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राज्य सरकार गरीब कामगारों को दे आर्थिक पैकेज, CM गहलोत को देवनानी ने लिखा पत्र - गरीब कामगारों को आर्थिक पैकेज

पूरे देश में कोरोना महामारी को देखते हुए विधायक वासुदेव देवनानी ने सीएम को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने गरीब कामगार लोगों के लिए अन्य राज्यों की भांति आर्थिक पैकेज स्वीकृत करते हुए उनके खातों में कम से कम 5-5 हजार रुपए जमा करवाने की बात कही है.

देवनानी ने सीएम को लिखा पत्र, Devnani wrote a letter to CM
गहलोत को पत्र लिखकर देवनानी ने किया आग्रह
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Published : May 8, 2020, 11:54 PM IST

अजमेर. अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि रोज कमाकर खाने वाले प्रदेश के गरीब कामगार लोगों के लिए अन्य राज्यों की भांति आर्थिक पैकेज स्वीकृत करते हुए उनके खातों में कम से कम 5-5 हजार रुपए जमा करवाए जाए.

देवनानी ने मुख्यमंत्री से पत्र के जरिए आग्रह किया कि जिस प्रकार कर्नाटक सरकार ने अभी हाल ही में ऐसे लोगों के खातों में 5-5 हजार रुपए डलवाकर 1 हजार 610 करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया है. उसी प्रकार राजस्थान में भी लॉकडाउन के कारण बेरोजगार बैठे गरीब कामगार लोगों को संबल प्रदान करने के लिए शीघ्र ही आर्थिक पैकेज स्वीकृत किया जाना चाहिए.

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उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में रोजाना की कमाई पर निर्भर गरीब कामगारों की पीड़ा का उल्लेख करते हुए लिखा कि प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन को 48 दिन हो गए है. इतने लम्बे समय से हेअर कटिंग का कार्य करने वाले नाई, कपड़े धोने और प्रेस का कार्य करने वाले धोबी, ऑटों चालक, टैक्सी चालक और इस प्रकार के अन्य कार्य कर दैनिक मजदूरी से अपनी आजीविका चलाने वाले लोग बेरोजगार बैठे है. इनके काम जल्दी शुरू हो जाएंगे. इसके आसार भी कम ही नजर आ रहे है.

इनमें से कुछ लोगों को राशन का गेहूं उपलब्ध हो गया, लेकिन कई लोग जिनके एपीएल श्रेणी के कार्ड है उन्हें नहीं मिल पाया हैं. ऐसे लोगों को दैनिक कमाई नहीं होने से जीवन की अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाना भी बहुत मुश्किल हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी मांग की है कि दूध, सब्जी विक्रेताओं, डेयरी संचालकों की जांच करवाकर ही पास जारी किए जाएं. जिससे आमजन भी अधिकृत विक्रेता से ही खरीद कर सके. देवनानी ने कहा कि गुजरात में कई स्थानों पर सब्जी विक्रेताओं के सम्पर्क से संक्रमण फैल गया है. प्रभारी सचिव देथा से इस सम्बंध में चर्चा कर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया है.

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अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि कृषि मंडियों में खरीद और बेची जाने वाली सभी कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत की दर से लागू किया गया. कृषक कल्याण शुल्क कर और पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाए गए टैक्स को तुरन्त वापस लिया जाए.

देवनानी ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात और लॉकडाउन के समय में सरकार की ओर से अपना खजाना भरने का प्रयास कतई उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों में कृषि उपज पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाना और काम धंधे बन्द होने से बेरोजगार हुए लोगों पर पेट्रोल, डीजल की दरे बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ डालना राज्य सरकार के असंवेदनशील चेहरे को दर्शाता है.

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जबकि सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर मार्च में ही वेट बढ़ाया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश की 247 कृषि मंडियों में विरोधस्वरूप काम बंद है. जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है और आटा, दाल, तेल मीले बन्द है. जिसके कारण व्यापारियों को माल नहीं मिल पा रहा है. परिणामस्वरूप आमजन को भी बाजार में सामग्री आसानी से उपलबद्ध नहीं हो रही है. राज्य सरकार को इस मामले में तत्काल व्यापारियों से वार्ता कर समाधान निकालना चाहिए.

अजमेर. अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि रोज कमाकर खाने वाले प्रदेश के गरीब कामगार लोगों के लिए अन्य राज्यों की भांति आर्थिक पैकेज स्वीकृत करते हुए उनके खातों में कम से कम 5-5 हजार रुपए जमा करवाए जाए.

देवनानी ने मुख्यमंत्री से पत्र के जरिए आग्रह किया कि जिस प्रकार कर्नाटक सरकार ने अभी हाल ही में ऐसे लोगों के खातों में 5-5 हजार रुपए डलवाकर 1 हजार 610 करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया है. उसी प्रकार राजस्थान में भी लॉकडाउन के कारण बेरोजगार बैठे गरीब कामगार लोगों को संबल प्रदान करने के लिए शीघ्र ही आर्थिक पैकेज स्वीकृत किया जाना चाहिए.

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उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में रोजाना की कमाई पर निर्भर गरीब कामगारों की पीड़ा का उल्लेख करते हुए लिखा कि प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन को 48 दिन हो गए है. इतने लम्बे समय से हेअर कटिंग का कार्य करने वाले नाई, कपड़े धोने और प्रेस का कार्य करने वाले धोबी, ऑटों चालक, टैक्सी चालक और इस प्रकार के अन्य कार्य कर दैनिक मजदूरी से अपनी आजीविका चलाने वाले लोग बेरोजगार बैठे है. इनके काम जल्दी शुरू हो जाएंगे. इसके आसार भी कम ही नजर आ रहे है.

इनमें से कुछ लोगों को राशन का गेहूं उपलब्ध हो गया, लेकिन कई लोग जिनके एपीएल श्रेणी के कार्ड है उन्हें नहीं मिल पाया हैं. ऐसे लोगों को दैनिक कमाई नहीं होने से जीवन की अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाना भी बहुत मुश्किल हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी मांग की है कि दूध, सब्जी विक्रेताओं, डेयरी संचालकों की जांच करवाकर ही पास जारी किए जाएं. जिससे आमजन भी अधिकृत विक्रेता से ही खरीद कर सके. देवनानी ने कहा कि गुजरात में कई स्थानों पर सब्जी विक्रेताओं के सम्पर्क से संक्रमण फैल गया है. प्रभारी सचिव देथा से इस सम्बंध में चर्चा कर उचित निर्णय लेने का आग्रह किया है.

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अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि कृषि मंडियों में खरीद और बेची जाने वाली सभी कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत की दर से लागू किया गया. कृषक कल्याण शुल्क कर और पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाए गए टैक्स को तुरन्त वापस लिया जाए.

देवनानी ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात और लॉकडाउन के समय में सरकार की ओर से अपना खजाना भरने का प्रयास कतई उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों में कृषि उपज पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाना और काम धंधे बन्द होने से बेरोजगार हुए लोगों पर पेट्रोल, डीजल की दरे बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ डालना राज्य सरकार के असंवेदनशील चेहरे को दर्शाता है.

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जबकि सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर मार्च में ही वेट बढ़ाया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश की 247 कृषि मंडियों में विरोधस्वरूप काम बंद है. जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है और आटा, दाल, तेल मीले बन्द है. जिसके कारण व्यापारियों को माल नहीं मिल पा रहा है. परिणामस्वरूप आमजन को भी बाजार में सामग्री आसानी से उपलबद्ध नहीं हो रही है. राज्य सरकार को इस मामले में तत्काल व्यापारियों से वार्ता कर समाधान निकालना चाहिए.

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