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Special: Corona ने तोड़ी पुष्कर पर्यटन उद्योग की कमर, होटल इंडस्ट्री को करीब 70 करोड़ का नुकसान - Pushkar tourism industry affected

पुष्कर धार्मिक पर्यटन नगरी है, यहां बड़े पैमाने पर पर्यटन उद्योग पनप चुके हैं. लेकिन कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन ने यहां के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है. पुष्कर में मौजूद हर घर किसी न किसी रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़ा हुआ है. ऐसे में लोगों के सामने रोजगार को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

पुष्कर पर्यटन उद्योग, Pushkar Tourism
पुष्कर पर्यटन उद्योग
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Published : May 5, 2020, 2:55 PM IST

अजमेर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. देश में ऐसे शहर और स्थान हैं, जो केवल पर्यटन से होने वाली आय पर निर्भर है. इन स्थानों में अजमेर जिले में तीर्थ गुरु पुष्कर भी वह स्थान है, जो वर्षभर देशी विदेशी पर्यटकों से आबाद रहता हैं.

कोरोना महामारी के चलते पुष्कर में पर्यटकों के नहीं आने से यहां के पर्यटन उद्योग की कमर टूट गई है. भविष्य में पुष्कर का पर्यटन उद्योग कब उभरेगा इसको लेकर पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में चिंता बनी हुई है. ईटीवी भारत ने पुष्कर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रघु पारीक से पर्यटन उद्योग को लेकर बातचीत की.

कोरोना से पुष्कर पर्यटन उद्योग प्रभावित

तीर्थराज पुष्कर सदियों से हिंदुओं के लिए बड़ी आस्था का केंद्र रहा है. इसकी अध्यात्म की खुशबू सात समंदर पार से विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती रही है. लेकिन वैश्विक कोरोना महामारी के चलते वर्ष भर देशी और विदेशी पर्यटकों से आबाद रहने वाला पुष्कर पर्यटक विहीन हो गया है. कोरोना का प्रकोप इंसानों में ही नहीं बल्कि इंसान के रोजगार पर भी पड़ रहा है.

पढ़ें- स्पेशल: Lockdown में जयपुर का 4 हजार करोड़ का व्यापार प्रभावित, छोटे व्यापारियों पर गहराया संकट

पुष्कर धार्मिक पर्यटन नगरी है, यहां बड़े पैमाने पर पर्यटन उद्योग पनप चुके हैं. लेकिन कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन ने यहां के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है. पुष्कर में मौजूद हर घर किसी न किसी रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़ा हुआ है. ऐसे में लोगों के सामने रोजगार को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

देश में कोरोना महामारी का संकट गहरा रहा है. लॉकडाउन की मियाद बढ़ रही है. ऐसे में पर्यटकों के पुष्कर नहीं आने से यहां के पर्यटन उद्योग का भविष्य क्या होगा. वहीं, इनसे जुड़े हजारों लोगों का रोजगार कैसे चल पाएगा.

ईटीवी भारत से बातचीत में पुष्कर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रघु पारीक ने बताया कि पुष्कर में करीब 150 से ज्यादा होटल हैं. वहीं, धर्मशालाओं और छोटे गेस्ट हाउस मिलाकर यह आंकड़ा 250 के पार जाता है. पारीक ने बताया कि लॉकडाउन में होटल व्यवसाय को करीब 70 करोड़ का नुकसान हुआ है. अभी ऑफ सीजन है लेकिन इसकी पूर्ति शादी समारोह से हो जाती थी.

पढ़ें- स्पेशल: रमजान पर पड़ा लॉकडाउन का असर, कुछ यूं अलग होगा 'माह-ए-पाक'

क्योंकि देश में डिस्टेंसिंग वेडिंग का प्रचलन भी ज्यादा है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादी समारोह भी नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि होटल व्यवसाय के लिए तो लेने के देने पड़े हुए हैं. पानी बिजली का खर्च और होटल स्टाफ का वेतन होटल व्यवसायों को भारी पड़ रहा है.

पारीक ने बताया कि कपड़ा एक्सपोर्टर, कैमल सफारी, हैंडीक्राफ्ट से जुड़े सभी उद्योग लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्व में कोरोना महावारी का संकट कब तक रहेगा. इसका कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता. लेकिन इतना तय है कि कोरोना का संकट नहीं टला तो पुष्कर के पर्यटन उद्योग का भविष्य अंधकार में ही होगा.

