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स्पेशल रिपोर्ट: पुष्कर मेले में विदेशी महिलाएं सिख रही हैं 'राजस्थानी लोक नृत्य'

राजस्थानी लोक संस्कृति की बात ही निराली है. अपनेपन के साथ मेहमानों को अपनी ओर आकर्षित करना राजस्थान की संस्कृति की सबसे बड़ी खूबी है. यही वजह है कि विदेशी पर्यटकों को भी राजस्थानी संस्कृति दिल को छू जाती है.

विदेशी बालाओं के देशी ठुमके, Pushkar fair 2019, पुष्कर मेला 2019
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Published : Nov 9, 2019, 1:29 PM IST

अजमेर. विश्वविख्यात पुष्कर के सालाना मेले का रंगारंग आगाज हो चुका है. ऐसे में देश और दुनिया से बड़ी संख्या में सैलानी पुष्कर अंतरराष्ट्रीय मेले में आए हुए हैं. इस मेले में सतरंगी राजस्थानी लोक कला और संस्कृति की झलक उन्हें काफी प्रभावित कर रही है.

विदेशी महिलाएं सिख रही है 'राजस्थानी लोक नृत्य'

बता दें कि राजस्थान की लोक संस्कृति की खासियत है कि जो भी इसे जानना चाहता है, वह इस में डूबता ही चला जाता है. ऐसे ही इस बार राजस्थानी नृत्य विदेशी बालाओं को खूब रास आ रहा है. पुष्कर में आने वाली विदेशी बालाएं राजस्थानी नृत्य सीख रही हैं और जमकर इसका लुत्फ भी उठा रही हैं. इस बार पुष्कर में विदेशी पर्यटक की खासी संख्या देखने को मिल रही है. यहां की लोक कला और संस्कृति से यह पर्यटक काफी प्रभावित भी हुए हैं. इनमें राजस्थानी लोक नृत्य से खासकर विदेशी बालाएं ज्यादा प्रभावित हो रही हैं.

पढ़ेंः 'पीएम किसान सम्मान योजना' में 31 मार्च तक आवेदन करने वाले 86 फीसदी किसानों को जारी हुई तीनों किस्त

पुष्कर के पुराने रंग जी के मंदिर परिसर में राजस्थानी लोक संस्कृति से प्रभावित विदेशी बालाएं ठेठ राजस्थानी परंपरागत नृत्य बड़ी की तलीनता से सीख रही हैं. राजस्थानी नृत्य के प्रशिक्षक हेमंत देवड़ा ने बताया कि विदेशी बालाओं को राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, चरी और कालबेलिया नृत्य काफी प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि 10 साल से वह विदेशी बालाओं को राजस्थानी लोक नृत्य सिखा रहे हैं. देवड़ा ने बताया कि 23 देशों में वह राजस्थानी लोक नृत्य सिखा चुके हैं. वहीं देश में 75 जिलों में भी उन्होंने 4 हजार लोगों को अभी तक राजस्थानी लोक नृत्य सिखाया है.

देवड़ा से राजस्थानी लोक नृत्य सीख रही फ्रांस की मलिनी भारतीय बॉलीवुड फिल्मों से इतनी प्रभावित हैं कि उन्होंने फिल्में देखकर ही हिंदी भाषा सीख ली. मालिनी बताती हैं कि उन्हें राजस्थानी लोक नृत्य बहुत पसंद है. 1 महीने से वह घूमर और चरी नृत्य पुष्कर में सीख रही हैं. फिनलैंड की इलोना ने कहा कि राजस्थानी संगीत उन्हें अच्छा लगता है. वहीं नृत्य में भाव भागिमाओं ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है. फ्रांस की नाजिया ने कहा कि वह 1 महीने से राजस्थानी लोक नृत्य सीख रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि अगली बार भी जब वह आएगी तो और उन्हें यहां सीखने का मौका मिलेगा.

पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: सुल्ताना के अजित सिंह की कसम, 100 युवाओं को भारतीय सेना में भेजकर ही लूंगा दम

राजस्थान की लोक संस्कृति विदेश से आने वाले मेहमानों का दिल छू लेती है. राजस्थान की परंपरा में केसरिया बालम आओ नी पधारो मारे देश है. ऐसे में विदेशी भावनाओं को भी राजस्थानी संस्कृति में अपनापन लगता है. यही वजह है कि लोक संस्कृति को विदेशी ना केवल देखते हैं, बल्कि इसमें खुद को भी शामिल करने की कोशिश करते हैं.

अजमेर. विश्वविख्यात पुष्कर के सालाना मेले का रंगारंग आगाज हो चुका है. ऐसे में देश और दुनिया से बड़ी संख्या में सैलानी पुष्कर अंतरराष्ट्रीय मेले में आए हुए हैं. इस मेले में सतरंगी राजस्थानी लोक कला और संस्कृति की झलक उन्हें काफी प्रभावित कर रही है.

विदेशी महिलाएं सिख रही है 'राजस्थानी लोक नृत्य'

बता दें कि राजस्थान की लोक संस्कृति की खासियत है कि जो भी इसे जानना चाहता है, वह इस में डूबता ही चला जाता है. ऐसे ही इस बार राजस्थानी नृत्य विदेशी बालाओं को खूब रास आ रहा है. पुष्कर में आने वाली विदेशी बालाएं राजस्थानी नृत्य सीख रही हैं और जमकर इसका लुत्फ भी उठा रही हैं. इस बार पुष्कर में विदेशी पर्यटक की खासी संख्या देखने को मिल रही है. यहां की लोक कला और संस्कृति से यह पर्यटक काफी प्रभावित भी हुए हैं. इनमें राजस्थानी लोक नृत्य से खासकर विदेशी बालाएं ज्यादा प्रभावित हो रही हैं.

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पुष्कर के पुराने रंग जी के मंदिर परिसर में राजस्थानी लोक संस्कृति से प्रभावित विदेशी बालाएं ठेठ राजस्थानी परंपरागत नृत्य बड़ी की तलीनता से सीख रही हैं. राजस्थानी नृत्य के प्रशिक्षक हेमंत देवड़ा ने बताया कि विदेशी बालाओं को राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, चरी और कालबेलिया नृत्य काफी प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि 10 साल से वह विदेशी बालाओं को राजस्थानी लोक नृत्य सिखा रहे हैं. देवड़ा ने बताया कि 23 देशों में वह राजस्थानी लोक नृत्य सिखा चुके हैं. वहीं देश में 75 जिलों में भी उन्होंने 4 हजार लोगों को अभी तक राजस्थानी लोक नृत्य सिखाया है.

देवड़ा से राजस्थानी लोक नृत्य सीख रही फ्रांस की मलिनी भारतीय बॉलीवुड फिल्मों से इतनी प्रभावित हैं कि उन्होंने फिल्में देखकर ही हिंदी भाषा सीख ली. मालिनी बताती हैं कि उन्हें राजस्थानी लोक नृत्य बहुत पसंद है. 1 महीने से वह घूमर और चरी नृत्य पुष्कर में सीख रही हैं. फिनलैंड की इलोना ने कहा कि राजस्थानी संगीत उन्हें अच्छा लगता है. वहीं नृत्य में भाव भागिमाओं ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है. फ्रांस की नाजिया ने कहा कि वह 1 महीने से राजस्थानी लोक नृत्य सीख रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि अगली बार भी जब वह आएगी तो और उन्हें यहां सीखने का मौका मिलेगा.

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राजस्थान की लोक संस्कृति विदेश से आने वाले मेहमानों का दिल छू लेती है. राजस्थान की परंपरा में केसरिया बालम आओ नी पधारो मारे देश है. ऐसे में विदेशी भावनाओं को भी राजस्थानी संस्कृति में अपनापन लगता है. यही वजह है कि लोक संस्कृति को विदेशी ना केवल देखते हैं, बल्कि इसमें खुद को भी शामिल करने की कोशिश करते हैं.

