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अजमेर: मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की बारगाह में किसानों के लिए हुई दुआ

पिछले कई दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर के दिल्ली कूच करने पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर ही रोकने के सरकार द्वारा लागातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. वहीं किसानों से केंद्र सरकार से 5 से 6 बार वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. जिसको लेकर सोमवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर खादिम द्वारा केंद्र सरकार को सद्ब बुद्धि देने के लिए दुआएं की गईं.

Bharat Band, farmer movement
मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की बारगाह में किसानों के लिए हुई दुआ
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Published : Dec 8, 2020, 3:48 AM IST

अजमेर. पिछले कई दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर के दिल्ली कूच करने पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर ही रोकने के सरकार द्वारा लागातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. वहीं किसानों से केंद्र सरकार से 5 से 6 बार वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. जिसको लेकर सोमवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर खादिम द्वारा केंद्र सरकार को सद्ब बुद्धि देने के लिए दुआएं की गईं.

खादिम एसएफ हसन चिश्ती ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के विरोध में हठ लगा कर बैठी है सरकार किसान की बात नहीं मान रही, जिसको लेकर लागातार विरोध किया जा रहा है. किसान देश के अन्न की पूर्ति करता है, देश का पेट भी भरता है, लेकिन उसके बावजूद सरकार उनकी जायज मांगों को लेकर कोई विचार नहीं कर रही है.

इसलिए सोमवार को सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर सभी धर्म के लोग एक साथ मौजूद हुए हैं. सभी ने एक साथ शाहजानि मस्जिद में दुआ की और केंद्र सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए दुआएं की हैं. चिश्ती ने कहा कि यह वो बारगाह है, जहां से किसी की भी दुआ खाली नहीं जाती है. जल्द ही किसानों के हक में सरकार फैसला सुनाए इसको लेकर दुआ की गई.

किसाना आंदोलन को लेकर कोटा कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

किसान आंदोलन को लेकर यूनियनों ने कमर कस ली है. किसानों ने सोमवार को भी कोटा जिला कलेक्ट्रेट पर जाकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसके बाद उन्होंने भारत बंद की पूरी रणनीति तैयार कर ली है. इस भारत बंद में पेट्रोल पंप और मंडी भी बंद रहेंगे. साथ ही कई व्यापारिक संस्थाओं ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा का कहना है कि भारत बंद के समर्थन में महावीर नगर चौराहे पर किसान यूनियन के लोग एकत्रित होंगे. यहां से वे शहर के अलग-अलग हिस्से में बंद के लिए निकलेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कस्बों और गांवों में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिलेगा, क्योंकि वहां भी किसानों को बंद रखने के लिए व्यापारियों से अपील करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें- अजमेर दरगाह के पास युवक की लातों से धुनाई, VIDEO VIRAL

बोरदा ने कहा कि किसानों का आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है. इसमें केंद्र सरकार में शामिल दलों को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियां समर्थन करने मैदान में आ गई है. कोटा संभाग को बंद करवाने को लेकर समन्वय समिति की बैठक हुई थी. जिसमें किसान संगठनों के साथ-साथ मजदूर और अन्य संगठन भी जुड़ गए हैं. वहीं कोटा पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने भी भारत बंद के चलते सुबह 10:00 से 12:00 बजे तक पेट्रोल पंप को बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही भामाशाह कृषि उपज मंडी में भी कामकाज बाधित रहेगा. किसानों की फसल की नीलामी नहीं होगी.

जयपुर व्यापार मंडल ने की दुकानें खुली रखने की घोषणा

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. बीजेपी के अलावा सभी पार्टियों ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है, लेकिन जयपुर व्यापार मंडल ने भारत बंद का समर्थन ना कर अपनी दुकान खुली रखने का की घोषणा की है और कहा कि कोरोना के कारण उनका व्यापार पहले ही सही नहीं चल रहा, इसलिए वह भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं.

जयपुर व्यापार मंडल की ओर से इस संबंध में मंगलवार को एक बैठक का भी आयोजन किया गया. व्यापार मंडल के पदाधिकारी इस संबंध में एडिशनल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश और माणक चौक थाना इंचार्ज से भी मुलाकात की. उन्होंने मांग की कि भारत बंद के दौरान उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो.

पढ़ें- सगाई समारोह में आभूषणों से भरा बैग चोरी, CCTV कैमरे में कैद हुआ चोर

जयपुर व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष एवं चौड़ा रास्ता व्यापार मंडल के अध्यक्ष सौभागमल अग्रवाल ने कहा कि जयपुर व्यापार मंडल भारत बंद में शामिल नहीं होंगे और शहर के सभी बाजार खुले रहेंगे. व्यापारियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए हम फिलहाल ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते जिसके कारण दुकानदारों को भी परेशानी हो और जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़े. इसलिए सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोलने का निर्णय किया है. अपनी सुरक्षा के लिए हम पुलिस से भी सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं और अपने स्तर पर भी सुरक्षा के उपाय करेंगे.

