अजमेर. कोरोना वायरस को लेकर डोर टू डोर सर्वे के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को नियुक्त किया है. इस डोर टू डोर सर्वे का विरोध करते हुए शनिवार को शिक्षक संघ सियाराम से जुड़े शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इस खतरनाक बीमारी के सर्वे को करने का साफ तौर पर इनकार किया है.
शिक्षकों का कहना है कि देश और दुनिया में इस बीमारी से बचने के लिए घर पर रहने और सुरक्षित रहने के दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. तो वहीं शिक्षा विभाग शिक्षकों को इस खतरनाक कोरोना वायरस को लेकर सर्वे करने के बात कर रहा है. जो कि सरासर शिक्षकों के साथ अन्याय है. उनका काम केवल शिक्षा प्रदान करना है ना कि सर्वे करना.
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उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस के लिए ना तो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है ना ही उनके पास किसी तरह की कोई संसाधन मौजूद हैं. अब ऐसे में किसी भी व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण होता है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. साथ ही सभी शिक्षकों में इसको लेकर रोष व्याप्त है. वहीं परिवार वाले भी इस आदेश को लेकर चिंतित हैं. इसलिए सभी ने डोर टू डोर सर्वे करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया हैं.
वहीं शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर सभी शिक्षक जमा हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. साथ ही इस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई. शिक्षकों का कहना है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो सभी शिक्षक यहीं पर धरने पर बैठ जाएंगे और कोई भी व्यक्ति किसी तरह का कोरोना वायरस को लेकर सर्वे करने कहीं भी नहीं जाएगा.