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Winter Special Dishes: सर्दियों में बढ़ा अजमेर का जायका, बाजारों में गुड़, तिल, मूंगफली और मेवों से बने व्यंजनों की डिमांड बढ़ी - ajmer latest news

सर्दियों में खाने-पीने के अलग ही आनंद है. धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में भी सर्दियों के मौसम में तिल, गुड़, मूंगफली और मेवों से बने व्यंजनों की डिमांड बढ़ जाती है. पारंपरिक ढंग से तैयार किए गए यहां के गजक और अन्य खाद्य उत्पादों की विदेशों तक में खास डिमांड रहती है. इन बाजारों में इन खास व्यंजनों को खरीदने के लिए दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ (Winter Special Dishes Demand increased) लगी रहती है.

Winter Special Dishes
सर्दियों में बढ़ा अजमेर का जायका
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Published : Dec 19, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Dec 19, 2021, 8:42 PM IST

अजमेर. सर्द के मौसम में खान-पान भी विशेष हो जाता है. गुड़, तिल, मुंगफली और मेवों से बने कई प्रकार की मिठाई और व्यंजन खाने का लुत्फ सर्दियों में ही आता है. यही वजह है कि ठंड में इन व्यजनों की डिमांड काफी बढ़ (Winter Special Dishes Demand increased) जाती है. अजमेर के जायके में गुलाबी सर्दी में तिल गुड़ के विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. इन व्यंजनों का स्वाद देश के कई राज्यों में ही नहीं विदेशों तक पहुंचता है.

खाने-पीने का मजा सर्दियों में ज्यादा आता है. राजस्थान की ह्रदय स्थली अजमेर में सभी धर्म जाति के लोग रहते हैं जिनका अपना खान पान है. लेकिन सर्द मौसम में तिल गुड़, मुंगफली और मेवों के बने पारंपरिक व्यंजन सभी को खूब पसंद आते हैं. धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में रोज हजारों लोगों का आना जाना रहता है. वहीं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी देश-विदेश में कारोबार के सिलसिले में आते रहते हैं. यही वजह है कि अजमेर का स्वाद भी देश विदेश में पंहुचता रहता है.

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सर्दी अपना असर दिखा रही है. ऐसे में गुड़, तिल, मुंगफली और मेवों के व्यंजनों की डिमांड बढ़ती जा रही है. दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जुट रही है. बताया जाता है कि सर्दी में तिल, गुड़, मुंगफली और मेवे शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक है. दुकानों पर कई तरह के व्यंजन उपलब्ध हैं. खास बात यह है कि इन व्यंजनों को बनाने का तरीका भी पारंपरिक ही है.

आमतौर पर इन व्यंजनों में कई फ्लेवर भी मिलाए जाते हैं लेकिन अजमेर में बनने वाले व्यंजन पारंपरिक ही हैं. प्रसिद्ध गजक व्यापारी जितेंद्र लखवानी बताते हैं कि 45 वर्षों से उनका परिवार इन व्यंजनों को बनाता आ रहा है. सर्दी के समय इन व्यजनों की डिमांड इतनी बढ़ रही है कि कई राज्यों में उनके ब्रांड की गजक के डीलर बन चुके हैं. इतना ही नहीं उनके यहां बनने वाली गजक विदेशों में भी जा रही है.

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लखवानी बताते हैं कि इन गजक में बच्चों से लेकर वृद्धजन का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. बच्चों के लिए केसर की गजक और वृद्धजन के लिए तिल, गुड़ की बर्फी बनाई जाती है ताकि खाने में तकलीफ न हो. उन्होंने बताया कि उनके पास 250 से लेकर 600 रुपए तक की विभिन्न वैरायटी के व्यंजन उपलब्ध है.

तिल, गुड़, मुंगफली और मेवे से बने व्यंजनों की बात करें तो काजू-पिस्ता, तिलपट्टी, ड्राई फ्रूट्स, चिक्की, मूंगफली, गुड़, चिक्की, मूंगफली, शक्कर, काजू, गोंद के लड्डू, अजब गजब बर्फी, केसर बादाम गजक, बिस्किट गजक, खस्ता पिस्ता गजक, राजगिरे की गजक, ड्राई फ्रूट्स से बनाई गई विभिन्न प्रकार की रेवड़ी सहित कई व्यंजनों की खासी डिमांड है.

