अलवर. सरिस्का में सालों से लोग रह रहे हैं. लोगों के चलते लगातार वन क्षेत्र में मानव दखल बढ़ता जा रहा है. आए दिन बाघ और वन्य जीव पर हमले होते रहते हैं. ऐसे में वन्य जीव और बाघ पर खतरा रहता है. सारिस्का क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को एक बार फिर से विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हुई है. जिला कलेक्टर ने विस्थापित परिवारों को राज्य और केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ देने के लिए सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. सरिस्का के जंगल में बड़ी संख्या में ग्रामीण रहते हैं. कई बार प्रशासन की तरफ से इन ग्रामीणों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन हर बार प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया गया.
अभी तक केवल 2 गांव के लोग विस्थापित किए गए हैं. ग्रामीणों के चलते सरिस्का के जंगल में लोगों का हस्तक्षेप रहता है. आए दिन शिकारियों की हलचल नजर आती है. वहीं वन्य जीवों के शिकार के मामले भी सामने आते हैं. ऐसे में सारिस्का प्रशासन की तरफ से सारिस्का क्षेत्र में बसे 9 गांव के 216 परिवारों को विस्थापित करने की योजना तैयार की गई है. इस संबंध में जिला कलेक्टर आनंदी बाघ परियोजना सरिस्का की जिला स्तरीय इंप्लीमेंटेशन कमेटी की बैठक ली, इसमें सरकारी विभाग के अधिकारियों को विस्थापित परिवारों के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं.
विस्थापित परिवारों को बहरोड़ के बड़ोद और लक्ष्मणगढ़ के मौजपुर क्षेत्र में विस्थापित किया जाना है. इसके लिए एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. बड़ौदा और मौजपुर के रुन्द में विस्थापित परिवारों के पशुधन का टीकाकरण कराने सहायक निदेशक कृषि को निर्देशित किया गया है कि कृषि विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिया जाए. इसके अलावा परिवारों के राशन कार्ड पहचान पत्र आधार कार्ड में यदि कोई त्रुटि है, तो उसको ठीक कराया जाए. उनमें नए नाम जोड़े जाएं.
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इसके अलावा मनरेगा योजना में प्रस्ताव लेकर ग्रेवल सड़क मार्ग से इन गांवों को जोड़ने कौशल विकास निगम के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने सहित अन्य कार्य ग्रामीणों के लिए करने के निर्देश दिए हैं. विस्थापन की प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है. ग्रामीण विस्थापन के पक्ष में नहीं है, जबकि प्रशासन लगातार ग्रामीणों को विस्थापित करने के प्रयास कर रहा है. सिर्फ का प्रशासन की माने तो विस्थापित परिवारों को सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे उनका जीवन यापन बेहतर हो सके.