अलवर. जिन पुलिसकर्मियों पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है, वे खुद ही लोगों को लूटने लगे तो आम जनता कहां जाएगी. अलवर में कुछ ऐसा ही वाकया देखने को मिल रहा है. अलवर में पुलिस कांस्टेबलों की ओऱ से लूटपाट करने का मामला सामने आने पर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने जांच के बाद कार्रवाई करते हुए एक घटना में शामिल चार कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है.
इनमें से एक कांस्टेबलों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. वहीं तीन अन्य कांस्टेबलों को गिरफ्तार करने के आदेश भी दिए गए हैं. उनको गिरफ्तार करने के लिए लगातार पुलिस टीम दबिश दे रही है. पुलिसकर्मियों के लूट की घटना में शामिल होने से पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.
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अलवर के गोविंदगढ़ थाने में 29 जुलाई को साहिल नाम के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने साले के साथ बाइक पर जा रहा था. इसी दौरान पीछे से एक गाड़ी में आए चार लोगों ने उन दोनों को बंधक बना लिया. बदमाशों ने उनके पास से 27000 लूट लिए व पेटीएम की मदद से करीब 13000 भी ट्रांसफर करा लिए. उसके बाद दोनों को जंगल में फेंक दिया.
इस मामले में पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू की. पुलिस ने इस घटना में मुख्य आरोपी राहुल को गिरफ्तार किया. राहुल से पूछताछ में इस घटना में पुलिसकर्मियों के शामिल होने की जानकारी मिली.
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राहुल ने पुलिस को बताया कि एनईबी थाने में तैनात कांस्टेबल अनीस और गंगाराम व शिवाजी पार्क थाने में तैनात नरेंद्र ने उसके साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया है. जबकि सदर थाने में तैनात रामजीलाल नाम के कॉन्स्टेबल पर शिकायतकर्ता को धमकाने और गुमराह करने का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने चारों कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है. रामजीत कांस्टेबल गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीन अन्य कांस्टेबलों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि कानून सभी के लिए समान है अनीश, गंगाराम व नरेंद्र 30 जुलाई से ड्यूटी पर अनुपस्थित चल रहे हैं. इनको गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं. जल्द ही तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इनसे पूछताछ में और खुलासे हो सकते हैं.