किशनगढ़ (अजमेर). क्षेत्र का बहुचर्चित भंवर सिनोदिया हत्याकांड पूरे प्रदेश में फिर से सुर्खियों में है. सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य गवाह रहे हरमाड़ा निवासी और सरपंच को मुख्य बाजार बालाजी मंदिर चौक में अज्ञात हमलावरों ने रविवार को दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. शहर में हुए घटनाक्रम के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. ऐसे में सोमवार को चिकित्सकों की तीन सदस्यों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया.
इस दौरान प्रशासन ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी करवाई. वहीं पोस्टमार्टम के दौरान अस्पताल परिसर छावनी में तब्दील नजर आया. अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप सहित पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे. पोस्टमार्टम के बाद मृतक के शव को लेकर परिजन गांव हरमाड़ा के लिए रवाना हुए.
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इस दौरान अजमेर एसपी से पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी और भाजपा नेता विकास चौधरी सहित समर्थकों और परिजनों ने SOG से मामले की जांच करवाने की मांग की. वहीं अजमेर पुलिस की टीमें लगातार अपराधियों के ठिकानों पर दबिश दे रही है. करीब आधा दर्जन बदमाशों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
हत्याकांड के तार धौलपुर जेल में बंद भवर सिनोदिया हत्याकांड के आरोपी बलभराम जाट से जुड़े बताए जा रहे है. भवर सिनोदिया की हत्या में बलवाराम मुख्य आरोपी है और फिलहाल धौलपुर जैल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. जानकर सूत्रों की माने तो अजमेर पुलिस जल्द बलवाराम को पूछताछ के लिए अजमेर लेकर आ सकती है.
वहीं पुलिस को मिली सीसीटीवी फुटेज से पल्सर बाइक पर सवार 3 युवकों ने हत्याकांड को अंजाम दिया है. बहरहाल पुलिस तीनों युवको की तलाश में जुटी है. इसके लिए स्पेशल और साइबर सेल की मदद भी ली जा रही है. हत्याकांड के खुलासे के लिए अजमेर पुलिस ने करीब 200 से ज्यादा जवानों को सक्रिय किया है. जल्द ही पुलिस इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है.
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ये था मामला
किशनगढ़ इलाके में रविवार को दिनदहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने हरमाड़ा इलाके में रहने वाले भागचंद चोटिया पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. हमलावरों ने 5 राउंड फायर की. जिसमें चार गोली भागचंद चोटिया के सीने में और एक सिर पर लगी है. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गए. मौके पर फायरिंग की घटना के बाद दहशत का माहौल हो गया. वहीं घायल हालत में चोटिया को राजकीय अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. किशनगढ़ के बहुचर्चित भवन सिनोदिया हत्याकांड में भागचन्द मुख्य गवाह थे. वहीं चोटिया की मौत की खबर सुनने के बाद किशनगढ़ के राजकीय अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.