भारतीय किसान संघ नहीं देगा भारत बंद को समर्थन

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. कई किसान संगठनों और राजनीतिक दलों के साथ ही कई व्यापारिक संगठनों ने भी भारत बंद के आह्वान को समर्थन देने का एलान किया है, लेकिन भारतीय किसान संघ ने भारत बंद से अपने आप को अलग करते हुए इसे समर्थन नहीं देने की घोषणा की है. भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी के हवाले से आज जारी किए गए प्रेस नोट में यह घोषणा की गई है.

उन्होंने आज प्रेस नोट जारी कर बताया कि तीन कृषि बिलों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच 5 दौर की वार्ता निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंच पाई है, लेकिन कृषि मंत्री ने इन कानूनों में संशोधन करने पर सहमति जारी की है और दोनों पक्ष 9 दिसम्बर को फिर से वार्ता करने के लिए सहमत हुए हैं. हालांकि, किसान नेताओं ने वार्ता में आने की सहमति दी है. फिर भी 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. उनका कहना है कि भारतीय किसान संघ तीनों बिलों को वापस नहीं लेकर चार संशोधनों के साथ इन्हें लागू करने की मांग कर रहा है. उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि विदेशी ताकतें, राष्ट्रद्रोही तत्व और कुछ राजनीतिक दल किसान आंदोलन को अराजकता की ओर मोड़ देने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में देश और किसान का नुकसान होगा.

श्रम मंत्री ने व्यापारियों से की भारत बंद के समर्थन की अपील

8 नवंबर को भारत बंद से एक दिन पहले प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने भारत बंद का समर्थन करते हुए व्यापारी व आम लोगों से बंद के समर्थन की अपील की. इसके अलावा युवा कांग्रेस व एनएसयूआई की तरफ से भारत बंद को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाते हुए बाजार बंद कराने का फैसला लिया.

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में चल रहे हैं. किसान आंदोलन के दौरान 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इसका सभी लोग समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं. मंडी के व्यापारियों ने पहले ही किसानों के समर्थन में भारत बंद के दौरान अलवर की अनाज मंडी सब्जी मंडी में प्याज मंडी को बंद रखने का फैसला लिया. इसके अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी कांग्रेसी नेता भारत बंद का समर्थन कर चुके हैं.

ऐसे में प्रदेश के संबंधित टीकाराम जूली में भारत बंद का समर्थन करते हुए लोगों से भारत बंद के दौरान अपना समर्थन देने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश को पूंजीपतियों के हाथ में जाने से रोकना होगा. कृषि कानून केवल कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है.

अजमेर. पिछले कई दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर के दिल्ली कूच करने पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली बॉर्डर पर ही रोकने के सरकार द्वारा लागातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. वहीं किसानों से केंद्र सरकार से 5 से 6 बार वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. जिसको लेकर सोमवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर खादिम द्वारा केंद्र सरकार को सद्ब बुद्धि देने के लिए दुआएं की गईं.

खादिम एसएफ हसन चिश्ती ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के विरोध में हठ लगा कर बैठी है सरकार किसान की बात नहीं मान रही, जिसको लेकर लागातार विरोध किया जा रहा है. किसान देश के अन्न की पूर्ति करता है, देश का पेट भी भरता है, लेकिन उसके बावजूद सरकार उनकी जायज मांगों को लेकर कोई विचार नहीं कर रही है.

इसलिए सोमवार को सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर सभी धर्म के लोग एक साथ मौजूद हुए हैं. सभी ने एक साथ शाहजानि मस्जिद में दुआ की और केंद्र सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए दुआएं की हैं. चिश्ती ने कहा कि यह वो बारगाह है, जहां से किसी की भी दुआ खाली नहीं जाती है. जल्द ही किसानों के हक में सरकार फैसला सुनाए इसको लेकर दुआ की गई.

किसाना आंदोलन को लेकर कोटा कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

किसान आंदोलन को लेकर यूनियनों ने कमर कस ली है. किसानों ने सोमवार को भी कोटा जिला कलेक्ट्रेट पर जाकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इसके बाद उन्होंने भारत बंद की पूरी रणनीति तैयार कर ली है. इस भारत बंद में पेट्रोल पंप और मंडी भी बंद रहेंगे. साथ ही कई व्यापारिक संस्थाओं ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा का कहना है कि भारत बंद के समर्थन में महावीर नगर चौराहे पर किसान यूनियन के लोग एकत्रित होंगे. यहां से वे शहर के अलग-अलग हिस्से में बंद के लिए निकलेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कस्बों और गांवों में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिलेगा, क्योंकि वहां भी किसानों को बंद रखने के लिए व्यापारियों से अपील करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें- अजमेर दरगाह के पास युवक की लातों से धुनाई, VIDEO VIRAL

बोरदा ने कहा कि किसानों का आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है. इसमें केंद्र सरकार में शामिल दलों को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियां समर्थन करने मैदान में आ गई है. कोटा संभाग को बंद करवाने को लेकर समन्वय समिति की बैठक हुई थी. जिसमें किसान संगठनों के साथ-साथ मजदूर और अन्य संगठन भी जुड़ गए हैं. वहीं कोटा पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने भी भारत बंद के चलते सुबह 10:00 से 12:00 बजे तक पेट्रोल पंप को बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही भामाशाह कृषि उपज मंडी में भी कामकाज बाधित रहेगा. किसानों की फसल की नीलामी नहीं होगी.

