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Corona ward में ड्यूटी कर राजेश्वरी साहू ने ETV BHARAT से साझा किया अपना अनुभव - jawaharlal nehru hospital

कोरोना संक्रमण के बीच चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग कर्मी अपनी परवाह किए बिना लगातार मरीजों के इलाजे में जुटे हुए हैं. ऐसी ही एक कोरोना वॉरियर है टोंक के देवली की निवासी राजेश्वरी साहू. राजेश्वरी अजमेर के जेएलएन अस्पताल में कोरोना वार्ड में मार्च से मरीजों की सेवा कर रही है. राजेश्वरी ने ईटीवी भारत से काम के दौरान हुए अपने अनुभव को साझा किए.

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नर्सिंग कर्मी ने साझा किया अनुभव
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Published : May 29, 2020, 9:17 PM IST

अजमेर. देश भर में कोरोना वैश्विक महामारी के बीच चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग कर्मी लगाातार संक्रमितों के इलाज में लगे हुए हैं. इस दौरान इनके सामने कई प्रकार की समस्याएं आ रहीं है. वहीं हर वक्त इनके संक्रमित होने का खतरा भी बना हुआ है. लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी ये कोरोना वॉरियर्स अपनी परवा किए बिना देश और समाज की सेवा में तत्परता के साथ जुटे हुए हैं. इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक है, टोंक जिले की देवली के रहने वाली राजेश्वरी साहू. जो अपने घर परिवार को दूर छोड़ कर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों की सेवा करने में जुटी है.

नर्सिंग कर्मी ने साझा किया अनुभव

बता दें कि राजेश्वरी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की कोरोना वार्ड में मार्च से ही कार्यरत है. इस दौरान उन्होंने कई संक्रमित मरीजों की सेवा की है. राजेश्वरी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वे पॉजिटिव मरीजों के बीच में रहकर बिना डरे लोगों की सेवा करने का कार्य कर रही है. वह अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में कार्यरत सेकंड ग्रेड नर्सिंग कर्मी है और मार्च महीने से अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से दे रही है. वह शुरू से ही कोरोना पॉजिटिव वार्ड में मरीजों का इलाज करने में सहयोग कर रही है. सीनियर डॉक्टर के साथ ही राजेश्वरी उन सभी पॉजिटिव मरीजों को अपने परिवार के सदस्य की तरह उनके साथ व्यवहार कर रही है.

PPE KIT पहनना एक चुनैती

राजेश्वरी ने बताया कि वह जब ड्यूटी पर जाती है तो सबसे पहले उन्हें PPE KIT पहनना पड़ता है. इस किट में किसी तरह की हवा नहीं जाती. इतनी भीषण गर्मी में इसे पहने रखना किसी चुनौती से कम नहीं है. गर्मी होने के कारण 5 से 10 मिनट में ही पूरा किट गीला हो जाता है. जिसके बाद भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने और मरीजों के इलाजा का और कोई उपाए नहीं है.

ये पढ़ें: लॉकडाउन का असरः प्राइवेट अस्पताल और क्लिनिक्स से 70 फीसदी मरीज हुए दूर

फोन पर मां रोने लगती है...

किसी भी आम इंसान की तरह राजेश्वरी के परिवार को भी हर दिन अपनी बेटी की चिंता सताती है. राजेश्वरी ऐसी परिस्थिति में अपनी सेवाएं दे रही हैं, हर पल उनके ऊपर संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है. राजेश्वरी ने बताया कि उनका परिवार भी अब उनकी चिंता करने लगा है. 3 महीने से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन वह अब तक घर नहीं गई. सिर्फ वीडियो कॉल के जरिए ही घर के लोगों से बात करती है. जब भी वह अपने परिवार से बात करती है तो उनकी मां रोने लगती है.

मरीजो के व्यवहार का असर पड़ता है

वहीं राजेश्वरी ने बताया कि, ड्यूटी के दौरान उन्हें और भी कई तरह की समस्याएं आती है. मरीजों के बर्ताव से काम पर काफी असर पड़ता है. राजेश्वरी बताती है कि, उन्हें कुछ मरीजों काफी सहयोग मिलता है, जिससे उन्हें काम करने में सहुलियत होती है. लेकिन कई मरीज उनका सहयोग नहीं करते है. जिससे कुछ परेशानियां बढ़ जाती है. वहीं राजेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. उसके बाद उनकी ड्यूटी फिर से शुरू हो जाएगी.

ये पढ़ें: पहले आधुनिकता की भेंट चढ़ा हथकरघा उद्योग, अब लॉकडाउन ने तोड़ी कमर

गाने का वीडियो हुआ था वायरल

बता दें कि, राजेश्वरी साहू का एक वीडियो कुछ दिन पहले भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा था. जिसमें वह खुद गाना गुनगुनाते हुए करना पॉजिटिव मरीजों की हौसला अफजाई करते हुए नजर आ रही थी. इस वीडियो के माध्यम से राजेश्वरी ने अपने सभी साथियों और भर्ती मरीजों का हौसला बढ़ाने का कार्य किया था. वीडियो के वायरल होने के बाद से ही राजेश्वरी काफी दिनों तक चर्चा में रही.

