अजमेर. राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच को अजमेर में खोले जाने की मांग को लेकर निर्णय साल 2012 में हो चुका है. अन्य सभी संभागीय मुख्यालयों पर सर्किट बेंच खुल चुकी है लेकिन अजमेर में प्रशासन की ओर से सर्किट बेंच के लिए जगह नहीं देने पर बीते 7 सालों में सर्किट बेंच अजमेर में नहीं खुल पाई है.
कुछ दिनों पहले ही जिला कलेक्टर से सर्किट बेंच के लिए जगह की मांग की गई थी. लेकिन कलेक्टर ने जगह नहीं होने का हवाला दे दिया. इस बात से नाराज वकीलों ने मंगलवार को कोर्ट में हड़ताल कर दी. वहीं न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया. इसके बाद वकील लामबंद होकर संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे.
यहां वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त संभागीय आयुक्त से मामले में वार्ता करने में जुट गया. वहीं शेष वकीलों ने बाहर जयपुर रोड को पूरी तरह से ही जाम कर दिया. जाम की वजह से शहर की रफ्तार थम गई. लोगों को जाम की वजह से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त से वार्ता का दौर भी बेनतीजा निकला. दरअसल, वकील संभागीय आयुक्त से वार्ता करना चाहते थे. लेकिन उनकी अनुपस्थिति से वकीलों का पारा और बढ़ गया.
अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार 12 बजे तक वकीलों ने अल्टीमेटम दिया है. यदि संभागीय आयुक्त उन्हें वार्ता के लिए बुलाते हैं और सकारात्मक नतीजा निकलता है तो ठीक है. वरना वकील अजमेर बंद करवाएंगे. उपभोक्ता मामलों के जानकार वकील सूर्य प्रकाश गांधी ने बताया कि सर्किट बेंच अजमेर में नहीं होने की वजह से पक्षकारों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. पक्षकारों पर आर्थिक बोझ पड़ता है, उन्हें मामले की सुनवाई के लिए जयपुर जाना पड़ता है.
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वरिष्ठ वकील चंद्रभान सिंह ने आरोप लगाया कि कलेक्टर और संभागीय आयुक्त की हठधर्मिता की वजह से और राजनीतिक निष्क्रियता के चलते सर्किट बेंच अजमेर में स्थापित नहीं हो पा रही है. बता दें कि वकील गुरुवार 12 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे. इसके बाद संभागीय आयुक्त से वार्ता के बाद अगली रणनीति तैयार होगी.