पारीक ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए लोगों को संबल प्रदान करने के लिए सरकार कुछ सोचे. साथ ही पर्यटन उद्योग में काम करने वाले लोगों को दी जाने वाले वेतन में सरकार भी कुछ सहयोग करें.

अजमेर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. देश में ऐसे शहर और स्थान हैं, जो केवल पर्यटन से होने वाली आय पर निर्भर है. इन स्थानों में अजमेर जिले में तीर्थ गुरु पुष्कर भी वह स्थान है, जो वर्षभर देशी विदेशी पर्यटकों से आबाद रहता हैं.

कोरोना महामारी के चलते पुष्कर में पर्यटकों के नहीं आने से यहां के पर्यटन उद्योग की कमर टूट गई है. भविष्य में पुष्कर का पर्यटन उद्योग कब उभरेगा इसको लेकर पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में चिंता बनी हुई है. ईटीवी भारत ने पुष्कर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रघु पारीक से पर्यटन उद्योग को लेकर बातचीत की.

कोरोना से पुष्कर पर्यटन उद्योग प्रभावित

तीर्थराज पुष्कर सदियों से हिंदुओं के लिए बड़ी आस्था का केंद्र रहा है. इसकी अध्यात्म की खुशबू सात समंदर पार से विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती रही है. लेकिन वैश्विक कोरोना महामारी के चलते वर्ष भर देशी और विदेशी पर्यटकों से आबाद रहने वाला पुष्कर पर्यटक विहीन हो गया है. कोरोना का प्रकोप इंसानों में ही नहीं बल्कि इंसान के रोजगार पर भी पड़ रहा है.

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पुष्कर धार्मिक पर्यटन नगरी है, यहां बड़े पैमाने पर पर्यटन उद्योग पनप चुके हैं. लेकिन कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन ने यहां के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है. पुष्कर में मौजूद हर घर किसी न किसी रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़ा हुआ है. ऐसे में लोगों के सामने रोजगार को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

देश में कोरोना महामारी का संकट गहरा रहा है. लॉकडाउन की मियाद बढ़ रही है. ऐसे में पर्यटकों के पुष्कर नहीं आने से यहां के पर्यटन उद्योग का भविष्य क्या होगा. वहीं, इनसे जुड़े हजारों लोगों का रोजगार कैसे चल पाएगा.

ईटीवी भारत से बातचीत में पुष्कर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रघु पारीक ने बताया कि पुष्कर में करीब 150 से ज्यादा होटल हैं. वहीं, धर्मशालाओं और छोटे गेस्ट हाउस मिलाकर यह आंकड़ा 250 के पार जाता है. पारीक ने बताया कि लॉकडाउन में होटल व्यवसाय को करीब 70 करोड़ का नुकसान हुआ है. अभी ऑफ सीजन है लेकिन इसकी पूर्ति शादी समारोह से हो जाती थी.

पढ़ें- स्पेशल: रमजान पर पड़ा लॉकडाउन का असर, कुछ यूं अलग होगा 'माह-ए-पाक'

क्योंकि देश में डिस्टेंसिंग वेडिंग का प्रचलन भी ज्यादा है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादी समारोह भी नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि होटल व्यवसाय के लिए तो लेने के देने पड़े हुए हैं. पानी बिजली का खर्च और होटल स्टाफ का वेतन होटल व्यवसायों को भारी पड़ रहा है.

पारीक ने बताया कि कपड़ा एक्सपोर्टर, कैमल सफारी, हैंडीक्राफ्ट से जुड़े सभी उद्योग लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्व में कोरोना महावारी का संकट कब तक रहेगा. इसका कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता. लेकिन इतना तय है कि कोरोना का संकट नहीं टला तो पुष्कर के पर्यटन उद्योग का भविष्य अंधकार में ही होगा.

पारीक ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए लोगों को संबल प्रदान करने के लिए सरकार कुछ सोचे. साथ ही पर्यटन उद्योग में काम करने वाले लोगों को दी जाने वाले वेतन में सरकार भी कुछ सहयोग करें.

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