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अलवर डिटेंशन सेंटर से फरार हुए 4 बांग्लादेशी नागरिकों का 3 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं - 4 Bangladeshi absconding from jail

अलवर के केंद्रीय कारागार में बने डिटेंशन सेंटर से फरार हुए 4 बांग्लादेशी नागरिकों के मामले में पुलिस प्रशासन के हाथ अभी भी खाली हैं. तीन दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उनका कोई पता नहीं लग पाया है. वहीं, इस मामले में सेंट्रल जेल के डिटेंशन सेंटर में लगे पुलिस गार्ड को लाइन हाजिर किया गया है.

4 Bangladeshi absconding from jail, Detention Center of Rajasthan
डिटेंशन सेंटर से फरार हुए बांग्लादेशी नागिरकों का पता नहीं लगा पाई पुलिस
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Published : Jun 25, 2020, 8:19 PM IST

अलवर. जिले में स्थित केंद्रीय कारागार की दीवार कूदकर चार बांग्लादेशी नागरिक फरार हुए थे. जिनका अब तक कोई भी सुराग नहीं मिला है. मामले की जांच पड़ताल में जुटे जेल अधिकारियों ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं होने पर नागरिक फरार हुए हैं. जिनकी तलाश पुलिस और जेल प्रशासन की तरफ से लगातार की जा रही है.

केंद्रीय कारागार में प्रदेश का एकमात्र डिटेंशन सेंटर चलता है, इसमें विदेशी बंदियों को सजा पूरी होने के बाद रखा जाता है. इस दौरान उनको वापस उनके वतन भेजने की प्रक्रिया की जाती है. बांग्लादेश के 4 नागरिक 2 दिन पहले डिटेंशन सेंटर की दीवार कूदकर फरार हो गए थे. इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस और जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

डिटेंशन सेंटर से फरार हुए बांग्लादेशी नागिरकों का पता नहीं लगा पाई पुलिस

जिसके बाद पूरे जिले में नाकाबंदी की गई. लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. जो लोग फरार हुए हैं उनमें मोहम्मद अकबर उर्फ यूसुफ उर्फ मिथुन पुत्र शमशेर गाजी उम्र 28 साल, दूसरा व्यक्ति बिलाल हुसैन पुत्र इनामुल हक, तीसरा व्यक्ति बिलाल पुत्र साधू उम्र 30 वर्ष और चौथा व्यक्ति मोहम्मद सेटू शेख पुत्र मोहम्मद सिराजुल उम्र 30 वर्ष शामिल है.

पढ़ें- अलवर केंद्रीय कारागार में बने डिटेंशन सेंटर से 4 बांग्लादेशी फरार

जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 के बीच इन सभी को डिटेंशन सेंटर में लाया गया. मोहम्मद अकबर 1 जनवरी 2018 को अजमेर, मोहम्मद बिलाल 4 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय कारागार जयपुर, बिलाल पुत्र साधू 31 मई को श्री गंगानगर, मोहम्मद सिराजुल को 26 नवंबर 2018 को जोधपुर से डिटेंशन सेंटर में लाया गया था.

चारों बांग्लादेशी नागरिक एक रस्सी के सहारे दीवार फांद कर फरार हुए. उन्होंने दोपहर को खाना खाया और कपड़ों की रस्सी बनाकर दीवार फांद कर फरार हो गए. जांच पड़ताल में पता चला कि कुछ दिनों से एक कंबल और दरियों को फाड़ कर रस्सी बनाने का काम कर रहे थे. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया. पुलिस की तरफ से पूरे जिले में नाकाबंदी कराई गई. लेकिन उसके बाद भी पुलिस को सफलता नहीं मिली.

पढ़ें- अलवर केंद्रीय कारागार में 2 बंदी कोरोना पॉजिटिव

जेल प्रशासन ने इस मामले को लेकर कहा कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए विदेशी नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस प्रशासन का है. जेल प्रशासन की तरफ से विदेशी नागरिकों को रखने के लिए जगह और खाने की व्यवस्था की जाती है. अभी तक की जांच पड़ताल में पता चला है कि इस मामले में कहीं ना कहीं सुरक्षा कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसके चलते बांग्लादेशी नागरिक फरार हुए हैं.

इस मामले में पुलिस की तरफ से कार्रवाई करते हुए सेंट्रल जेल के डिटेंशन सेंटर में लगे पुलिस गार्ड को लाइन हाजिर किया गया है. वहीं, गार्ड इंचार्ज की तरफ से सेंटर से फरार हए बांग्लादेशियों के खिलाफ शहर कोतवाली में मामला भी दर्ज कराया गया है.

