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अलवर की रूपारेल नदी में आया पानी, ग्रामीणों को मिलेगी राहत

यमुना की सहायक नदी मानी जाने वाली अलवर की रूपारेल (Ruparel river alwar) में पानी की आवक से ग्रामीणों में खुशी का ठिकाना नहीं है. सरिस्का क्षेत्र में बसे कई गावों और जयसमंद बांध (jaisamand lake Dam alwar) तक पानी पहुंचाने वाली रूपारेल नदी में इस सीजन में पहली बार पानी की आवक हुई है.

Ruparel river alwar
Ruparel river alwar
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Published : Jul 30, 2021, 11:41 AM IST

Updated : Jul 30, 2021, 12:04 PM IST

अलवर. थानागाजी व सरिस्का क्षेत्र में गुरुवार रात को हुई बारिश के बाद अलवर की रूपारेल नदी में शुक्रवार सुबह पानी चलता हुआ दिखाई दिया. इससे आसपास के क्षेत्र के लोग खासे खुश नजर आए. क्योंकि नदी चलने से आसपास क्षेत्र में पानी का स्तर बढ़ेगा. साथ ही अलवर के जयसमंद बांध में भी रुपारेल नदी से पानी की आवक होगी. बारिश के शुरुआती दौर में बहरोड़ क्षेत्र से निकलने वाली बरसाती नदी में पानी नजर आया था. लेकिन अब मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने से अलवर क्षेत्र में बीते दिनों कम बारिश हुई है.

रूपारेल नदी में पानी की आवक

अलवर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गुरुवार को रुक-रुक कर बारिश हुई. अलवर शहर, थानागाजी, सरिस्का व पास क्षेत्र में गुरुवार रात से शुरू हुआ बारिश काद दौर शुक्रवार सुबह भी रहा. अच्छी बारिश के चलते इस सीजन में पहली बार सरिस्का क्षेत्र से निकलने वाली बरसाती नदी रूपारेल नदी में पानी की आवक हुई. सोडावास क्षेत्र से निकलने वाली नदी में पानी आने से आसपास क्षेत्र के ग्रामीण खासे खुश नजर आए. बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए नटनी का बाड़ा क्षेत्र में पहुंचे.

पढ़ें: सिरोही : तेज आंधी और बारिश बनी आफत, कारों पर गिरे पेड़

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रूपारेल नदी का पानी दो हिस्सों में बटता है. 60 प्रतिशत पानी भरतपुर जिले की ओर जाता है जबकि 40 फीसदी पानी अलवर को मिलता है. अलवर जिले में रूपारेल नदी का पानी आगे चलकर जयसमंद बांध में भी पहुंचता है. जयसमंद अलवर का सबसे बड़ा बांध है. इस बांध में पानी आने से क्षेत्र के किसानों और यहां तक कि आमजन को भी बड़ी राहत मिलेगी. बता दें रूपारेल नदी यह यमुना की एक सहायक नदी है. इसका उद्गम जिले के थानागाजी तहसील के टोडी गांव से होता है.

पढ़ें: Weather Update : राजस्थान में आज बारिश बरपा सकती है कहर, इन 3 जिलों में रेड अलर्ट जारी

जानकारी के मुताबिक जयसमंद बांध के निचले हिस्से में 50 से अधिक बोरिंग व ट्यूबवेल खुदे हुए हैं, जिनका पानी पूरे शहर में सप्लाई होता है. हालांकि बारिश के बाद अलवर के मंगलसर, मानसरोवर, सिलीसेढ़ व अन्य बांधों में भी पानी की आवक हुई है. हालांकि इस बार बारिश सामान्य से भी कम हुई है लेकिन मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि आगामी दिनों में बारिश का दौर जारी रहेगा. जिससे जिले में लगातार गिरते भूमिगत जलस्तर से कुछ निजात मिल सकेगी.

अलवर. थानागाजी व सरिस्का क्षेत्र में गुरुवार रात को हुई बारिश के बाद अलवर की रूपारेल नदी में शुक्रवार सुबह पानी चलता हुआ दिखाई दिया. इससे आसपास के क्षेत्र के लोग खासे खुश नजर आए. क्योंकि नदी चलने से आसपास क्षेत्र में पानी का स्तर बढ़ेगा. साथ ही अलवर के जयसमंद बांध में भी रुपारेल नदी से पानी की आवक होगी. बारिश के शुरुआती दौर में बहरोड़ क्षेत्र से निकलने वाली बरसाती नदी में पानी नजर आया था. लेकिन अब मानसून की रफ्तार धीमी पड़ने से अलवर क्षेत्र में बीते दिनों कम बारिश हुई है.

रूपारेल नदी में पानी की आवक

अलवर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गुरुवार को रुक-रुक कर बारिश हुई. अलवर शहर, थानागाजी, सरिस्का व पास क्षेत्र में गुरुवार रात से शुरू हुआ बारिश काद दौर शुक्रवार सुबह भी रहा. अच्छी बारिश के चलते इस सीजन में पहली बार सरिस्का क्षेत्र से निकलने वाली बरसाती नदी रूपारेल नदी में पानी की आवक हुई. सोडावास क्षेत्र से निकलने वाली नदी में पानी आने से आसपास क्षेत्र के ग्रामीण खासे खुश नजर आए. बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए नटनी का बाड़ा क्षेत्र में पहुंचे.

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स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रूपारेल नदी का पानी दो हिस्सों में बटता है. 60 प्रतिशत पानी भरतपुर जिले की ओर जाता है जबकि 40 फीसदी पानी अलवर को मिलता है. अलवर जिले में रूपारेल नदी का पानी आगे चलकर जयसमंद बांध में भी पहुंचता है. जयसमंद अलवर का सबसे बड़ा बांध है. इस बांध में पानी आने से क्षेत्र के किसानों और यहां तक कि आमजन को भी बड़ी राहत मिलेगी. बता दें रूपारेल नदी यह यमुना की एक सहायक नदी है. इसका उद्गम जिले के थानागाजी तहसील के टोडी गांव से होता है.

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जानकारी के मुताबिक जयसमंद बांध के निचले हिस्से में 50 से अधिक बोरिंग व ट्यूबवेल खुदे हुए हैं, जिनका पानी पूरे शहर में सप्लाई होता है. हालांकि बारिश के बाद अलवर के मंगलसर, मानसरोवर, सिलीसेढ़ व अन्य बांधों में भी पानी की आवक हुई है. हालांकि इस बार बारिश सामान्य से भी कम हुई है लेकिन मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि आगामी दिनों में बारिश का दौर जारी रहेगा. जिससे जिले में लगातार गिरते भूमिगत जलस्तर से कुछ निजात मिल सकेगी.

Last Updated : Jul 30, 2021, 12:04 PM IST
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