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VIP Darshan at Bramha Mandir : पुष्कर में आस्था पर भारी रसूख..वीआईपी और प्रभावशाली श्रद्धालुओं को ही हो रहे ब्रह्मा में दर्शन - पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर दर्शन

अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में रसूख आस्था पर भारी पड़ रहे हैं. यहां देश के कोने-कोने से दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं. हजारों किलोमीटर की यात्रा कर रहे आम श्रद्धालुओं को ब्रह्मा मंदिर में दर्शन (Brahma Temple Darshan in Pushkar) नहीं हो रहे हैं. उन्हें पुष्कर तक आकर मायूस लौटना पड़ रहा है. जबकि वीआईपी और प्रभावशाली श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं.

VIP Darshan at Bramha Mandir
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Published : Jan 16, 2022, 3:10 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 3:56 PM IST

पुष्कर(अजमेर). विश्व विख्यात जगतपिता ब्रह्मा मंदिर उपखंड प्रशासन और अस्थाई मंदिर प्रबंधन समिति के आदेशों के बाद आज आमजन के लिए दर्शनार्थ बंद (Brahma Temple Darshan in Pushkar) कर दिया गया है. लेकिन प्रभावशाली लोगों को ब्रह्मा मंदिर के सुलभ दर्शन प्राप्त हो रहे हैं. ऐसे में सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय कर अपने आराध्य का दर्शन करने पुष्कर आ रहे श्रद्धालु मायूस और बेबस लौट रहे हैं.

लापरवाही का आलम इतना है कि मंदिर की प्रबंध समिति ने मंदिर के बाहर लगी एलईडी तक हटवा दी है, वहीं मंदिर के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था राज्य सरकार के आदेशों के बाद भी आज तक संभव नहीं हो पाई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेशभर में वीकेंड कर्फ्यू लागू है. राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को बंद करने के संबंध में कोई आदेश नहीं था.

दिल्ली से आए श्रद्धालु मायूस

कोरोना का असर एकपक्षीय ?

लेकिन पुष्कर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर पुष्कर उपखंड अधिकारी और अस्थाई मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव सुखाराम पिंडेल ने मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद करवा दिया. जबकि प्रभावशाली लोगों को मंदिर में दर्शन (VIP Darshan at Bramha Mandir) करवाने का दौर लगातार जारी रहा. दूसरी ओर सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय कर पुष्कर पहुंचे श्रद्धालु जगतपिता ब्रह्मा के दरबार में प्रभावशाली लोगों के सामने स्वयं को अदना महसूस करने को मजबूर हैं. यह पहला मामला नहीं है जब प्रबंधन समिति और मंदिर के प्राचीन नियमों को तोड़ा गया है. इससे पूर्व भी कई प्रभावशाली लोगों के लिये मंदिर की दैनिक दिनचर्या के साथ खिलवाड़ किया जा चुका है.

पढ़ें - Weekend Curfew Guideline in Rajasthan : सोमवार सुबह 5 बजे तक रहेगा वीकेंड कर्फ्यू, जानिए कहां मिलेगी छूट और कहां रहेगी पाबंदी...

आस्था में भेदभाव क्यों

ऐसे में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर की अस्थाई प्रबंधन समिति के सचिव सुखाराम पिंडेल की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण के इस मुश्किल दौर में जहां नवीन चिकित्सा पद्धति इस संक्रमण को समाप्त कर पाने में असमर्थ साबित हो रही है, वहीं भारत देश की प्राचीन धार्मिक आस्थाएं आमजन के दुर्बल मन को मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करने का काम करती हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं के मध्य इस तरह का भेदभाव भारतीय संविधान की मूल अवधारणा समता ओर समानता को चोट पहुंचा रहा है.