ऐसे में टोंक के देवली की राजेश्वरी साहू, जो पिछले 3 महीने से अपने घर से दूर हैं और अजमेर में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कोरोना वार्ड में अपनी सेवाएं दे रही है. राजेश्वरी समाज में कई लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है.

अजमेर. देश भर में कोरोना वैश्विक महामारी के बीच चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग कर्मी लगाातार संक्रमितों के इलाज में लगे हुए हैं. इस दौरान इनके सामने कई प्रकार की समस्याएं आ रहीं है. वहीं हर वक्त इनके संक्रमित होने का खतरा भी बना हुआ है. लेकिन इन विषम परिस्थितियों में भी ये कोरोना वॉरियर्स अपनी परवा किए बिना देश और समाज की सेवा में तत्परता के साथ जुटे हुए हैं. इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक है, टोंक जिले की देवली के रहने वाली राजेश्वरी साहू. जो अपने घर परिवार को दूर छोड़ कर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों की सेवा करने में जुटी है.

नर्सिंग कर्मी ने साझा किया अनुभव

बता दें कि राजेश्वरी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की कोरोना वार्ड में मार्च से ही कार्यरत है. इस दौरान उन्होंने कई संक्रमित मरीजों की सेवा की है. राजेश्वरी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वे पॉजिटिव मरीजों के बीच में रहकर बिना डरे लोगों की सेवा करने का कार्य कर रही है. वह अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में कार्यरत सेकंड ग्रेड नर्सिंग कर्मी है और मार्च महीने से अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से दे रही है. वह शुरू से ही कोरोना पॉजिटिव वार्ड में मरीजों का इलाज करने में सहयोग कर रही है. सीनियर डॉक्टर के साथ ही राजेश्वरी उन सभी पॉजिटिव मरीजों को अपने परिवार के सदस्य की तरह उनके साथ व्यवहार कर रही है.

PPE KIT पहनना एक चुनैती

राजेश्वरी ने बताया कि वह जब ड्यूटी पर जाती है तो सबसे पहले उन्हें PPE KIT पहनना पड़ता है. इस किट में किसी तरह की हवा नहीं जाती. इतनी भीषण गर्मी में इसे पहने रखना किसी चुनौती से कम नहीं है. गर्मी होने के कारण 5 से 10 मिनट में ही पूरा किट गीला हो जाता है. जिसके बाद भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने और मरीजों के इलाजा का और कोई उपाए नहीं है.

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फोन पर मां रोने लगती है...

किसी भी आम इंसान की तरह राजेश्वरी के परिवार को भी हर दिन अपनी बेटी की चिंता सताती है. राजेश्वरी ऐसी परिस्थिति में अपनी सेवाएं दे रही हैं, हर पल उनके ऊपर संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है. राजेश्वरी ने बताया कि उनका परिवार भी अब उनकी चिंता करने लगा है. 3 महीने से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन वह अब तक घर नहीं गई. सिर्फ वीडियो कॉल के जरिए ही घर के लोगों से बात करती है. जब भी वह अपने परिवार से बात करती है तो उनकी मां रोने लगती है.

मरीजो के व्यवहार का असर पड़ता है

वहीं राजेश्वरी ने बताया कि, ड्यूटी के दौरान उन्हें और भी कई तरह की समस्याएं आती है. मरीजों के बर्ताव से काम पर काफी असर पड़ता है. राजेश्वरी बताती है कि, उन्हें कुछ मरीजों काफी सहयोग मिलता है, जिससे उन्हें काम करने में सहुलियत होती है. लेकिन कई मरीज उनका सहयोग नहीं करते है. जिससे कुछ परेशानियां बढ़ जाती है. वहीं राजेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. उसके बाद उनकी ड्यूटी फिर से शुरू हो जाएगी.

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गाने का वीडियो हुआ था वायरल

बता दें कि, राजेश्वरी साहू का एक वीडियो कुछ दिन पहले भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा था. जिसमें वह खुद गाना गुनगुनाते हुए करना पॉजिटिव मरीजों की हौसला अफजाई करते हुए नजर आ रही थी. इस वीडियो के माध्यम से राजेश्वरी ने अपने सभी साथियों और भर्ती मरीजों का हौसला बढ़ाने का कार्य किया था. वीडियो के वायरल होने के बाद से ही राजेश्वरी काफी दिनों तक चर्चा में रही.

ऐसे में टोंक के देवली की राजेश्वरी साहू, जो पिछले 3 महीने से अपने घर से दूर हैं और अजमेर में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कोरोना वार्ड में अपनी सेवाएं दे रही है. राजेश्वरी समाज में कई लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है.

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