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केसरगंज के प्रसिद्ध गजक व्यापारी सनी जैन बताते हैं कि लोग अपने लिए एवं दूरदराज रहने वाले रिश्तेदारों को भेजने के लिए गजक खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी व्यंजनों को कुशल कारीगर पारंपरा गत तरीके से ही बनते है। इसमें काफी मेहनत लगती है। तिल की जितनी कुटाई होती है उतनी मुलायम गजक और अन्य व्यंजन बनते है। इसमें सारा दमदार तिल की कुटाई पर ही निर्भर है। जैन ने बताया कि उनके पास 350 रुपए प्रतिकिलो से 1250 रुपए प्रतिकिलो तक में गजक उपलब्ध है.

यह विशेष व्यंजन खरीदने आए लोगों का मानना है कि सर्दियों में इसे खाने से स्वास्थ बेहतर रहता है. तिल, गुड़, मेवे से बना यह व्यंजन का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी इसे बड़े चाव से खाते हैं.

अजमेर में एक हजार से भी अधिक गजक बनाने वाले कारीगर हैं. फिलाल इस कारोबार का यह पीक समय है. फरवरी तक कारोबार फलता फूलता रहेगा. इसके साथ ही अजमेर का यह जायका भी अजमेर आने वाले लोगों के साथ देश विदेश तक पंहुच रहा है.

अजमेर. सर्द के मौसम में खान-पान भी विशेष हो जाता है. गुड़, तिल, मुंगफली और मेवों से बने कई प्रकार की मिठाई और व्यंजन खाने का लुत्फ सर्दियों में ही आता है. यही वजह है कि ठंड में इन व्यजनों की डिमांड काफी बढ़ (Winter Special Dishes Demand increased) जाती है. अजमेर के जायके में गुलाबी सर्दी में तिल गुड़ के विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. इन व्यंजनों का स्वाद देश के कई राज्यों में ही नहीं विदेशों तक पहुंचता है.

खाने-पीने का मजा सर्दियों में ज्यादा आता है. राजस्थान की ह्रदय स्थली अजमेर में सभी धर्म जाति के लोग रहते हैं जिनका अपना खान पान है. लेकिन सर्द मौसम में तिल गुड़, मुंगफली और मेवों के बने पारंपरिक व्यंजन सभी को खूब पसंद आते हैं. धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में रोज हजारों लोगों का आना जाना रहता है. वहीं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी देश-विदेश में कारोबार के सिलसिले में आते रहते हैं. यही वजह है कि अजमेर का स्वाद भी देश विदेश में पंहुचता रहता है.

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आमतौर पर इन व्यंजनों में कई फ्लेवर भी मिलाए जाते हैं लेकिन अजमेर में बनने वाले व्यंजन पारंपरिक ही हैं. प्रसिद्ध गजक व्यापारी जितेंद्र लखवानी बताते हैं कि 45 वर्षों से उनका परिवार इन व्यंजनों को बनाता आ रहा है. सर्दी के समय इन व्यजनों की डिमांड इतनी बढ़ रही है कि कई राज्यों में उनके ब्रांड की गजक के डीलर बन चुके हैं. इतना ही नहीं उनके यहां बनने वाली गजक विदेशों में भी जा रही है.

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लखवानी बताते हैं कि इन गजक में बच्चों से लेकर वृद्धजन का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. बच्चों के लिए केसर की गजक और वृद्धजन के लिए तिल, गुड़ की बर्फी बनाई जाती है ताकि खाने में तकलीफ न हो. उन्होंने बताया कि उनके पास 250 से लेकर 600 रुपए तक की विभिन्न वैरायटी के व्यंजन उपलब्ध है.

तिल, गुड़, मुंगफली और मेवे से बने व्यंजनों की बात करें तो काजू-पिस्ता, तिलपट्टी, ड्राई फ्रूट्स, चिक्की, मूंगफली, गुड़, चिक्की, मूंगफली, शक्कर, काजू, गोंद के लड्डू, अजब गजब बर्फी, केसर बादाम गजक, बिस्किट गजक, खस्ता पिस्ता गजक, राजगिरे की गजक, ड्राई फ्रूट्स से बनाई गई विभिन्न प्रकार की रेवड़ी सहित कई व्यंजनों की खासी डिमांड है.

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यह विशेष व्यंजन खरीदने आए लोगों का मानना है कि सर्दियों में इसे खाने से स्वास्थ बेहतर रहता है. तिल, गुड़, मेवे से बना यह व्यंजन का लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी इसे बड़े चाव से खाते हैं.

अजमेर में एक हजार से भी अधिक गजक बनाने वाले कारीगर हैं. फिलाल इस कारोबार का यह पीक समय है. फरवरी तक कारोबार फलता फूलता रहेगा. इसके साथ ही अजमेर का यह जायका भी अजमेर आने वाले लोगों के साथ देश विदेश तक पंहुच रहा है.

Last Updated : Dec 19, 2021, 8:42 PM IST
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