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Exclusive: अलवर की देश में है विशेष पहचान, सकारात्मक सुधार की है आवश्यकता : SP तेजस्विनी

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Published : Jul 9, 2020, 4:45 AM IST

अलवर को क्राइम की नगरी कहा जाता है. जिले में दो एसपी तैनात होने के बाद भी यहां घटनाओं का सिलसिला जारी है. ऐसे में सरकार की तरफ से हाल ही में अलवर में पहली बार महिला एसपी के रूप में तेजस्विनी गौतम को लगाया गया है. गौतम अपने काम के चलते हमेशा चर्चाओं में रहती हैं. ऐसे में Etv Bharat ने तेजस्विनी गौतम से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने आगामी कार्य योजना बताते हुए अलवर में किए जाने वाले कार्यों को बताया.

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अलवर की देश में है विशेष पहचान

अलवर. जिले को राजस्थान का सिंग द्वार कहा जाता है, यहां के विभिन्न थानों में हर साल 17 हजार से अधिक मामले दर्ज होते हैं. थानागाजी गैंगरेप, अकबर मॉब लिंचिंग सहित तमाम ऐसे मामले हैं, जिसके चलते अलवर पूरे देश में बदनाम हो चुका है. अलवर में बढ़ते क्राइम के ग्राफ को देखते हुए अलवर को पुलिस के लिहाज से दो जिलों में बांटा गया और यहां दो एसपी तैनात किए गए.

अलवर की देश में है विशेष पहचान...

अलवर राजस्थान का पहला ऐसा जिला है, जहां दो एसपी लगाए गए हैं. लेकिन इसके बाद भी ताबड़तोड़ घटनाओं का सिलसिला जारी है. ऐसे में सरकार की तरफ से क्राइम का ग्राफ रोकने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में चूरू जिले से तेजस्विनी गौतम को अलवर पुलिस अधीक्षक लगाया गया. गौतम अलवर में पहली महिला एसपी हैं. तेजस्विनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इसमें उन्होंने अपने काम करने की कार्यशैली के बारे में बताया.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश का पहला जिला बना अलवर, जिसकी कमान है महिलाओं के हाथ

उन्होंने कहा कि अलवर की पूरे देश में अलग छवि है. इसलिए अलवर में उसी हिसाब से काम किया जाएगा. यहां की जनता खासी जागरूक है. ऐसे में जनता के बीच पुलिस की छवि बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक थाना स्तर का निरीक्षण करके उस क्षेत्र की जरूरतों और पुलिसकर्मियों के कार्यों के हिसाब से काम करने की योजना तैयार की जाएगी. अलवर सीमावर्ती जिला है. इसलिए आसपास के प्रदेश में जिलों के पुलिस अधीक्षक से बातचीत करते हुए सीमावर्ती क्षेत्र में खास चौकसी बढ़ाई जाएगी.

यह भी पढ़ेंः अलवर की नवनियुक्त SP तेजस्विनी गौतम ने ग्रहण किया पदभार

अलवर की जनता के बीच पुलिस की छवि को सुधारने के लिए भी कार्य किया जाएगा. इस दिशा में काम करते हुए लोगों से कार्यक्रमों के माध्यम से पुलिस का सहयोग करने और पुलिसकर्मियों को बेहतर तरह से लोगों का सहयोग करने व्यवहार कुशल के बारे में बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिला अपराध को रोकने में पुलिस की खास रूचि रहेगी, क्योंकि वो खुद महिला हैं.

ऐसे में महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकने के लिए योजनाबद्ध तरह से काम किया जाएगा. साथ ही महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि वे पुलिस कर्मियों की समस्याओं का भी समाधान करने का प्रयास करेंगे. क्योंकि पुलिसकर्मी 24 घंटे लगातार ड्यूटी करते हैं. लेकिन उनकी और उनके परिवार की समस्या जस की तस रहती है. ऐसे में उनके मन में सिस्टम के प्रति एक भावना डेवलेप होती है, जिसका नुकसान पुलिस के पूरे सिस्टम को उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पुलिस के 100 नंबर कंट्रोल रूम को बेहतर करते हुए थाने पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समस्या सुनी जाएगी और उसकी एफआईआर दर्ज होगी.

अलवर. जिले को राजस्थान का सिंग द्वार कहा जाता है, यहां के विभिन्न थानों में हर साल 17 हजार से अधिक मामले दर्ज होते हैं. थानागाजी गैंगरेप, अकबर मॉब लिंचिंग सहित तमाम ऐसे मामले हैं, जिसके चलते अलवर पूरे देश में बदनाम हो चुका है. अलवर में बढ़ते क्राइम के ग्राफ को देखते हुए अलवर को पुलिस के लिहाज से दो जिलों में बांटा गया और यहां दो एसपी तैनात किए गए.

अलवर की देश में है विशेष पहचान...

अलवर राजस्थान का पहला ऐसा जिला है, जहां दो एसपी लगाए गए हैं. लेकिन इसके बाद भी ताबड़तोड़ घटनाओं का सिलसिला जारी है. ऐसे में सरकार की तरफ से क्राइम का ग्राफ रोकने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में चूरू जिले से तेजस्विनी गौतम को अलवर पुलिस अधीक्षक लगाया गया. गौतम अलवर में पहली महिला एसपी हैं. तेजस्विनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इसमें उन्होंने अपने काम करने की कार्यशैली के बारे में बताया.

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उन्होंने कहा कि अलवर की पूरे देश में अलग छवि है. इसलिए अलवर में उसी हिसाब से काम किया जाएगा. यहां की जनता खासी जागरूक है. ऐसे में जनता के बीच पुलिस की छवि बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रत्येक थाना स्तर का निरीक्षण करके उस क्षेत्र की जरूरतों और पुलिसकर्मियों के कार्यों के हिसाब से काम करने की योजना तैयार की जाएगी. अलवर सीमावर्ती जिला है. इसलिए आसपास के प्रदेश में जिलों के पुलिस अधीक्षक से बातचीत करते हुए सीमावर्ती क्षेत्र में खास चौकसी बढ़ाई जाएगी.

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अलवर की जनता के बीच पुलिस की छवि को सुधारने के लिए भी कार्य किया जाएगा. इस दिशा में काम करते हुए लोगों से कार्यक्रमों के माध्यम से पुलिस का सहयोग करने और पुलिसकर्मियों को बेहतर तरह से लोगों का सहयोग करने व्यवहार कुशल के बारे में बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिला अपराध को रोकने में पुलिस की खास रूचि रहेगी, क्योंकि वो खुद महिला हैं.

ऐसे में महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकने के लिए योजनाबद्ध तरह से काम किया जाएगा. साथ ही महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि वे पुलिस कर्मियों की समस्याओं का भी समाधान करने का प्रयास करेंगे. क्योंकि पुलिसकर्मी 24 घंटे लगातार ड्यूटी करते हैं. लेकिन उनकी और उनके परिवार की समस्या जस की तस रहती है. ऐसे में उनके मन में सिस्टम के प्रति एक भावना डेवलेप होती है, जिसका नुकसान पुलिस के पूरे सिस्टम को उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पुलिस के 100 नंबर कंट्रोल रूम को बेहतर करते हुए थाने पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समस्या सुनी जाएगी और उसकी एफआईआर दर्ज होगी.

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