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उर्स मेला 2021: हजारों जायरीनों का कायड़ विश्राम स्थली में होगा ठहराव, जानिए इस बार कैसे रहेंगे इंतजाम...

सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज के 809वें उर्स मेले की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है. उर्स मेले में आने वाले जायरीनों की सहूलियत के लिए प्रशासनिक तौर पर तैयारियां जारी है. वहीं, दूसरी ओर दरगाह कमेटी की ओर से भी कायड़ विश्राम स्थली में जायरीन के ठहरने, खाने-पीने और सुरक्षा से संबंधित तमाम इंतजाम किए गए हैं.

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Published : Feb 10, 2021, 9:57 PM IST

Arrangements for Urs mela 2021,  Ursa mela 2021
उर्स मेला 2021 की तैयारी

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज के 809वें उर्स मेले को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है. देश के कोने-कोने से आने वाले जायरीन ठहरने और उनके वाहन खड़े करने के लिए कायड़ विश्राम स्थली पर व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है. विश्राम स्थली में हजारों जायरीन आकर ठहरते हैं.

उर्स मेला 2021 की तैयारियों को लेकर बातचीत-1

ईटीवी भारत ने देश के कोने-कोने से आने वाले जायरीन की सहूलियत के लिए कायड़ विश्राम स्थली में किए जा रहे इंतजामों के बारे में दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डॉ. आदिल से बातचीत की. आदिल ने बताया कि आस्था के दरमियान जब इश्क की खुशबू बिखरती है तो बुराइयां खुद ब खुद दूर होती चली जाती है. उम्मीद है कि उर्स के बाद से पूरी दुनिया से कोविड 19 का खात्मा हो जाएगा.

सरकारी हिदायतों का पूरा ख्याल रखा जाएगा

कायड़ विश्राम स्थली में इंतजामों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जायरीन का ठहराव यहां होता है. इस दौरान पूरी कोशिश की जाएगी कि सरकारी हिदायतों का पूरा ख्याल रखा जाए. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हाथ धोने या सैनिटाइज करने के बारे में हर जायरीन को बताया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकों और विश्राम स्थली में दौरे के दौरान विशेष रूप से हर जायरीन की जिंदगी को महफूज रखने को प्राथमिकता दी जा रही है.

पढ़ें- SPECIAL : कभी रोटी के लिए फैलाने पड़े थे हाथ...अब ये भिखारी नहीं, स्टूडेंट हैं, ट्रेनिंग के बाद मिलेगी नौकरी

आदिल ने बताया कि कोशिश है कि यहां आने वाला जायरीन बुरे तजुर्बे के साथ ना जाए, बल्कि जिस तरह से वह सेहतमंद आया है उसी तरीके से खुश होकर जाए. उन्होंने बताया कि कायड़ विश्राम स्थली में दरगाह कमेटी की 150 बीघा जमीन रिहायशी के लिए तय की गई है. यहां 17 बड़े रैन बसेरे बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा 3 बड़े बरामदे और जी प्लस थ्री की एक डोमेट्री है. इनमें 40 से 50 हजार लोग रह सकते हैं.

उर्स मेला 2021 की तैयारियों को लेकर बातचीत-2

700 से अधिक चोलदारिया

इसके अलावा अलग-अलग ब्लॉक बने हुए हैं, जहां चोल दरिया बनाकर भी उन जायरीन को किराए पर दी जाती है जो परिवार के साथ आते हैं. 700 से अधिक चोलदारिया लगाकर जायरीन को ठहराया जा सकता है. वहीं, कई जायरीन स्वयं की व्यवस्था करके भी आते हैं. इसके अलावा जायरीन के खाने-पीने के लिए रसद विभाग की ओर से विशेष इंतजाम किए जाते हैं.

राज्य सरकार की इंदिरा रसोई योजना के तहत भी स्टॉल लगाई जाती है. भोजनालय की भी व्यवस्था रहती है. इसके अलावा ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वाले यहां लंगर की भी व्यवस्था करते हैं. जग में हर दिन अलग-अलग तरह का भोजन जायरीन को तक्सीम किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस बार भी कम्युनिटी किचन बनाने की व्यवस्था रसद विभाग के माध्यम से की जाएगी, जहां रियायती दर पर जायरीन को खाना पकाने की व्यवस्था मिल सके.

जायरीन के पंजीयन के लिए विशेष इंतजाम

ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डॉ. आदिल ने बताया कि आने वाले जायरीन के पंजीयन के लिए जिला प्रशासन ने भी विशेष इंतजाम किए हैं. सभी राज्यों में नोडल अधिकारियों को भी जायरीन के पंजीयन के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि विश्राम स्थली में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां जायरीन के पंजीयन के लिए भी काउंटर बनाए जाएंगे.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्टः सरकारी दफ्तरों पर मेहरबान जलदाय विभाग, लाखों बकाए के बाद भी वसूली में खानापूर्ति!

