अजमेर. शहर सहित पूरे प्रदेश में लंपी वायरस का प्रकोप गो वंश में कहर बनकर टूट रहा है. हजारों (Protest in Ajmer on Lumpy issue) गोवंश लंपी बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. इसी क्रम में मंगलवार को गोवंशों की रक्षा और इलाज के लिए सकल हिंदू समाज के बैनर तले विभिन्न संगठन जिला मुख्यालय पहुंचे. जहां संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने कलेक्टर अंशदीप से लंपी बीमारी से ग्रस्त गायों के इलाज में तेजी लाने की मांग की है. सकल हिंदू समाज ने केंद्र सरकार से लंपी बीमारी को महामारी घोषित करने की मांग की है.
हिंदू संगठन के पदाधिकारी शशिकांत इंदौरिया ने मांग रखते हुए कहा कि जिन पशुपालकों ने (Demand to declare lumpi disease as epidemic) गोवंश को खोया है उन्हें सरकार तत्काल मुआवजा दे. लंपी बीमारी से ग्रसित गाय के इलाज के लिए निशुल्क दवा, चिकित्सा और एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए. एनिमल वेलफेयर ( पशु संवर्धन ) के बजट में की गई कटौती को समाप्त कर उसे दोगुना किया जाए.
विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष डॉ अशोक मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार स्टांप (Protest with Cows in Ajmer) ड्यूटी पर गौ संवर्धन और संरक्षण के नाम पर वसूली जा रही राशि से प्रत्येक जिले में व्यवस्थित गो अभ्यारण बनाए जाएं. वहीं गोचर भूमि की सुरक्षा गंभीरता से हो. इसके अलावा मृत गोवंश के अंतिम संस्कार की भी सरकार उचित व्यवस्था करें.
नदबई में तेजी से बढ़ रहा खतरा : क्षेत्र में लंपी वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश चौधरी ने बताया कि उपखण्ड क्षेत्र के 998 गोवंश लंपी डिजीज से संक्रमित हैं. जबकि 60 की मौत हो चुकी है. शहर में लगभग 92 गोवंश लंपी वायरस से पीड़ित हैं. ग्रामीण क्षेत्र में लंपी वायरस का खतरा ज्यादा बना हुआ है. पशु चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि पशुओं को संक्रमित पशुओं से दूर रखकर ही या समय पर उपचार से ही बचाया जा सकता है. वहीं लोगों से अपील की जा रही है अगर आवारा गोवंश में लंपी वायरस के लक्षण दिख रहे हों तो तुरंत विभाग को अवगत कराएं.
जोधपुर में सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया हवन: लंपी स्कीन डिजीज से गायों को बचाने के लिए आमजन में जागरूकता लाने के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पदयात्रा निकाली. ओसियां क्षेत्र से जोधपुर तक पैदल चलकर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने सरकार की इस बीमारी को लेकर कार्यप्रणाली को लेकर रोष प्रकट किया. कलेक्ट्रेट पर सद्बुद्धि हवन भी किया. कार्यकर्ताओं का कहना था कि गांवों में हालात खराब हैं. किसान व पशुपालक बर्बाद हो गए हैं. सरकार को मुआवजा देना चाहिए. इसके अलावा हर पंचायत में एक एक पशु चिकित्सक व पशुधन सहायक की तत्काली नियुक्ती की जाए. जिससे पशुधन केा बचाया जा सके.