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अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील बनी काई और दुर्गंध की पर्याय, पर्यटक परेशान - rajasthan news

अजमेर की आनासागर झील इन दिनों गंदगी का पर्याय बनती जा रही है. झील में फैली गंदगी और बदबू से यहां आने वाले पर्यटक भी परेशान हो रहे है. पहले इसी झील के पास पर्यटक घंटों बैठ कर वक्त बिताया करते थे पर अब यहां खड़ा रहना भी मुश्किल हो गया है.

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ऐतिहासिक आनासागर झील
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Published : Feb 15, 2020, 11:55 AM IST

अजमेर. पर्यटक की दृष्टि से महत्वपूर्ण अजमेर में जहां एक ओर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह है तो दूसरी ओर ब्रह्मा मंदिर. वहीं शहर की शान कही जाने वाली ऐतिहासिक आनासागर झील भी है, जो धीरे-धीरे गंदगी का पर्याय बनती जा रही है. इसकी वजह है झील का पानी, जो बदबूदार हो चुका है. काई और जलकुंभी की वजह से झील का पानी धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है.

ऐतिहासिक आनासागर झील बनी दुर्गंध और बदबू की पर्याय

आनासागर झील का पानी नालों के जरिए बाहर निकल रहा है. जिससे साफ तौर पर देख सकते हैं कि पानी गंदगी और काई की वजह से बिल्कुल हरा हो चुका है. आनासागर झील में रहने वाली मछलियां भी धीरे-धीरे मौत के मुंह के जा रही है.

झील के चारों और जमा हुआ गंदा और हरा पानी वातावरण को दूषित कर रहा है. जिससे बारादरी और आनासागर चौपाटी पर घूमने आने वाले पर्यटकों के सामने भी अब समस्या बनी हुई है. पर्यटकों ने जानकारी देते हुए बताया कि गंदगी और बदबू की वजह से चौपाटी पर घूम नहीं पा रहे हैं. पहले आनासागर बारादरी पर आने वाले पर्यटक काफी घंटों बैठकर मनोरंजन करते थे. लेकिन अब बदबू के चलते वहां खड़े रह पाना भी मुश्किल होता जा रहा है.

पढ़ेंः अजमेरः कायड़ चौराहे पर युवक की चाकू मारकर की हत्या, आरोपी पुलिस की गिरफ्त में

यहां देश और विदेश से लोग घूमने आते हैं और ऐसे में आनासागर बारादरी पर भी अपना काफी समय बिताते है. आनासागर बारादरी पर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए दुर्गंध समस्या बनी हुई है. एक ओर बजरंगढ़ स्थित मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया और दूसरी और आनासागर झील में गंदे पानी का निकास, जिसके चलते बदबू चारों ओर फैल रही है.

अजमेर. पर्यटक की दृष्टि से महत्वपूर्ण अजमेर में जहां एक ओर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह है तो दूसरी ओर ब्रह्मा मंदिर. वहीं शहर की शान कही जाने वाली ऐतिहासिक आनासागर झील भी है, जो धीरे-धीरे गंदगी का पर्याय बनती जा रही है. इसकी वजह है झील का पानी, जो बदबूदार हो चुका है. काई और जलकुंभी की वजह से झील का पानी धीरे-धीरे खराब होता जा रहा है.

ऐतिहासिक आनासागर झील बनी दुर्गंध और बदबू की पर्याय

आनासागर झील का पानी नालों के जरिए बाहर निकल रहा है. जिससे साफ तौर पर देख सकते हैं कि पानी गंदगी और काई की वजह से बिल्कुल हरा हो चुका है. आनासागर झील में रहने वाली मछलियां भी धीरे-धीरे मौत के मुंह के जा रही है.

झील के चारों और जमा हुआ गंदा और हरा पानी वातावरण को दूषित कर रहा है. जिससे बारादरी और आनासागर चौपाटी पर घूमने आने वाले पर्यटकों के सामने भी अब समस्या बनी हुई है. पर्यटकों ने जानकारी देते हुए बताया कि गंदगी और बदबू की वजह से चौपाटी पर घूम नहीं पा रहे हैं. पहले आनासागर बारादरी पर आने वाले पर्यटक काफी घंटों बैठकर मनोरंजन करते थे. लेकिन अब बदबू के चलते वहां खड़े रह पाना भी मुश्किल होता जा रहा है.

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यहां देश और विदेश से लोग घूमने आते हैं और ऐसे में आनासागर बारादरी पर भी अपना काफी समय बिताते है. आनासागर बारादरी पर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए दुर्गंध समस्या बनी हुई है. एक ओर बजरंगढ़ स्थित मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया और दूसरी और आनासागर झील में गंदे पानी का निकास, जिसके चलते बदबू चारों ओर फैल रही है.

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