अजमेर. शहर में आगरा गेट स्थित प्राचीन वैभव लक्ष्मी माता का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा है. धनतेरस से भाई दूज तक वैभव लक्ष्मी माता के मंदिर में मेले जैसा माहौल रहता है. इस मंदिर की मान्यता है कि दीपावली के दिन मंदिर में घी का दीया जलाने और माता को खीर का भोग लगाने से दुख-दरिद्रता का नाश होता है और वैभव लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
बताया जाता है कि आगरा गेट पर वैभव लक्ष्मी माता का मंदिर मराठा कालीन है. पंडित सीताराम शर्मा ने बताया कि उनके पूर्वज सालों से मंदिर में सेवा करते आए हैं. यूं तो हर रोज वैभव लक्ष्मी माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालु आते हैं. लेकिन शुक्रवार के दिन माता की पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. विशेष कर दीपावली के दिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक रहती है. यही वजह है कि वर्षों से दीपावली पर मां वैभव लक्ष्मी का मेला लगता आया है.
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वहीं, उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन सुबह 4 बजे से महिलाओं का मंदिर में आना शुरू हो जाता है. महिलाएं मंदिर में घी का दीपक जलाकर वैभव लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना करती हैं और उन्हें खीर का भोग लगाती हैं. यह क्रम रात के 12 बजे तक जारी रहता है.
पंडित प्रकाश शर्मा ने कहा कि धनतेरस से लेकर भाई दूज तक मां वैभव लक्ष्मी के मंदिर में लोगों का मेला लगा रहता है. दीपावली की नजदीकियों को देखते हुए मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं. उन्होंने बताया कि अजमेर में मराठों के शासन के समय से वैभव लक्ष्मी माता की पूजा अर्चना की जा रही है. उसी समय से माता वैभव लक्ष्मी का मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र रहा है. कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से हर शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी माता के दर्शन करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. वहीं, दीपावली पर माता वैभव लक्ष्मी के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है.
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दीपावली के पावन पर्व पर घर-घर में महालक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. अजमेर में वैभव लक्ष्मी माता के मंदिर में घी का दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करने के बाद खीर का भोग लगाने की परंपरा है. लोगों का विश्वास है कि ऐसा करने पर माता वैभव लक्ष्मी की कृपा से उनके दुख-दरिद्र का नाश होगा. वहीं घर में धन-धान्य और वैभव का वास होगा.