अलवर. जिले में सबसे ज्यादा क्राइम की घटनाएं होती हैं. अकेले अलवर में 17 से 18 हजार मामले दर्ज होते हैं. जबकि पूरे प्रदेश में 18 हजार मामले सामने आते हैं. ऐसे में क्राइम के लिए अलवर जिला पूरे प्रदेश में बदनाम है. अलवर पर पूरे प्रदेश की नजर रहती है. हालात खराब होते देख सरकार ने अलवर में पुलिस के लिहाज से दो जिले बनाते हुए दो एसपी तैनात किए, लेकिन उसके बाद भी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं.
अलवर में पहली बार महिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम को लगाया गया है. उन्होंने सोमवार को अपना चार्ज ग्रहण किया. उसके बाद मंगलवार को पुलिस अन्वेषण भवन में क्राइम मीटिंग ली. इस मौके पर सभी डिप्टी एसपी, थानाधिकारी, एएसपी सहित पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने सभी से बातचीत की और उनके क्षेत्र का हाल जाना. इस दौरान जिले में लगातार बढ़ रही घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए. जिले में होने वाली गौ तस्करी, महिला अपराध, लूटपाट और फायरिंग की घटनाओं पर सख्त कदम उठाते हुए रोक लगाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि अलवर में पुलिस की छवि खराब हो चुकी है. ऐसे में पुलिस की छवि सुधारने के भी प्रयास किए जाएंगे.
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मीडिया से बातचीत में तेजस्विनी गौतम ने कहा कि वो प्रत्येक थाने का निरीक्षण करेंगी. उसके बाद अलवर का मैप तैयार किया जाएगा. उसके आधार पर क्राइम पर अंकुश पाने की योजना तैयार होगी. पुलिस कर्मियों की समस्याओं का भी समाधान करने का प्रयास किया जाएगा. इस संबंध में जरूरी कदम उठाते हुए पुलिसकर्मी और उनके परिजनों की समस्याएं मुख्यालय तक पहुंचाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि अलवर में आम जनता के बीच पुलिस की छवि खराब हो रही है. ऐसे में पुलिस की छवि सुधारने के लिए भी सभी तरह के प्रयास किए जाएंगे. इसको लेकर सभी पुलिस अधिकारियों और थाना अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. इनका सख्ती से पालन कराया जाएगा.