अजमेर. राजस्थान रोडवेज में रिटायर्ड हुए कर्मचारियों को भुगतान नहीं मिलने के कारण नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया गया है. कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है और उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जिस तरह से परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने वादे किए थे कि सरकार में आने के बाद रोडवेज और कर्मचारियों को उनकी मांगों को देखते हुए राहत दी जाएगी, लेकिन उसके बावजूद अब तक सरकार ने उनकी सुध नहीं ली. वहीं, कर्मचारियों ने आगे आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
जानकारी के अनुसार रोडवेज के 4 हजार से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जुलाई 2016 से भुगतान नहीं किए गए हैं, जिसके कारण आर्थिक तंगी है. वहींं, कर्मचारियों का कहना है कि इलाज के अभाव में कई कर्मचारियों को परेशान होना पड़ रहा है. कई कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि अब तक सरकार कर्मचारियों को लेकर गंभीर नहीं है. इन लोगों का कहना है कि उन्हें न तो वेतन मिल रहा है और ना ही किसी तरह का लाभ दिया जा रहा है. ऐसे में कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ काफी रोष व्याप्त है.
अक्टूबर 1964 को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की स्थापना के बाद से लगभग 55 वर्ष से अधिक की अवधि में सेवानिवृत्ति परिलाभों के भुगतान के विलंब में इस बार हुई देरी ने अब तक पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. रोडवेज में ज्यादातर कर्मचारी सीपीएओ पेंशन योजना के सदस्य हैं, जिन्हें पेंशन के नाम पर मात्र 1000 से 2500 रुपए प्रतिमाह मिल रहा है. इतनी कम राशि में वृद्धा अवस्था में दो पति-पत्नी का गुजारा कैसे चलेगा.
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वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनके प्रति गंभीर नहीं है. आखिर कौन उनकी पीड़ा सुनेगा. लगातार उनकी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया गया है. अब ऐसे में क्या उनके मरने के बाद उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. अजमेर राजस्थान रोडवेज प्रबंधक को अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र सौंपकर ध्यान देने का आग्रह किया गया है.