अलवर. जिले में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी रोकथाम के लिए प्रशासन ने अब सख्त रुख अपना लिया है. नगर परिषद और जिला प्रशासन की टीम मास्क न लगाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने भी झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है.
बता दें कि, जिले में आए दिन पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. अब तक चार सब्जी व्यापारी कोरोना से संक्रमित मिल चुके हैं. यह वो लोग हैं जो प्रतिदिन दिल्ली की आजादपुर और मेरठ सहित अन्य बड़े शहरों की मंडियों में सब्जी लोने जाते थे. प्रशासन को रैंडम जांच के दौरान इन लोगों के पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी. ऐसे में अन्य व्यापारियों में संक्रमण न फैले, इसलिए जिले के कटला बाजार, मालाखेड़ा बाजार और अन्य बाजारों में मास्क न पहनने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इस दौरान जिस भी दुकानदार ने मास्क नहीं लगा रखा था, उस पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी नए कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.
झोलाछाप डॉक्टरों पर भी कसी नकेल...
वहीं, कोरोना वायरस के बीच लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कार्रवाई की जा रही है. जिले में अब तक 10 से अधिक फर्जी झोलाछाप डॉक्टर मिल चुके हैं. अलवर शहर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर उसके क्लीनिक को बंद कराया है. इसी तरह से मालाखेड़ा, राजगढ़, भिवाड़ी और थानागाजी सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने कहा कि, झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी रहेगा. इसके अलावा विभाग की तरफ से प्रत्येक संदिग्ध मरीज की जांच की जा रही है और रेंडम लोगों के सैंपल लेने की प्रक्रिया भी चल रही है.