ETV Bharat / city

Marble Mining से दहशत, ब्लास्टिंग से झीरी के 5 गांवों को नुकसान - Blast for Marble in Jhiri

अलवर के थानागाजी क्षेत्र में प्रतापगढ़ के पास झिरी गांव में चलने वाली मार्बल की खान में मंगलवार, 23 अगस्त को देर शाम पत्थर तोड़ने के लिए ब्लास्ट किया गया. इस ब्लास्ट से 4 से 5 गांवों को नुकसान पहुंचा. अब झिरी में ब्लास्टिंग का विरोध किया जाने लगा है. Blast for Marble in Jhiri

Jhiri Panchayat Samiti under regular threat
आफत में जिंदगी
author img

By

Published : Aug 25, 2022, 1:40 PM IST

Updated : Aug 25, 2022, 2:17 PM IST

अलवर. सफेद सोने यानी मार्बल के लिए किया गया ब्लास्ट इतना खतरनाक था कि आसपास के 4 से 5 गांव में पत्थर उछल कर गए (Marble mining in Alwar). इस दौरान पास के गांव के घरों की दीवारों में दरार आ गई. घर व मंदिर में मोटे पत्थर गिरे. इस दौरान बड़ा हादसा होने से टल गया. ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. मामले की जानकारी मिलते ही बुधवार को प्रशासन, पुलिस और खान विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया व ग्रामीणों से बात की.

रात दिन ब्लास्टिंग : अलवर के थानागाजी क्षेत्र के झिरी गांव के पास 10 हेक्टेयर में ओम शिवम खान दो माह पहले शुरू हुई है (Marble mining in Jhiri). सेंट्रल पर्यावरण विभाग से खान को चलाने की अनुमति मिली है. इस समय टहला और थानागाजी क्षेत्र के आसपास चलने वाली 150 खानों में से सभी खाने बंद हो चुकी हैं. केवल ओम शिवम खान को केंद्रीय पर्यावरण विभाग से अनुमति मिली है. पत्थर तोड़ने के लिए रात दिन ब्लास्टिंग (Blast for Marble in Jhiri) होती है.

Marble Mining से दहशत

भूकंप सा कंपन: मंगलवार 23 अगस्त को देर शाम ब्लास्टिंग के लिए खान में 80 से 100 फुट गहरे होल किए गए. उनमें बारूद भरकर ब्लास्ट किया गया. आमतौर पर 15 से 20 फुट के होल होते हैं. ब्लास्टिंग के दौरान धमाका इतना तेज हुआ कि डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक धरती में भूकंप जैसा असर हुआ. इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर आ गए. तो वहीं खान के आसपास के तीन से चार गांव में पत्थर उछलकर गिरे. इस दौरान बड़ा हादसा होने से टल गया. धमाके से घरों में दरार आ गई और छत के ऊपर पत्थर गिर गए. हादसे के दौरान एक भैंस खान में गिर गई. घरों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के पास पत्थर गिरे. ग्रामीणों को लगा कि भूकंप आया है.

उन्होंने घरों से बाहर निकल कर देखा तो घरों में पत्थर पड़े हुए थे. इस पर ग्रामीण पास की खान में पहुंचे और काम रुकवाया. इस दौरान ब्लास्ट करने वाले लोग भाग गए. लेकिन रात भर खान में काम हुआ. सुबह ग्रामीणों ने पहुंचकर हंगामा किया और अपना विरोध दर्ज कराया. मामले की सूचना प्रशासन व खान विभाग को दी गई. प्रशासन में खान विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया व अपनी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को दी.

पढ़ें-सरिस्का बचाओ : सिर्फ 0-1 KM के दायरे में खनन पर पाबंदी....उसके बाद पहाड़ खाओ या जंगल !

ये भी पढ़ें-Alwar Marble Quarry Collapse: खान विभाग का बड़ा एक्शन, जिस मार्बल की खान में हुई घटना उसे बंद करने के आदेश

5 गांव में दहशत: झिरी पंचायत के कलसीकाला, साका, बेराला, पेडियाला व सवसर गांव के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि 22 साल में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि ब्लास्टिंग के समय पत्थर गांव के अंदर आए हों. वैसे तो ब्लास्टिंग प्रतिदिन होती है. दिन में कई बार होती है. रात के समय सबसे ज्यादा ब्लास्टिंग की जाती है. लेकिन हमेशा धमाके की आवाज आती है. ब्लास्टिंग से पहले ग्रामीणों को सूचना भी खान पर काम करने वाले कर्मचारियों की तरफ से दी जाती है लेकिन इस बार कोई सूचना नहीं दी गई.

खान विभाग ने भी मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी हैं. खान विभाग के अधिकारियों ने कहा इस पूरे मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगी. जिला कलेक्टर ने भी मामले की रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में कुछ दिनों के लिए खान को बंद ही किया जा सकता है.

