अलवर. शहर के तिजारा फाटक ओवर ब्रिज पर 11 जनवरी की रात एक मूकबधिर बालिका लहूलुहान हालत में मिली थी. उसके गुप्तांगों से खून बह रहा था. इस मामले का 3 माह 27 दिन बाद अलवर पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है. अलवर पुलिस ने कहा कि हादसे के चलते बालिका गंभीर रूप से घायल (Police report of Alwar deaf and dumb girl case) हुई.
अलवर की तिजारा फाटक ओवर ब्रिज पर लहूलुहान हालत में मिली बालिका के मामले में शुरुआत के समय पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बालिका से बलात्कार का संदेह जताया था. वहीं, घटना के संबंध में जिले के एक ग्रामीण थाने में अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया था. लेकिन घटना के 72 घंटे बाद ही पुलिस ने यू-टर्न ले लिया था. पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए बालिका के साथ बलात्कार नहीं होने की बात कही. इसके बाद पुलिस ने घटना को हादसा बताया. पुलिस ने तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर एक्सीडेंट का सीन री-क्रिएट भी किया.
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उसके बाद लगातार पुलिस पर उठे सवालों के चलते इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. लेकिन करीब 4 माह बाद पुलिस ने इस मामले में एक प्रेस नोट जारी करते हुए मामले का खुलासा करने का दावा किया है. पुलिस ने अपने प्रेस नोट में जांच के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी दी है. इस मामले में कितने अधिकारियों को लगाया गया. सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग से की गई. कितने लोगों से पूछताछ की गई. इसके अलावा छोटी से छोटी जानकारी शेयर की है. अलवर पुलिस का दावा है कि पीड़िता के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं होती है.