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ख्वाजा की दरगाह में 90 दिन तक कोरोना नहीं कर सकेगा प्रहार, अखिर कैसे? पढ़ें रिपोर्ट

सूफी संत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह का प्रबंधन संभाल रही दरगाह कमेटी ने दरगाह आने वाले जाायरीन की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए परिसर को कोविटकोट से शिल्ड कवर करवाया है. दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम डॉ. आदिल ने दावा किया है कि कोविटकोट से एंटी वायरस नैनो टेक्नोलाॅजी से अगले 90 दिनो के लिए परिसर पूरी तरह से कोरोना वायरस से सुरक्षित रहेगा.

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90 दिन तक कोरोना नहीं कर सकेगा प्रहार
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Published : Sep 15, 2020, 2:16 AM IST

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह का प्रबंधन संभाल रही दरगाह कमेटी ने दरगाह आने वाले जाायरीन की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए परिसर को कोविटकोट से शिल्ड कवर करवाया है.

दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम डॉ. आदिल ने दावा किया है कि कोविटकोट से एंटी वायरस नैनो टेक्नोलाॅजी से अगले 90 दिनो के लिए परिसर पूरी तरह से कोरोना वायरस से सुरक्षित रहेगा. इस दौरान परिसर को सैनिटाइज नहीं भी करवाया या परिसर में कोई कोरोना संक्रमित प्रवेश भी कर जाता है तब भी परिसर पर संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाज़िम डाॅ. आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए निमयों की पालना करते हुए 7 सितंबर को दरगाह को जायरीन के लिए खोला गया था. इसके बाद से ही दरगाह कमेटी का प्रयास रहा है कि परिसर को पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित रखा जाए. इस क्रम में राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड, भारत सरकार और यूनाईटेड स्टेट्स की इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेन्सी से स्वीकृत अंकरिक्ष इंजिनियरिंग फर्म जयपुर से दरगाह शरीफ में कोविटकोट करवाया गया है.

पढ़ेंः Special : अजमेर दरगाह खुलने के बाद व्यापारियों को व्यापार में बरकत की उम्मीद

यह सतह पर सेल्फ डिस्इन्फक्टीव प्रोपर्टी पैदा कर देता है. जिससे वह सतह पूरी तरह से वायरस प्रुफ हो जाती है और यह सतह उस स्थान को हाॅटस्पाट नहीं बनने देती है. यह सारे उपाय सुरक्षा और सावधानी की एक कड़ी है. उन्होंने बताया कि दरगाह में आने वाले जायरीन को दरगाह की दीवारें और दरवाजे छूने और जुम्मे की इजाजत नहीं है. कोविड-19 नियमों के अंतर्गत दरगाह में आने वाले जायरीन को दरगाह कमेटी की ओर से पहले ही हिदायत दे दी जाती है. जायरीन की सुरक्षा के लिए दरगाह परिसर की हर दर ओ दीवार दरवाजे को कोविट कोट किया गया है.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह का प्रबंधन संभाल रही दरगाह कमेटी ने दरगाह आने वाले जाायरीन की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए परिसर को कोविटकोट से शिल्ड कवर करवाया है.

दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम डॉ. आदिल ने दावा किया है कि कोविटकोट से एंटी वायरस नैनो टेक्नोलाॅजी से अगले 90 दिनो के लिए परिसर पूरी तरह से कोरोना वायरस से सुरक्षित रहेगा. इस दौरान परिसर को सैनिटाइज नहीं भी करवाया या परिसर में कोई कोरोना संक्रमित प्रवेश भी कर जाता है तब भी परिसर पर संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाज़िम डाॅ. आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए निमयों की पालना करते हुए 7 सितंबर को दरगाह को जायरीन के लिए खोला गया था. इसके बाद से ही दरगाह कमेटी का प्रयास रहा है कि परिसर को पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित रखा जाए. इस क्रम में राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड, भारत सरकार और यूनाईटेड स्टेट्स की इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेन्सी से स्वीकृत अंकरिक्ष इंजिनियरिंग फर्म जयपुर से दरगाह शरीफ में कोविटकोट करवाया गया है.

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यह सतह पर सेल्फ डिस्इन्फक्टीव प्रोपर्टी पैदा कर देता है. जिससे वह सतह पूरी तरह से वायरस प्रुफ हो जाती है और यह सतह उस स्थान को हाॅटस्पाट नहीं बनने देती है. यह सारे उपाय सुरक्षा और सावधानी की एक कड़ी है. उन्होंने बताया कि दरगाह में आने वाले जायरीन को दरगाह की दीवारें और दरवाजे छूने और जुम्मे की इजाजत नहीं है. कोविड-19 नियमों के अंतर्गत दरगाह में आने वाले जायरीन को दरगाह कमेटी की ओर से पहले ही हिदायत दे दी जाती है. जायरीन की सुरक्षा के लिए दरगाह परिसर की हर दर ओ दीवार दरवाजे को कोविट कोट किया गया है.

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