वीकेंड कर्फ्यू का मिला-जुला असर

अमूमन कुछ ऐसा ही नजारा कस्बे भर में देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से प्रदेश भर में वीकेंड लोक डाउन (Weekend Curfew in Pushkar) की घोषणा राज्य सरकार ने कर दी है. जिसको लेकर आवश्यक सेवाओं के अलावा सारी गतिविधियों पर रोक आमद कर दी गई है. लेकिन तीर्थ नगरी पुष्कर में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा. आमजन बिना मासक के बाजारों में विचरण करते नज़र आ रहे हैं. वहीं गैर जरूरी उत्पादों की दुकानें और ठेले खुले हैं. ऐसे में वीकेंड कर्फ्यू का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है.

पुष्कर(अजमेर). विश्व विख्यात जगतपिता ब्रह्मा मंदिर उपखंड प्रशासन और अस्थाई मंदिर प्रबंधन समिति के आदेशों के बाद आज आमजन के लिए दर्शनार्थ बंद (Brahma Temple Darshan in Pushkar) कर दिया गया है. लेकिन प्रभावशाली लोगों को ब्रह्मा मंदिर के सुलभ दर्शन प्राप्त हो रहे हैं. ऐसे में सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय कर अपने आराध्य का दर्शन करने पुष्कर आ रहे श्रद्धालु मायूस और बेबस लौट रहे हैं.

लापरवाही का आलम इतना है कि मंदिर की प्रबंध समिति ने मंदिर के बाहर लगी एलईडी तक हटवा दी है, वहीं मंदिर के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था राज्य सरकार के आदेशों के बाद भी आज तक संभव नहीं हो पाई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेशभर में वीकेंड कर्फ्यू लागू है. राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को बंद करने के संबंध में कोई आदेश नहीं था.

दिल्ली से आए श्रद्धालु मायूस

कोरोना का असर एकपक्षीय ?

लेकिन पुष्कर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर पुष्कर उपखंड अधिकारी और अस्थाई मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव सुखाराम पिंडेल ने मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद करवा दिया. जबकि प्रभावशाली लोगों को मंदिर में दर्शन (VIP Darshan at Bramha Mandir) करवाने का दौर लगातार जारी रहा. दूसरी ओर सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय कर पुष्कर पहुंचे श्रद्धालु जगतपिता ब्रह्मा के दरबार में प्रभावशाली लोगों के सामने स्वयं को अदना महसूस करने को मजबूर हैं. यह पहला मामला नहीं है जब प्रबंधन समिति और मंदिर के प्राचीन नियमों को तोड़ा गया है. इससे पूर्व भी कई प्रभावशाली लोगों के लिये मंदिर की दैनिक दिनचर्या के साथ खिलवाड़ किया जा चुका है.

पढ़ें - Weekend Curfew Guideline in Rajasthan : सोमवार सुबह 5 बजे तक रहेगा वीकेंड कर्फ्यू, जानिए कहां मिलेगी छूट और कहां रहेगी पाबंदी...

आस्था में भेदभाव क्यों

ऐसे में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर की अस्थाई प्रबंधन समिति के सचिव सुखाराम पिंडेल की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण के इस मुश्किल दौर में जहां नवीन चिकित्सा पद्धति इस संक्रमण को समाप्त कर पाने में असमर्थ साबित हो रही है, वहीं भारत देश की प्राचीन धार्मिक आस्थाएं आमजन के दुर्बल मन को मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करने का काम करती हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं के मध्य इस तरह का भेदभाव भारतीय संविधान की मूल अवधारणा समता ओर समानता को चोट पहुंचा रहा है.

वीकेंड कर्फ्यू का मिला-जुला असर

अमूमन कुछ ऐसा ही नजारा कस्बे भर में देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से प्रदेश भर में वीकेंड लोक डाउन (Weekend Curfew in Pushkar) की घोषणा राज्य सरकार ने कर दी है. जिसको लेकर आवश्यक सेवाओं के अलावा सारी गतिविधियों पर रोक आमद कर दी गई है. लेकिन तीर्थ नगरी पुष्कर में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा. आमजन बिना मासक के बाजारों में विचरण करते नज़र आ रहे हैं. वहीं गैर जरूरी उत्पादों की दुकानें और ठेले खुले हैं. ऐसे में वीकेंड कर्फ्यू का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है.

Last Updated : Jan 16, 2022, 3:56 PM IST
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