अजमेर. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में फंसे बाहर राज्यों के प्रवासी श्रमिक और लोगों को उनके घर भेजने का सिलसिला जारी है. बुधवार को अजमेर से 12 व्यक्तियों को रोडवेज की बस से हरियाणा भेजा गया है. वहीं अब जम्मू कश्मीर के निवासी प्रवासियों को बसों से भेजने की तैयारी की जा रही है.
अजमेर जिला कोविड -19 प्रभारी एवं सीईओ गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अजमेर में 374 प्रवासी लोग हैं, इनमें सबसे अधिक 219 बिहार के निवासी हैं, 50 के करीब महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के भी लोग हैं. सरकार के निर्देश पर इनको इनके राज्यों तक छोड़ने की व्यवस्थाएं की जा रही है. इस क्रम में सोमवार को 12 लोगों को रोडवेज बस से हरियाणा छोड़ा गया है. वहीं जम्मू कश्मीर के निवासियों को भी बस के माध्यम से छोड़ने की व्यवस्था की जा रही है.
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इनमें नागौर के 15, झालावाड़ के दो और अजमेर जिले से 10 प्रवासी है. जम्मू कश्मीर सरकार से स्वीकृति आने के तुरंत बाद सभी को रोडवेज बस के माध्यम से जम्मू-कश्मीर छोड़ा जाएगा. सिंह ने बताया कि सभी प्रवासियों को छोड़ने के लिए कोविड-19 के तहत बने प्रोटोकॉल की पालना की जाती है. बसों को पहले सैनिटाइज किया जाता है. वहीं प्रवासी लोगों का मेडिकल टीम की ओर से स्क्रीनिंग की जाती है. वहीं इसके बाद उन्हें मेडिकल टीम की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जाता है.
बता दें कि प्रवासी श्रमिकों और जायरीन के लिए अजमेर से पहली ट्रेन कोलकाता के लिए भेजी गई थी. इसके बाद तेलंगाना और बिहार के लिए भी ट्रेन भेजे जाने की योजना थी, लेकिन उतने लोग नहीं होने के कारण फिलहाल ट्रेन से भेजे जाने की व्यवस्था स्थगित की गई है.