुरू की है. इस सेवा की मदद से मरीजों के समय और पैसे दोनों की बचत होगी.

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Published : Sep 3, 2019, 4:15 AM IST

अलवर. प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दिल्ली, जयपुर सहित आसपास के बड़े शहरों में जाते हैं. जिले में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का भाव है. बेहतर अस्पताल नहीं होने के कारण मरीजों को इलाज में खासी परेशानी उठानी पड़ती है. मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल ने अलवर के एक निजी अस्पताल में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की है.

अलवर में टेलीमेडिसिन सेवा से होगा गंभीर बीमारियों का इलाज

इस सेवा की मदद से अलवर के डॉक्टर 24 घंटे दुर्लभजी अस्पताल के विशेषज्ञों से सीधा संपर्क कर सकेंगे. मरीज अलवर बैठकर अपना इलाज करा सकेगा. इससे मरीज के समय और पैसे दोनों की बचत होगी. इस तकनीक की मदद से मरीज की बीपी, शुगर सहित कई जांच ऑनलाइन डॉक्टर चेक कर सकेंगे. इसके अलावा पुराने दस्तावेजों को स्कैन करके तुरंत भेज दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- शगुन पोर्टल पर देश के सभी स्कूलों का डाटा उपलब्ध, एचआरडी मिनिस्ट्री ने लॉन्च किया पोर्टल

निजी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. जीएस सोलंकी ने बताया कि गंभीर मरीज जयपुर के डॉक्टर से अलवर में बैठकर सलाह ले सकेंगे. वीडियो के माध्यम से जयपुर में बैठे डॉक्टर भी अलवर के मरीज और डॉक्टर से सीधी बात कर सकेंगे.

इस सेवा को शुरू करते हुए दुर्लभजी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने बताया कि हर साल अलवर से करीब 20 हजार मरीज इलाज के लिए दुर्लभजी अस्पताल में आते हैं. एक मरीज के साथ कम से कम तीन से चार परिजन रहते हैं. ऐसे में मरीज को आने-जाने में खासी दिक्कत होती है. मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए अस्पताल की तरफ से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है.

यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान के इस मंदिर में गणेश जी की श्वेत प्रतिमा...यहां सिंदूर की जगह चढ़ता है दूध और सांप की यज्ञोपवीत

उन्होंने बताया कि राजस्थान में यह दूसरा सेंटर है. इससे पहले एक सेंटर सुजानगढ़ में चल रहा है. आने वाले दो सालों में पूरे प्रदेश को टेलीमेडिसिन की मदद से जोड़ा जाएगा. इस बीच डॉ. विक्रांत सोलंकी ने बताया कि समय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी बदलाव हुआ है. तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं. देश में डॉक्टरों की खासी कमी है. ऐसे में टेलीमेडिसिन सेवा देश के लिए सबसे उपयुक्त और बेहतर विकल्प है.

अलवर. प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दिल्ली, जयपुर सहित आसपास के बड़े शहरों में जाते हैं. जिले में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का भाव है. बेहतर अस्पताल नहीं होने के कारण मरीजों को इलाज में खासी परेशानी उठानी पड़ती है. मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल ने अलवर के एक निजी अस्पताल में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की है.

अलवर में टेलीमेडिसिन सेवा से होगा गंभीर बीमारियों का इलाज

इस सेवा की मदद से अलवर के डॉक्टर 24 घंटे दुर्लभजी अस्पताल के विशेषज्ञों से सीधा संपर्क कर सकेंगे. मरीज अलवर बैठकर अपना इलाज करा सकेगा. इससे मरीज के समय और पैसे दोनों की बचत होगी. इस तकनीक की मदद से मरीज की बीपी, शुगर सहित कई जांच ऑनलाइन डॉक्टर चेक कर सकेंगे. इसके अलावा पुराने दस्तावेजों को स्कैन करके तुरंत भेज दिया जाएगा.

