अजमेर. जानकारी के मुताबिक नूर मोहम्मद 15 वर्षों से अजमेर पंचशील में रह रहे थे. शनिवार को अचानक तबीयत बिगड़ने से उनका इंतकाल हो गया. 91 वर्षीय नूर मोहम्मद भारत और पाकिस्तान के 1971 में लड़ी गई जंग के योद्धा थे. जांबाजी के साथ उन्होंने जंग लड़ी, लेकिन इस दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें बंदी बना लिया था.
1 वर्ष के बाद जब युद्ध बंदियों की अदला-बदली हुई, तब उन्हें मुक्त किया गया. सन 1972 में तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने परमवीर चक्र से उन्हें सम्मानित किया था. नूर मोहम्मद के इंतकाल के बाद राजकीय सम्मान के साथ उनकी देह को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
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पुलिस जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस दौरान एसडीएम और तहसीलदार के अलावा कायमखानी विकास संस्था अजमेर के सचिव मनवर खान कायमखानी, अयूब खान सरदारपुरा, रमजान खान, हाजी सलीम रूपपुरा, मोहम्मद हनीफ भी मौजूद रहे.