अलवर. सरकारी एपीपी ने बताया कि शुक्रवार को विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो नंबर एक के मजिस्ट्रेट अनूप कुमार पाठक ने एक वर्ष की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई और 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
पॉक्सो न्यायालय नंबर एक के विशिष्ट लोक अभियोजक रोशन दीन ने बताया कि वर्ष 2016 में भिवाड़ी थाना अंतर्गत एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें आरोपी बुधनदास ने एक साल की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म किया था. आज विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो अदालत नम्बर 1 अनूप कुमार पाठक ने आरोपी को धारा 365 में 3 साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना, धारा 376 में 7 साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना एवं पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये के जुर्माना से दंडित किया है.
विशिष्ट अपर अभियोजक पॉक्सो नंबर एक रोशन दीन खान ने बताया कि वर्ष 2016 के अंतर्गत भिवाड़ी थाना क्षेत्र में एक वर्ष की बालिका के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी बुधनदास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. भारतीय दंड संहिता धारा 363 के अंतर्गत 3 साल की सजा, 5 हजार रुपये आर्थिक दंड दिया है. धारा 376 के अंतर्गत सात साल की सजा 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड और पॉक्सो अधिनियम 5/6 के अंतर्गत आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. लगातार 5 साल से मामले को लेकर न्यायालय में सुनवाई चल रही थी. 5 साल बाद पीड़िता व उसके परिजनों को न्याय मिला है.
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क्या था मामला...
बिहार के दरभंगा का रहने वाला एक व्यक्ति भिवाड़ी की औद्योगिक इकाई में काम करता था व पत्नी और अपनी एक साल की बेटी के साथ भिवाड़ी में किराए का कमरा लेकर रहता था. 25 जनवरी 2016 को मासूम का पिता अपने घर पर पत्नी व बेटी के साथ था. रात करीब 8:30 बजे पड़ोस में रहने वाला बुधनदास उसके घर पर आया और उसकी पत्नी के पास खेल रही एक साल की बच्ची को खिलाने के बहाने से अपने पास लिया व लेकर चला गया.
कुछ देर बाद पड़ोस में रहने वाले अन्य लोगों ने बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनी और बच्ची के माता-पिता को इसकी जानकारी दी. पीड़ित परिवार घटनास्थल पर पहुंचा तो बच्ची लहूलुहान पड़ी थी. आरोपी मौके से फरार हो गया था. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने तुरंत मामले की शिकायत पुलिस को दी थी.