जयपुर व्यापार मंडल ने की दुकानें खुली रखने की घोषणा

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. बीजेपी के अलावा सभी पार्टियों ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है, लेकिन जयपुर व्यापार मंडल ने भारत बंद का समर्थन ना कर अपनी दुकान खुली रखने का की घोषणा की है और कहा कि कोरोना के कारण उनका व्यापार पहले ही सही नहीं चल रहा, इसलिए वह भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं.

जयपुर व्यापार मंडल की ओर से इस संबंध में मंगलवार को एक बैठक का भी आयोजन किया गया. व्यापार मंडल के पदाधिकारी इस संबंध में एडिशनल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश और माणक चौक थाना इंचार्ज से भी मुलाकात की. उन्होंने मांग की कि भारत बंद के दौरान उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो.

पढ़ें- सगाई समारोह में आभूषणों से भरा बैग चोरी, CCTV कैमरे में कैद हुआ चोर

जयपुर व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष एवं चौड़ा रास्ता व्यापार मंडल के अध्यक्ष सौभागमल अग्रवाल ने कहा कि जयपुर व्यापार मंडल भारत बंद में शामिल नहीं होंगे और शहर के सभी बाजार खुले रहेंगे. व्यापारियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए हम फिलहाल ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते जिसके कारण दुकानदारों को भी परेशानी हो और जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़े. इसलिए सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोलने का निर्णय किया है. अपनी सुरक्षा के लिए हम पुलिस से भी सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं और अपने स्तर पर भी सुरक्षा के उपाय करेंगे.

भारतीय किसान संघ नहीं देगा भारत बंद को समर्थन

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. कई किसान संगठनों और राजनीतिक दलों के साथ ही कई व्यापारिक संगठनों ने भी भारत बंद के आह्वान को समर्थन देने का एलान किया है, लेकिन भारतीय किसान संघ ने भारत बंद से अपने आप को अलग करते हुए इसे समर्थन नहीं देने की घोषणा की है. भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी के हवाले से आज जारी किए गए प्रेस नोट में यह घोषणा की गई है.

उन्होंने आज प्रेस नोट जारी कर बताया कि तीन कृषि बिलों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच 5 दौर की वार्ता निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंच पाई है, लेकिन कृषि मंत्री ने इन कानूनों में संशोधन करने पर सहमति जारी की है और दोनों पक्ष 9 दिसम्बर को फिर से वार्ता करने के लिए सहमत हुए हैं. हालांकि, किसान नेताओं ने वार्ता में आने की सहमति दी है. फिर भी 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. उनका कहना है कि भारतीय किसान संघ तीनों बिलों को वापस नहीं लेकर चार संशोधनों के साथ इन्हें लागू करने की मांग कर रहा है. उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि विदेशी ताकतें, राष्ट्रद्रोही तत्व और कुछ राजनीतिक दल किसान आंदोलन को अराजकता की ओर मोड़ देने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में देश और किसान का नुकसान होगा.

श्रम मंत्री ने व्यापारियों से की भारत बंद के समर्थन की अपील

8 नवंबर को भारत बंद से एक दिन पहले प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने भारत बंद का समर्थन करते हुए व्यापारी व आम लोगों से बंद के समर्थन की अपील की. इसके अलावा युवा कांग्रेस व एनएसयूआई की तरफ से भारत बंद को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाते हुए बाजार बंद कराने का फैसला लिया.

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में चल रहे हैं. किसान आंदोलन के दौरान 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इसका सभी लोग समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं. मंडी के व्यापारियों ने पहले ही किसानों के समर्थन में भारत बंद के दौरान अलवर की अनाज मंडी सब्जी मंडी में प्याज मंडी को बंद रखने का फैसला लिया. इसके अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी कांग्रेसी नेता भारत बंद का समर्थन कर चुके हैं.

ऐसे में प्रदेश के संबंधित टीकाराम जूली में भारत बंद का समर्थन करते हुए लोगों से भारत बंद के दौरान अपना समर्थन देने की अपील की. उन्होंने कहा कि देश को पूंजीपतियों के हाथ में जाने से रोकना होगा. कृषि कानून केवल कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है.

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