ETV Bharat / city

अजमेर में डिस्पेंसरी स्टाफ पर हठधर्मिता का आरोप...मरीजों ने किया हंगामा

अजमेर की रामनगर स्थित डिस्पेंसरी पर मरीजों ने जमकर हंगामा किया है. मरीजों का आरोप है कि डिस्पेंसरी समय से नहीं खोली जाती है और मरीजों की कोरोना जांच खानापूर्ति के तौर पर की जा रही है.

Ajmer news, Patients protested, protested against dispensary staff
अजमेर में डिस्पेंसरी स्टाफ पर हठधर्मिता का आरोप लगाते मरीजों ने किया हंगामा
author img

By

Published : Nov 18, 2020, 5:42 PM IST

अजमेर. देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है. इस महामारी में कुछ चिकित्सा कर्मी खुद की जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. वहीं ऐसे भी चिकित्सा कर्मी भी है, जो अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं. इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को अजमेर की रामनगर स्थित डिस्पेंसरी पर मरीजों ने जमकर हंगामा किया.

अजमेर में डिस्पेंसरी स्टाफ पर हठधर्मिता का आरोप लगाते मरीजों ने किया हंगामा

दरअसल, मरीजों का आरोप है कि डिस्पेंसरी समय से नहीं खोली जाती है और यहां पर मरीजों की कोरोना जांच भी खानापूर्ति के तौर पर की जा रही है. बताया जा रहा है कि कई डिस्पेंसरी में 200 तक जांच की जाती है. वहीं, यहां स्टाफ की कमी का भी रोना रोया जाता है. स्टाफ एक जगह बैठ कर बातें करने में मशगूल रहता है. कांग्रेसी नेता और समाजसेवी शैलेश गुप्ता ने कहा कि आज स्थानीय मरीजों की शिकायत मिलते ही वहां पहुंचे और देखा तो गेट बंद था. मीडिया के आने के बाद डिस्पेंसरी के गेट खोले गए. उन्होंने कहा कि स्टाफ होने के बावजूद भी यहां मरीजों की सुध नहीं ली जा रही है और कोरोना के मरीजों को भी घर जाकर दवाई नहीं दी जा रही. यह बेहद गंभीर लापरवाही है. उन्होंने डिस्पेंसरी के प्रभारी और अन्य स्टाफ की जांच के लिए जिला कलेक्टर से मांग की है.

यह भी पढ़ें- जैसलमेर : महिला ने शादी करने से मना किया तो घर में घुसकर काट दी नाक

मरीजों के आरोपों को लेकर जब प्रभारी डॉ. अलका से बातचीत करना चाहा तो वह मीडिया से बचती नजर आई. उन्होंने मीडिया कर्मियों को देखकर कमरा तक बंद कर लिया. जब इस मामले में संयुक्त निदेशक डॉ. जितेंद्र सिंह से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि दूसरी बार उन्हें डिस्पेंसरी की शिकायत मिली है. आरसीएचओ डॉ. स्वाति शिंदे को जांच के लिए भेजा गया है. वह खुद भी औचक निरीक्षण करके जांच करेंगे और लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

अजमेर. देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है. इस महामारी में कुछ चिकित्सा कर्मी खुद की जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा कर रहे हैं. वहीं ऐसे भी चिकित्सा कर्मी भी है, जो अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं. इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को अजमेर की रामनगर स्थित डिस्पेंसरी पर मरीजों ने जमकर हंगामा किया.

अजमेर में डिस्पेंसरी स्टाफ पर हठधर्मिता का आरोप लगाते मरीजों ने किया हंगामा

दरअसल, मरीजों का आरोप है कि डिस्पेंसरी समय से नहीं खोली जाती है और यहां पर मरीजों की कोरोना जांच भी खानापूर्ति के तौर पर की जा रही है. बताया जा रहा है कि कई डिस्पेंसरी में 200 तक जांच की जाती है. वहीं, यहां स्टाफ की कमी का भी रोना रोया जाता है. स्टाफ एक जगह बैठ कर बातें करने में मशगूल रहता है. कांग्रेसी नेता और समाजसेवी शैलेश गुप्ता ने कहा कि आज स्थानीय मरीजों की शिकायत मिलते ही वहां पहुंचे और देखा तो गेट बंद था. मीडिया के आने के बाद डिस्पेंसरी के गेट खोले गए. उन्होंने कहा कि स्टाफ होने के बावजूद भी यहां मरीजों की सुध नहीं ली जा रही है और कोरोना के मरीजों को भी घर जाकर दवाई नहीं दी जा रही. यह बेहद गंभीर लापरवाही है. उन्होंने डिस्पेंसरी के प्रभारी और अन्य स्टाफ की जांच के लिए जिला कलेक्टर से मांग की है.

यह भी पढ़ें- जैसलमेर : महिला ने शादी करने से मना किया तो घर में घुसकर काट दी नाक

मरीजों के आरोपों को लेकर जब प्रभारी डॉ. अलका से बातचीत करना चाहा तो वह मीडिया से बचती नजर आई. उन्होंने मीडिया कर्मियों को देखकर कमरा तक बंद कर लिया. जब इस मामले में संयुक्त निदेशक डॉ. जितेंद्र सिंह से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि दूसरी बार उन्हें डिस्पेंसरी की शिकायत मिली है. आरसीएचओ डॉ. स्वाति शिंदे को जांच के लिए भेजा गया है. वह खुद भी औचक निरीक्षण करके जांच करेंगे और लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.