Intro:अजमेर। देश और दुनिया से बड़ी संख्या में सैलानी पुष्कर अंतरराष्ट्रीय मेले में आए हुए हैं। मेले में सतरंगी राजस्थानी लोक कला और संस्कृति की झलक उन्हें काफी प्रभावित कर रही है। राजस्थान की लोक संस्कृति की खासियत है कि जो भी इसे जानना चाहता है वह इस में डूबता ही चला जाता है। ऐसे ही राजस्थानी नृत्य की खासियत है। राजस्थानी गीतों पर किया गया नृत्य विदेशी बालाओं को खूब रास आ रहा है। पुष्कर में आने वाली विदेशी बालाएं राजस्थानी नृत्य सीख रही है।

राजस्थान की लोक संस्कृति विदेश से आने वाले मेहमानों का दिल छू लेती है। राजस्थान की परंपरा में केसरिया बालम आओ नी पधारो मारे देश है। ऐसे में विदेशी भावनाओं को भी राजस्थानी संस्कृति में अपनापन लगता है। यही वजह है कि लोक संस्कृति को विदेशी ना केवल देखते हैं बल्कि इसमें खुद को भी शामिल करने की कोशिश करते हैं। परसों से पुष्कर में विदेशी पर्यटक आते रहे हैं और यहां की लोक कला और संस्कृति से प्रभावित हुए हैं। इनमें राजस्थानी लोक नृत्य से खासकर विदेशी बालाएं ज्यादा प्रभावित होती है। राजस्थानी नृत्य को सीखने केवल में ज्यादा जिज्ञासा और ललक रहती है। पुष्कर के पुराने रंग जी के मंदिर परिसर में राजस्थानी लोक संस्कृति से प्रभावित विदेशी बालाएं ठेठ राजस्थानी परंपरागत नृत्य बड़ी की तलीनता से सीख रही हैं। राजस्थानी नृत्य के प्रशिक्षक हेमंत देवड़ा बताते हैं कि विदेशी बालाओं को राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, चरी और कालबेलिया नृत्य काफी प्रभावित करते हैं। उन्होंने बताया कि 10 साल से वह विदेशी बालाओं को राजस्थानी लोक नृत्य सिखा रहे हैं। देवड़ा ने बताया कि 23 देशों में वह राजस्थानी लोक नृत्य सिखा चुके हैं। वही देश में 75 जिलों में भी उन्होंने 4000 लोगों को अभी तक राजस्थानी लोक नृत्य सिखाया है....
बाइट- हेमंत देवड़ा प्रशिक्षक राजस्थानी लोक नृत्य

देवड़ा से राजस्थानी लोक नृत्य सीख रही फ्रांस की मलिनी भारतीय बॉलीवुड फिल्मों से इतनी प्रभावित हैं कि उन्होंने फिल्में देखकर ही हिंदी भाषा सीख ली। मालिनी बताते हैं कि उन्हें राजस्थानी लोक नृत्य बहुत पसंद है 1 महीने से वह घूमर और चरी नृत्य पुष्कर में सीख रही है। फिनलैंड की इलोना बताती है राजस्थानी संगीत उन्हें अच्छा लगता है वही नृत्य में भाव भागिमाओ ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। फ्रांस की नाजिया बताती है कि वह 1 महीने से राजस्थानी लोक नृत्य सीख रही है और उन्हें उम्मीद है कि अगली बार भी जब वह आएगी तो और उन्हें यहां सीखने का मौका मिलेगा....
बाइट मलिनी पर्यटक फ्रांस
बाइट इलोना पर्यटक फिनलैंड
बाइट- नाजिया पर्यटक फ्रांस

राजस्थानी लोक संस्कृति की बात ही निराली है। अपनेपन के साथ मेहमानों को अपनी ओर आकर्षित करना राजस्थान की संस्कृति की सबसे बड़ी खूबी है। यही वजह है कि विदेशी पर्यटकों को भी राजस्थानी संस्कृति दिल को छू जाती है।



Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर


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