जंगल में रात भर सुनाई देती है धमाके की आवाज: सरिस्का के जंगलों के आसपास मार्बल की खान चल रही है. ऐसे में खान में पत्थर तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. सरिस्का के जंगल क्षेत्र के आसपास रात भर धमाकों की आवाज सुनाई देती है. इससे ग्रामीण डरे रहते हैं, तो साथ ही जंगल के वन्यजीवों को भी खासा खतरा रहता है.

अलवर. सफेद सोने यानी मार्बल के लिए किया गया ब्लास्ट इतना खतरनाक था कि आसपास के 4 से 5 गांव में पत्थर उछल कर गए (Marble mining in Alwar). इस दौरान पास के गांव के घरों की दीवारों में दरार आ गई. घर व मंदिर में मोटे पत्थर गिरे. इस दौरान बड़ा हादसा होने से टल गया. ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. मामले की जानकारी मिलते ही बुधवार को प्रशासन, पुलिस और खान विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया व ग्रामीणों से बात की.

रात दिन ब्लास्टिंग : अलवर के थानागाजी क्षेत्र के झिरी गांव के पास 10 हेक्टेयर में ओम शिवम खान दो माह पहले शुरू हुई है (Marble mining in Jhiri). सेंट्रल पर्यावरण विभाग से खान को चलाने की अनुमति मिली है. इस समय टहला और थानागाजी क्षेत्र के आसपास चलने वाली 150 खानों में से सभी खाने बंद हो चुकी हैं. केवल ओम शिवम खान को केंद्रीय पर्यावरण विभाग से अनुमति मिली है. पत्थर तोड़ने के लिए रात दिन ब्लास्टिंग (Blast for Marble in Jhiri) होती है.

Marble Mining से दहशत

भूकंप सा कंपन: मंगलवार 23 अगस्त को देर शाम ब्लास्टिंग के लिए खान में 80 से 100 फुट गहरे होल किए गए. उनमें बारूद भरकर ब्लास्ट किया गया. आमतौर पर 15 से 20 फुट के होल होते हैं. ब्लास्टिंग के दौरान धमाका इतना तेज हुआ कि डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक धरती में भूकंप जैसा असर हुआ. इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर आ गए. तो वहीं खान के आसपास के तीन से चार गांव में पत्थर उछलकर गिरे. इस दौरान बड़ा हादसा होने से टल गया. धमाके से घरों में दरार आ गई और छत के ऊपर पत्थर गिर गए. हादसे के दौरान एक भैंस खान में गिर गई. घरों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के पास पत्थर गिरे. ग्रामीणों को लगा कि भूकंप आया है.

उन्होंने घरों से बाहर निकल कर देखा तो घरों में पत्थर पड़े हुए थे. इस पर ग्रामीण पास की खान में पहुंचे और काम रुकवाया. इस दौरान ब्लास्ट करने वाले लोग भाग गए. लेकिन रात भर खान में काम हुआ. सुबह ग्रामीणों ने पहुंचकर हंगामा किया और अपना विरोध दर्ज कराया. मामले की सूचना प्रशासन व खान विभाग को दी गई. प्रशासन में खान विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया व अपनी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को दी.

पढ़ें-सरिस्का बचाओ : सिर्फ 0-1 KM के दायरे में खनन पर पाबंदी....उसके बाद पहाड़ खाओ या जंगल !

ये भी पढ़ें-Alwar Marble Quarry Collapse: खान विभाग का बड़ा एक्शन, जिस मार्बल की खान में हुई घटना उसे बंद करने के आदेश

5 गांव में दहशत: झिरी पंचायत के कलसीकाला, साका, बेराला, पेडियाला व सवसर गांव के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि 22 साल में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि ब्लास्टिंग के समय पत्थर गांव के अंदर आए हों. वैसे तो ब्लास्टिंग प्रतिदिन होती है. दिन में कई बार होती है. रात के समय सबसे ज्यादा ब्लास्टिंग की जाती है. लेकिन हमेशा धमाके की आवाज आती है. ब्लास्टिंग से पहले ग्रामीणों को सूचना भी खान पर काम करने वाले कर्मचारियों की तरफ से दी जाती है लेकिन इस बार कोई सूचना नहीं दी गई.

खान विभाग ने भी मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी हैं. खान विभाग के अधिकारियों ने कहा इस पूरे मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगी. जिला कलेक्टर ने भी मामले की रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में कुछ दिनों के लिए खान को बंद ही किया जा सकता है.

जंगल में रात भर सुनाई देती है धमाके की आवाज: सरिस्का के जंगलों के आसपास मार्बल की खान चल रही है. ऐसे में खान में पत्थर तोड़ने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है. सरिस्का के जंगल क्षेत्र के आसपास रात भर धमाकों की आवाज सुनाई देती है. इससे ग्रामीण डरे रहते हैं, तो साथ ही जंगल के वन्यजीवों को भी खासा खतरा रहता है.

Last Updated : Aug 25, 2022, 2:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.