जयपुर. प्रदेश में इस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी पर सियासत भड़की हुई है, लेकिन प्रदेश सरकार ने पिछले महीने 22 मार्च को राजस्थान से 10 हजार इंजेक्शन पंजाब में भेजे दिए, क्योंकि इंजेक्शन में एक्सपायरी डेट 30 अप्रैल थी. अब पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ इसी मामले में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर अदूरदर्शिता और कुप्रबंधन का आरोप लगा रहे हैं.
राजेंद्र राठौड़ ने ट्विटर के जरिए प्रदेश सरकार और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर जुबानी हमला बोला है. राठौड़ ने अपनी ट्वीट में लिखा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा जी की अदूरदर्शिता और कुप्रबंधन का यह चिट्ठा है कि 22 मार्च को प्रदेशवासियों की जान संकट में डालकर पंजाब को 10000 रेमडेसिविर इंजेक्शन भेजे. जबकि इसके 1 दिन पहले 21 मार्च को प्रदेश की गहलोत सरकार ने राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए नाइट कर्फ्यू का फैसला ले लिया था. अब राजेंद्र राठौड़ प्रदेश सरकार और चिकित्सा मंत्री पर जीवन रक्षक इस इंजेक्शन को भेजने की जल्दबाजी का आरोप लगा रहे हैं.
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राजेंद्र राठौड़ यह भी कह रहे हैं कि इस इंजेक्शन की एक्सपायर डेट ही 30 अप्रैल थी, जबकि सबसे ज्यादा जरूरत वर्तमान में इस इंजेक्शन की राजस्थान के लोगों को थी. बावजूद उसके प्रदेश के जनता के स्वास्थ्य की कसौटी पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा खरे नहीं उतर पाए. राजेंद्र राठौड़ यह भी कहते हैं कि यदि चिकित्सा मंत्री और प्रदेश सरकार सचेत होती, तो आज जरूरतमंदों को इंजेक्शन के लिए दर-दर ठोकरें नहीं खानी पड़ती.
राजेंद्र राठौड़ ने अपनी ट्वीट में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सहित तीन मंत्रियों का रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन के मामले में दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने पर भी कटाक्ष किया और यह कहा कि 27 अप्रैल को जब यह तीनों मंत्री दिल्ली में थे, तब भी पंजाब भेजे गए उन रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट खत्म नहीं हुई थी.