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रेलवे में बढ़ते निजीकरण और निगमीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन

अजमेर में डीजल लोको कारखाने में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन की ओर से निजीकरण और निगमीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. रेलवे कर्मियों ने 29 जून से 5 जुलाई तक विरोध सप्ताह मनाने का एलान किया है.

रेलकर्मियों ने मोदी सरकार का फूंका पुतला
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Published : Jun 29, 2019, 2:42 PM IST

अजमेर. डीजल लोको कारखाने में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन की ओर से निजी करण और निगमीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया. यूनियन से जुड़े रेलवे कर्मियों ने 29 जून से 5 जुलाई तक विरोध हफ्ता मनाने का निर्णय लिया है. वहीं 7 रेल उत्पादन इकाइयों के निजीकरण और निगमीकरण करने के केंद्र सरकार के निर्णय को 5 दिन में वापस लेने की मांग की है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 5 दिन में निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेलकर्मी ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे.

रेल का निजीकरण और निगमीकरण का पूरे हफ्ता करेंगे विरोध


लोको कारखाना परिसर में लामबंद हुए कर्मचारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. रेल कर्मियों का आरोप है कि केंद्र सरकार लाभ में चल रही रेल उत्पादन इकाइयों को निजी हाथों में सौंप कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है. यूनियन के जोनल अध्यक्ष कामरेड भूपेंद्र भटनागर ने कहा कि सरकार ने 100 दिन का प्लान जारी किया है जिसमें 7 उत्पादन इकाइयों को निगम बनाए जाने का निर्णय लिया गया है.

भटनागर ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली को निगम बनाने के लिए कमेटी का गठन कर 45 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. वहीं शेष छह उत्पादन इकाइयों की रिपोर्ट 60 दिन में प्रस्तुत कर निगम घोषित किए जाने का प्रस्ताव सरकार ने लिया है. निगम घोषित हो जाने के बाद ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारी भारतीय रेलवे का हिस्सा नहीं रहेंगे और वह निगम के कर्मचारी हो जाएंगे. इसके बाद उन पर रेल सेवा अधिनियम लागू नहीं होगा और ना ही उन्हें केंद्रीय सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं मिलेंगी. भटनागर ने कहा कि निजी करण और निगमीकरण के विरोध में रेलकर्मी पूरे हफ्ते विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं सरकार ने यदि 5 दिन में अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेलकर्मी ट्रेन का चक्का जाम करेंगे.


यूनियन के जोनल सचिव मोहन चेनानी ने बताया कि सरकार निगम को कभी भी घाटे में होना बताकर निजी कंपनियों को बेच सकती है. चेनानी ने कहा कि इसका पुरजोर विरोध नहीं किया गया तो अगला निशाना रोलिंग स्टॉक कारखाने होंगे. रेल के 7 उत्पादन इकाइयों को निगम बनाए जाने का सरकार का निर्णय के खिलाफ रेल कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है. उन्होंने कहा कि निजी करण से देश के गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को भी नुकसान भुगतना पड़ेगा.


ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले रेलकर्मी केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतर आए हैं. पहले दिन अजमेर लोको कारखाने के मुख्य द्वार पर रेल कर्मियों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका और जबरदस्त प्रदर्शन किया.

अजमेर. डीजल लोको कारखाने में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन की ओर से निजी करण और निगमीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया. यूनियन से जुड़े रेलवे कर्मियों ने 29 जून से 5 जुलाई तक विरोध हफ्ता मनाने का निर्णय लिया है. वहीं 7 रेल उत्पादन इकाइयों के निजीकरण और निगमीकरण करने के केंद्र सरकार के निर्णय को 5 दिन में वापस लेने की मांग की है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 5 दिन में निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेलकर्मी ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे.

रेल का निजीकरण और निगमीकरण का पूरे हफ्ता करेंगे विरोध


लोको कारखाना परिसर में लामबंद हुए कर्मचारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. रेल कर्मियों का आरोप है कि केंद्र सरकार लाभ में चल रही रेल उत्पादन इकाइयों को निजी हाथों में सौंप कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है. यूनियन के जोनल अध्यक्ष कामरेड भूपेंद्र भटनागर ने कहा कि सरकार ने 100 दिन का प्लान जारी किया है जिसमें 7 उत्पादन इकाइयों को निगम बनाए जाने का निर्णय लिया गया है.

