ETV Bharat / city

अजमेर: निजी स्कूल संचालकों ने उठाई आठ सत्रीय मांग, CM के नाम दिया ज्ञापन

अजमेर में राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के ज्ञापन दिया गया है. महासंघ की ओर से लॉकडाउन के कारण निजी स्कूल और निजी शिक्षण संस्थाओं की कमजोर हुई आर्थिक स्थिति को लेकर आठ सूत्रीय मांगे उठाई गई हैं.

निजी स्कूल संचालक, अजमेर न्यूज, Rajasthan Private Education Federation
निजी स्कूल संचालकों ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन
author img

By

Published : Sep 25, 2020, 9:10 PM IST

अजमेर. राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ ने निजी स्कूल निजी शिक्षण संस्थाओं की कमजोर आर्थिक स्थिति के मद्देनजर आठ सूत्रीय मांगे उठाई है. महासंघ संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को सीएम के नाम ज्ञापन दिया है.

निजी स्कूल संचालकों ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभिभावकों को 70 फीसदी फीस जमा करने के आदेश दिए हैं. न्यायालय के निर्णय की पालना और सम्मान करते हुए सरकार को 70 फीसदी फीस के दिशा निर्देश के लिए आदेश जारी करने चाहिए, ताकि अभिभावकों में भ्रांतियां न फैले. शर्मा ने बताया कि निजी स्कूलों में अध्यापक का वेतन, बिजली पानी के बिलों का भुगतान और किराए के भवनों में चल रही स्कूलों का किराया स्कूल संचालक नहीं चुका पा रहे हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि फीस के अभाव में उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है. सरकार की ओर से 70 फीसदी फीस के आदेश जारी होने से इन स्कूलों को बड़ी राहत मिलेगी. शर्मा ने बताया कि आरटीई के पोर्टल पर द्वितीय किस्त का क्लेम बिल पोर्टल खोला जाए पूर्व में बकाया वह सत्र 2019-20 की द्वितीय किस्त का भुगतान शीघ्र जारी किया जाए. इससे प्रदेश की निजी शिक्षण संस्थाओं को आर्थिक स्थिति से उभारा जा सकता है.

वहीं शर्मा ने कहा कि आरटीई के तहत 2020-21 में प्रदेश में लाखों विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया और ऑनलाइन रिपोर्टिंग से वंचित रह गए इसलिए कोरोना महामारी के दौरान वर्ष पर्यंत या 2 माह की तिथि बढ़ाई जाए ताकि आरटीई प्रवेश में अभिभावकों को राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति को कमजोर होने से बचाने के लिए सरकार आर्थिक सहयोग प्रदान करें या मान्यता के दौरान तीन लाख की एफडी पर लोन एवं राष्ट्रीय कृत बैंक से लोन लेने की व्यवस्था की जाए.

ये पढ़ें: अजमेर: JLN अस्पताल में मनाया वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे

वहीं महासंघ के बैनर तले यह भी मांग की गई है कि इंस्पायर अवार्ड 2020 के तहत कक्षा 6 से कक्षा 10 तक रजिस्ट्रेशन की तारीख 30 सितंबर तक है इसे एक माह तक बढ़ाया जाए. प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण कई विद्यार्थी इंस्पायर अवार्ड से वंचित रह जाएंगे.

शर्मा ने कहा कि इस वर्ष विद्यालय का संचालन करने एवं पाठ्यक्रम योजना के स्पष्ट दिशानिर्देश सरकार जारी करें. ताकि स्कूलों की ओर से नियमों की पालना की जाए. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में सीएम के नाम 8 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन दिए जा रहे हैं. साथ ही आंदोलन की रणनीति भी तैयार की जा रही हैं. सरकार ने मांगे नहीं मानी तो राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा.

अजमेर. राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ ने निजी स्कूल निजी शिक्षण संस्थाओं की कमजोर आर्थिक स्थिति के मद्देनजर आठ सूत्रीय मांगे उठाई है. महासंघ संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को सीएम के नाम ज्ञापन दिया है.

निजी स्कूल संचालकों ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने अभिभावकों को 70 फीसदी फीस जमा करने के आदेश दिए हैं. न्यायालय के निर्णय की पालना और सम्मान करते हुए सरकार को 70 फीसदी फीस के दिशा निर्देश के लिए आदेश जारी करने चाहिए, ताकि अभिभावकों में भ्रांतियां न फैले. शर्मा ने बताया कि निजी स्कूलों में अध्यापक का वेतन, बिजली पानी के बिलों का भुगतान और किराए के भवनों में चल रही स्कूलों का किराया स्कूल संचालक नहीं चुका पा रहे हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि फीस के अभाव में उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है. सरकार की ओर से 70 फीसदी फीस के आदेश जारी होने से इन स्कूलों को बड़ी राहत मिलेगी. शर्मा ने बताया कि आरटीई के पोर्टल पर द्वितीय किस्त का क्लेम बिल पोर्टल खोला जाए पूर्व में बकाया वह सत्र 2019-20 की द्वितीय किस्त का भुगतान शीघ्र जारी किया जाए. इससे प्रदेश की निजी शिक्षण संस्थाओं को आर्थिक स्थिति से उभारा जा सकता है.

वहीं शर्मा ने कहा कि आरटीई के तहत 2020-21 में प्रदेश में लाखों विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया और ऑनलाइन रिपोर्टिंग से वंचित रह गए इसलिए कोरोना महामारी के दौरान वर्ष पर्यंत या 2 माह की तिथि बढ़ाई जाए ताकि आरटीई प्रवेश में अभिभावकों को राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति को कमजोर होने से बचाने के लिए सरकार आर्थिक सहयोग प्रदान करें या मान्यता के दौरान तीन लाख की एफडी पर लोन एवं राष्ट्रीय कृत बैंक से लोन लेने की व्यवस्था की जाए.

ये पढ़ें: अजमेर: JLN अस्पताल में मनाया वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे

वहीं महासंघ के बैनर तले यह भी मांग की गई है कि इंस्पायर अवार्ड 2020 के तहत कक्षा 6 से कक्षा 10 तक रजिस्ट्रेशन की तारीख 30 सितंबर तक है इसे एक माह तक बढ़ाया जाए. प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण कई विद्यार्थी इंस्पायर अवार्ड से वंचित रह जाएंगे.

शर्मा ने कहा कि इस वर्ष विद्यालय का संचालन करने एवं पाठ्यक्रम योजना के स्पष्ट दिशानिर्देश सरकार जारी करें. ताकि स्कूलों की ओर से नियमों की पालना की जाए. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में सीएम के नाम 8 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन दिए जा रहे हैं. साथ ही आंदोलन की रणनीति भी तैयार की जा रही हैं. सरकार ने मांगे नहीं मानी तो राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.