शहर में भी कई स्थानों पर जायरीन के पंजीयन के लिए काउंटर लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से यहां बड़ी संख्या में अस्थाई चौकियां पुलिस की स्थापित होगी. वहीं बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. विश्राम स्थली में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर नजर रहेगी. इसके अलावा अग्निशमन के भी विशेष इंतजाम मौजूद रहेंगे.

सैकड़ों वॉलिंटियर्स की भी व्यवस्था

इसके साथ ही दरगाह कमेटी की ओर से सैकड़ों वॉलिंटियर्स की भी व्यवस्था की जाएगी. मेले के दौरान लोगों को सावधानी रखने के लिए लाउडस्पीकर से बार-बार बताया जाता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज के 809वें उर्स मेले को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है. देश के कोने-कोने से आने वाले जायरीन ठहरने और उनके वाहन खड़े करने के लिए कायड़ विश्राम स्थली पर व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है. विश्राम स्थली में हजारों जायरीन आकर ठहरते हैं.

उर्स मेला 2021 की तैयारियों को लेकर बातचीत-1

ईटीवी भारत ने देश के कोने-कोने से आने वाले जायरीन की सहूलियत के लिए कायड़ विश्राम स्थली में किए जा रहे इंतजामों के बारे में दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डॉ. आदिल से बातचीत की. आदिल ने बताया कि आस्था के दरमियान जब इश्क की खुशबू बिखरती है तो बुराइयां खुद ब खुद दूर होती चली जाती है. उम्मीद है कि उर्स के बाद से पूरी दुनिया से कोविड 19 का खात्मा हो जाएगा.

सरकारी हिदायतों का पूरा ख्याल रखा जाएगा

कायड़ विश्राम स्थली में इंतजामों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जायरीन का ठहराव यहां होता है. इस दौरान पूरी कोशिश की जाएगी कि सरकारी हिदायतों का पूरा ख्याल रखा जाए. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हाथ धोने या सैनिटाइज करने के बारे में हर जायरीन को बताया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकों और विश्राम स्थली में दौरे के दौरान विशेष रूप से हर जायरीन की जिंदगी को महफूज रखने को प्राथमिकता दी जा रही है.

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आदिल ने बताया कि कोशिश है कि यहां आने वाला जायरीन बुरे तजुर्बे के साथ ना जाए, बल्कि जिस तरह से वह सेहतमंद आया है उसी तरीके से खुश होकर जाए. उन्होंने बताया कि कायड़ विश्राम स्थली में दरगाह कमेटी की 150 बीघा जमीन रिहायशी के लिए तय की गई है. यहां 17 बड़े रैन बसेरे बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा 3 बड़े बरामदे और जी प्लस थ्री की एक डोमेट्री है. इनमें 40 से 50 हजार लोग रह सकते हैं.

उर्स मेला 2021 की तैयारियों को लेकर बातचीत-2

700 से अधिक चोलदारिया

इसके अलावा अलग-अलग ब्लॉक बने हुए हैं, जहां चोल दरिया बनाकर भी उन जायरीन को किराए पर दी जाती है जो परिवार के साथ आते हैं. 700 से अधिक चोलदारिया लगाकर जायरीन को ठहराया जा सकता है. वहीं, कई जायरीन स्वयं की व्यवस्था करके भी आते हैं. इसके अलावा जायरीन के खाने-पीने के लिए रसद विभाग की ओर से विशेष इंतजाम किए जाते हैं.

राज्य सरकार की इंदिरा रसोई योजना के तहत भी स्टॉल लगाई जाती है. भोजनालय की भी व्यवस्था रहती है. इसके अलावा ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वाले यहां लंगर की भी व्यवस्था करते हैं. जग में हर दिन अलग-अलग तरह का भोजन जायरीन को तक्सीम किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस बार भी कम्युनिटी किचन बनाने की व्यवस्था रसद विभाग के माध्यम से की जाएगी, जहां रियायती दर पर जायरीन को खाना पकाने की व्यवस्था मिल सके.

जायरीन के पंजीयन के लिए विशेष इंतजाम

ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डॉ. आदिल ने बताया कि आने वाले जायरीन के पंजीयन के लिए जिला प्रशासन ने भी विशेष इंतजाम किए हैं. सभी राज्यों में नोडल अधिकारियों को भी जायरीन के पंजीयन के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि विश्राम स्थली में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां जायरीन के पंजीयन के लिए भी काउंटर बनाए जाएंगे.

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शहर में भी कई स्थानों पर जायरीन के पंजीयन के लिए काउंटर लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से यहां बड़ी संख्या में अस्थाई चौकियां पुलिस की स्थापित होगी. वहीं बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. विश्राम स्थली में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर नजर रहेगी. इसके अलावा अग्निशमन के भी विशेष इंतजाम मौजूद रहेंगे.

सैकड़ों वॉलिंटियर्स की भी व्यवस्था

इसके साथ ही दरगाह कमेटी की ओर से सैकड़ों वॉलिंटियर्स की भी व्यवस्था की जाएगी. मेले के दौरान लोगों को सावधानी रखने के लिए लाउडस्पीकर से बार-बार बताया जाता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

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