भटनागर ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली को निगम बनाने के लिए कमेटी का गठन कर 45 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं. वहीं शेष छह उत्पादन इकाइयों की रिपोर्ट 60 दिन में प्रस्तुत कर निगम घोषित किए जाने का प्रस्ताव सरकार ने लिया है. निगम घोषित हो जाने के बाद ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारी भारतीय रेलवे का हिस्सा नहीं रहेंगे और वह निगम के कर्मचारी हो जाएंगे. इसके बाद उन पर रेल सेवा अधिनियम लागू नहीं होगा और ना ही उन्हें केंद्रीय सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं मिलेंगी. भटनागर ने कहा कि निजी करण और निगमीकरण के विरोध में रेलकर्मी पूरे हफ्ते विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं सरकार ने यदि 5 दिन में अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेलकर्मी ट्रेन का चक्का जाम करेंगे.


यूनियन के जोनल सचिव मोहन चेनानी ने बताया कि सरकार निगम को कभी भी घाटे में होना बताकर निजी कंपनियों को बेच सकती है. चेनानी ने कहा कि इसका पुरजोर विरोध नहीं किया गया तो अगला निशाना रोलिंग स्टॉक कारखाने होंगे. रेल के 7 उत्पादन इकाइयों को निगम बनाए जाने का सरकार का निर्णय के खिलाफ रेल कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है. उन्होंने कहा कि निजी करण से देश के गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को भी नुकसान भुगतना पड़ेगा.


ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले रेलकर्मी केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतर आए हैं. पहले दिन अजमेर लोको कारखाने के मुख्य द्वार पर रेल कर्मियों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका और जबरदस्त प्रदर्शन किया.

Intro:अजमेर। अजमेर में डीजल लोको कारखाने में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन की ओर से निजी करण और निगमीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। यूनियन से जुड़े रेलवे कर्मियों ने 29 जून से 5 जुलाई तक विरोध हफ्ता मनाने का निर्णय लिया है। वहीं 7 रेल उत्पादन इकाइयों के निजीकरण और निगमीकरण करने के केंद्र सरकार के निर्णय को 5 दिन में वापस लेने की मांग की है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 5 दिन में निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेलकर्मी ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे।


लोको कारखाना परिसर में लामबंद हुए कर्मचारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। रेल कर्मियों का आरोप है कि केंद्र सरकार लाभ में चल रही रेल उत्पादन इकाइयों को निजी हाथों में सौंप कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। यूनियन के जोनल अध्यक्ष कामरेड भूपेंद्र भटनागर ने कहा कि सरकार ने 100 दिन का प्लान जारी किया है जिसमें 7 उत्पादन इकाइयों को निगम बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। भटनागर ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली को निगम बनाने के लिए कमेटी का गठन कर 45 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं वहीं शेष छह उत्पादन इकाइयों की रिपोर्ट 60 दिन में प्रस्तुत कर निगम घोषित किए जाने का प्रस्ताव सरकार ने लिया है। निगम घोषित हो जाने के बाद ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारी भारतीय रेलवे का हिस्सा नहीं रहेंगे और वह निगम के कर्मचारी हो जाएंगे। इसके बाद उन पर रेल सेवा अधिनियम लागू नहीं होगा और ना ही उन्हें केंद्रीय सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं मिलेंगी। भटनागर ने कहा कि निजी करण और निगमीकरण के विरोध में रेलकर्मी पूरे हफ्ते विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं सरकार ने यदि 5 दिन में अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेलकर्मी ट्रेन का चक्का जाम करेंगे...
बाइट- भूपेंद्र भटनागर जोनल अध्यक्ष यूनियन

यूनियन के जोनल सचिव मोहन चेनानी ने बताया कि सरकार निगम को कभी भी घाटे में होना बताकर निजी कंपनियों को बेच सकती है। चेनानी ने कहा कि इसका पुरजोर विरोध नहीं किया गया तो अगला निशाना रोलिंग स्टॉक कारखाने होंगे रेल के 7 उत्पादन इकाइयों को निगम बनाए जाने का सरकार का निर्णय के खिलाफ रेल कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है। उन्होंने कहा कि निजी करण से देश के गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को भी नुकसान भुगतना पड़ेगा...
बाइट- मोहन चेनारी सचिव यूनियन

ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले रेलकर्मी केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उतर आए हैं। पहले दिन अजमेर लोको कारखाने के मुख्य द्वार पर रेल कर्मियों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंका और जबरदस्त प्रदर्शन किया....


Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


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