अजमेर. एमडीएस यूनिवर्सिटी में रिटर्निंग अधिकारी की घोषणा के बाद अब छात्र संघ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. प्रमुख संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई के कार्यकर्ता किसी ना किसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि विद्यार्थियों को प्रभावित कर सकें. ईटीवी भारत ने एमडीएस यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई और एबीवीपी संगठन के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों से चुनावी मुद्दे और समस्याओं पर बातचीत की.
अजमेर में छात्र संघ चुनाव में एमडीएस यूनिवर्सिटी और विभिन्न कॉलेज कैंपस में ईटीवी भारत हर दिन लाइव कवरेज के माध्यम से व्याप्त मुद्दों और समस्याओं को विद्यार्थियों के माध्यम से उठाता है इसमें ईटीवी भारत की खबर का असर भी हुआ है. एमडीएस यूनिवर्सिटी की डीन कमेटी ने छात्र संघ चुनाव के मद्देनजर रिटर्निंग अधिकारी की घोषणा कर दी है. यूनिवर्सिटी में कुलपति के अभाव में रिटर्निंग अधिकारी की घोषणा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी . इस वजह से छात्र संघ चुनाव को लेकर अब संशय खत्म हो चुका है.
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चुनाव की सरगर्मियां एमडीएस यूनिवर्सिटी में तेज हो चुकी है, वहीं आरोप और प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. ईटीवी भारत ने एमडीएस यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों के साथ-साथ एबीवीपी और एनएसयूआई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चुनावी मुद्दों और समस्याओं को लेकर चर्चा की. बता दें कि एमडीएस यूनिवर्सिटी में सबसे बड़ा मुद्दा कुलपति की नियुक्ति को लेकर है. एबीवीपी के वरिष्ठ पदाधिकारी मोहित जैन का आरोप है कि कुलपति और कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर सरकार गंभीर नहीं है, जबकि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कुलपति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
एनएसयूआई से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह ने कहा कि 1 वर्ष तक एबीवीपी बीजेपी सरकार में कुलपति की नियुक्ति नहीं करवा पाई, उस वक्त राज्यपाल के आदेश पर इस व्यक्ति को कुलपति के पद पर आसीन किया गया. उन्होंने कहा कि वैसे हम विवादों से घिरे हुए थे जिनका मामला कोर्ट में अभी भी विचाराधीन है. भगवान सिंह ने कहा कि एनएसयूआई ने सरकार से कुलपति की नियुक्ति की मांग उठाई, लेकिन विधानसभा में व्यस्तता होने की वजह से सरकार कुलपति की नियुक्ति नहीं कर पाई है. उन्होंने बताया कि सरकार ने विधानसभा में कुलपति की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित करवा लिया है और जल्द ही एमडीएस यूनिवर्सिटी को नए स्थाई कुलपति मिलेंगे.
वहीं आम विद्यार्थियों ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कुलपति और कुलसचिव के नहीं होने की वजह से शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई है. यूनिवर्सिटी में खेलकूद को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है. विद्यार्थियों ने कहा कि सचिन तेंदुलकर के नाम से स्टेडियम की आधारशिला रख दी गई थी, लेकिन अभी तक वहां काम भी शुरू नहीं हुआ है. वहीं परीक्षा परिणाम को लेकर भी यहां मुद्दा छाया हुआ है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर परीक्षाएं देरी से शुरू होने की वजह से परीक्षा परिणाम भी देरी से आ रहे हैं, जिस वजह से विद्यार्थी छात्र संघ चुनाव में वोट दे पाएंगे अथवा नहीं इसको लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है.
एबीवीपी के वरिष्ठ पदाधिकारी मोहित जैन ने बताया कि राज्य सरकार ने नए नियम जारी किए हैं, जिसमें जिन विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम नहीं आते हैं ऐसे विद्यार्थी शपथ पत्र देकर वोटिंग लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं. एबीवीपी ने राज्य सरकार के इस नए नियम का स्वागत किया है वही नए नियमों में शपथ पत्र की अनिवार्यता को लेकर एनएसयूआई के पदाधिकारी भगवान सिंह का कहना है कि शपथ पत्र की वजह से विद्यार्थियों पर आर्थिक भार पड़ेगा.
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बता दें कि यूनिवर्सिटी में कुलपति और कुलसचिव के अभाव में कामकाज पर गहरा असर पड़ रहा है. परीक्षा परिणाम समय पर जारी नहीं होने की वजह से ना केवल यूनिवर्सिटी बल्कि अन्य कॉलेज कैंपस में भी छात्र संघ चुनाव को लेकर विद्यार्थियों में उत्साह नहीं बन पा रहा है.