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निजी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. जीएस सोलंकी ने बताया कि गंभीर मरीज जयपुर के डॉक्टर से अलवर में बैठकर सलाह ले सकेंगे. वीडियो के माध्यम से जयपुर में बैठे डॉक्टर भी अलवर के मरीज और डॉक्टर से सीधी बात कर सकेंगे.

इस सेवा को शुरू करते हुए दुर्लभजी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने बताया कि हर साल अलवर से करीब 20 हजार मरीज इलाज के लिए दुर्लभजी अस्पताल में आते हैं. एक मरीज के साथ कम से कम तीन से चार परिजन रहते हैं. ऐसे में मरीज को आने-जाने में खासी दिक्कत होती है. मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए अस्पताल की तरफ से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है.

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उन्होंने बताया कि राजस्थान में यह दूसरा सेंटर है. इससे पहले एक सेंटर सुजानगढ़ में चल रहा है. आने वाले दो सालों में पूरे प्रदेश को टेलीमेडिसिन की मदद से जोड़ा जाएगा. इस बीच डॉ. विक्रांत सोलंकी ने बताया कि समय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी बदलाव हुआ है. तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं. देश में डॉक्टरों की खासी कमी है. ऐसे में टेलीमेडिसिन सेवा देश के लिए सबसे उपयुक्त और बेहतर विकल्प है.

Intro:अलवर।
अलवर के गंभीर मरीजों को अब इलाज के लिए जयपुर दिल्ली सहित अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। टेलीमेडिसिन की मदद से अलवर में ही गंभीर मरीजों की बीमारी का इलाज हो सकेगा। जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल की तरफ से अलवर के सोलंकी हॉस्पिटल में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की है। इस सेवा की मदद से मरीजों के समय व पैसे दोनों की बचत हो सकेगी।


Body:अलवर से प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दिल्ली जयपुर सहित आसपास के बड़े शहरों में जाते हैं। अलवर जिले में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का भाव है। बेहतर अस्पताल नहीं होने के कारण मरीजों को इलाज में खासी परेशानी उठानी पड़ती है। मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल की तरफ से अलवर के सोलंकी अस्पताल में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है। इस सेवा की मदद से अलवर के डॉक्टर 24 घंटे दुर्लभजी अस्पताल के विशेषज्ञों से सीधा संपर्क कर सकेंगे। मरीज अलवर बैठकर अपना इलाज करा सकेगा। इससे मरीज के समय व पैसे दोनों की बचत होगी। इस तकनीक की मदद से मरीज की बीपी शुगर सहित के जांच भी ऑनलाइन डॉक्टर चेक कर सकेंगे। इसके अलावा पुराने दस्तावेजों को स्कैन करके तुरंत भेज दिया जाएगा।


Conclusion:सोलंकी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ जीएस सोलंकी ने बताया गंभीर मरीज जयपुर के डॉक्टर से अलवर में बैठकर सलाह ले सकेंगे। वीडियो के माध्यम से जयपुर में बैठे डॉक्टर भी अलवर के मरीज डॉक्टर से सीधी बात कर सकेंगे व मरीज को इलाज लिख सकेंगे। इस सेवा को शुरू करते हुए दुर्लभजी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने बताया कि हर साल अलवर से करीब 20 हजार मरीज इलाज के लिए दुर्लभजी अस्पताल में आते हैं। एक मरीज के साथ कम से कम तीन से चार परिजन रहते हैं। ऐसे में मरीज को आने जाने में खासी दिक्कत होती है। मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए अस्पताल की तरफ से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह दूसरा सेंटर है। इससे पहले एक सेंटर सुजानगढ़ में चल रहा है। आने वाले 2 सालों में पूरे प्रदेश को टेलीमेडिसिन की मदद से जोड़ा जाएगा। डॉ विक्रांत सोलंकी ने बताया किस समय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी बदलाव हुआ है। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई है। देश में डॉक्टरों की खासी कमी है। ऐसे में टेलीमेडिसिन सेवा देश के लिए सबसे उपयुक्त व बेहतर विकल्प है।

बाइट-डॉ जीएस सोलंकी
बाइट- डॉ विक्रांत सोलंकी
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