22 जून को फरार हुए थे 4 बांग्लादेशी

अलवर के केंद्रीय कारागार में बने डिटेंशन सेंटर से 4 बांग्लादेशी नागरिक 22 जून को दीवार कूदकर फरार हो गए. इस घटना की सूचना के बाद पुलिस ने जिले में नाकाबंदी की लेकिन अभी तक उनके हाथ कोई सफलता नहीं लगी है. राजस्थान का डिटेंशन सेंटर अलवर के केंद्रीय कारागार में बना हुआ है. जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित कई देशों के विदेशी नागरिक बंद हैं.

अलवर. जिले में स्थित केंद्रीय कारागार की दीवार कूदकर चार बांग्लादेशी नागरिक फरार हुए थे. जिनका अब तक कोई भी सुराग नहीं मिला है. मामले की जांच पड़ताल में जुटे जेल अधिकारियों ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं होने पर नागरिक फरार हुए हैं. जिनकी तलाश पुलिस और जेल प्रशासन की तरफ से लगातार की जा रही है.

केंद्रीय कारागार में प्रदेश का एकमात्र डिटेंशन सेंटर चलता है, इसमें विदेशी बंदियों को सजा पूरी होने के बाद रखा जाता है. इस दौरान उनको वापस उनके वतन भेजने की प्रक्रिया की जाती है. बांग्लादेश के 4 नागरिक 2 दिन पहले डिटेंशन सेंटर की दीवार कूदकर फरार हो गए थे. इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस और जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

डिटेंशन सेंटर से फरार हुए बांग्लादेशी नागिरकों का पता नहीं लगा पाई पुलिस

जिसके बाद पूरे जिले में नाकाबंदी की गई. लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. जो लोग फरार हुए हैं उनमें मोहम्मद अकबर उर्फ यूसुफ उर्फ मिथुन पुत्र शमशेर गाजी उम्र 28 साल, दूसरा व्यक्ति बिलाल हुसैन पुत्र इनामुल हक, तीसरा व्यक्ति बिलाल पुत्र साधू उम्र 30 वर्ष और चौथा व्यक्ति मोहम्मद सेटू शेख पुत्र मोहम्मद सिराजुल उम्र 30 वर्ष शामिल है.

पढ़ें- अलवर केंद्रीय कारागार में बने डिटेंशन सेंटर से 4 बांग्लादेशी फरार

जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 के बीच इन सभी को डिटेंशन सेंटर में लाया गया. मोहम्मद अकबर 1 जनवरी 2018 को अजमेर, मोहम्मद बिलाल 4 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय कारागार जयपुर, बिलाल पुत्र साधू 31 मई को श्री गंगानगर, मोहम्मद सिराजुल को 26 नवंबर 2018 को जोधपुर से डिटेंशन सेंटर में लाया गया था.

चारों बांग्लादेशी नागरिक एक रस्सी के सहारे दीवार फांद कर फरार हुए. उन्होंने दोपहर को खाना खाया और कपड़ों की रस्सी बनाकर दीवार फांद कर फरार हो गए. जांच पड़ताल में पता चला कि कुछ दिनों से एक कंबल और दरियों को फाड़ कर रस्सी बनाने का काम कर रहे थे. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया. पुलिस की तरफ से पूरे जिले में नाकाबंदी कराई गई. लेकिन उसके बाद भी पुलिस को सफलता नहीं मिली.

पढ़ें- अलवर केंद्रीय कारागार में 2 बंदी कोरोना पॉजिटिव

जेल प्रशासन ने इस मामले को लेकर कहा कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए विदेशी नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस प्रशासन का है. जेल प्रशासन की तरफ से विदेशी नागरिकों को रखने के लिए जगह और खाने की व्यवस्था की जाती है. अभी तक की जांच पड़ताल में पता चला है कि इस मामले में कहीं ना कहीं सुरक्षा कर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसके चलते बांग्लादेशी नागरिक फरार हुए हैं.

इस मामले में पुलिस की तरफ से कार्रवाई करते हुए सेंट्रल जेल के डिटेंशन सेंटर में लगे पुलिस गार्ड को लाइन हाजिर किया गया है. वहीं, गार्ड इंचार्ज की तरफ से सेंटर से फरार हए बांग्लादेशियों के खिलाफ शहर कोतवाली में मामला भी दर्ज कराया गया है.

22 जून को फरार हुए थे 4 बांग्लादेशी

अलवर के केंद्रीय कारागार में बने डिटेंशन सेंटर से 4 बांग्लादेशी नागरिक 22 जून को दीवार कूदकर फरार हो गए. इस घटना की सूचना के बाद पुलिस ने जिले में नाकाबंदी की लेकिन अभी तक उनके हाथ कोई सफलता नहीं लगी है. राजस्थान का डिटेंशन सेंटर अलवर के केंद्रीय कारागार में बना हुआ है. जहां पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित कई देशों के विदेशी नागरिक बंद हैं.

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