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46 देशों की यात्रा के बाद नितिन पहुंचे अजमेर, बोले- इंजीनियर हूं...अगला लक्ष्य समंदर में खेती करना है - गांधी की मूल विचारधारा

महात्मा गांधी के सिद्धान्तों और विचारधारा से प्रेरित महाराष्ट्र के राशि गांव निवासी नितिन सोनावणे गांधी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देश और दुनिया भ्रमण करते हुए ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी अजमेर पहुंचे हैं. नितिन अब तक 46 देशों की यात्रा पूरी कर चुके हैं. खास बात यह है कि गांधी संदेश यात्रा के तहत नितिन ने 5 वर्ष पहले यात्रा शुरू की थी. अब तक वे 20 देशों की यात्रा पैदल और 26 देशों की यात्रा साइकिल से कर चुके हैं.

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46 देशों की यात्रा
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Published : Oct 19, 2021, 7:35 PM IST

अजमेर. ईटीवी भारत से बातचीत में नितिन सोनावणे ने बताया कि 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी गांधी संदेश यात्रा शुरू की थी. पिछले 5 वर्षों से वह दुनिया के 46 देशों की यात्रा कर चुके हैं. नितिन सोनावणे ने बताया कि 110 देशों में जीसस और बुद्ध के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं महात्मा गांधी की लगी हुई हैं. यानि महात्मा गांधी के सिद्धांत और उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है.

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की मूल विचारधारा सत्य और अहिंसा पर आधारित है. गांधी की विचारधारा इंसान को अपने जीवन काल में सत्य और अहिंसा को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती है. महात्मा गांधी ने सत्याग्रह का मार्ग भी दिखाया था. दुनिया के कई देशों में हिंसक प्रदर्शन हुए. ऐसे में महात्मा गांधी के बताए सत्याग्रह से भी मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है.

क्या कहते हैं नितिन सोनावणे...

बातचीत में नितिन ने बताया कि वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या क्लाइमेट चेंज की है. प्रकृति को कम से कम नुकसान पहुंचा कर भी हम रह सकते हैं. प्रकृति और हम एक ही हैं. गांधी की विचारधारा भी यही कहती है कि प्रकृति से हमें अहिंसा नहीं करनी चाहिए. अफगानिस्तान, पाकिस्तान में हिंसा की निंदा करनी चाहिए. मगर अपने देश में जातिवाद, कट्टरता, गरीबी और करप्शन को भी दूर करने की जरूरत है. गरीबी हिंसा का सबसे बड़ा कारण है.

पढ़ें : राजस्थान में फेरबदल से पहले 'मुलाकात' होगी...लेकिन पेंच अटका पायलट की भूमिका पर, समझिये पूरा समीकरण

मैंने देखा कि कई देशों में गरीबी है, लोग अपना पेट भरने के लिए हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं. मैंने राजस्थान में भी महिलाओं को परदे में देखा है. हम समानता की बात करते हैं, इसलिए सबसे ज्यादा जरूरत वर्तमान में नैतिकता के साथ राजनीति की है. देश में ऐसी राजनैतिक पॉलिसी बने जो लोगों के लिए सुविधाएं दे सके. बातचीत में नितिन ने बताया कि अजमेर के बाद वह पैदल ही अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई होते हुए पुणे ओर फिर अपने गांव राशि पहुंच कर यात्रा सम्पन्न करेंगे.

उन्होंने बताया कि वे इंजीनियर हैं. उनका आगामी लक्ष्य है समंदर में खेती करना है. आगामी 10 वर्षों में समंदर में खेती और समंदर में मौजूद 40 फीसदी कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग कैसे किया जाए, इन दो प्रोजेक्ट पर काम करने का है.

अजमेर. ईटीवी भारत से बातचीत में नितिन सोनावणे ने बताया कि 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी गांधी संदेश यात्रा शुरू की थी. पिछले 5 वर्षों से वह दुनिया के 46 देशों की यात्रा कर चुके हैं. नितिन सोनावणे ने बताया कि 110 देशों में जीसस और बुद्ध के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं महात्मा गांधी की लगी हुई हैं. यानि महात्मा गांधी के सिद्धांत और उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है.

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की मूल विचारधारा सत्य और अहिंसा पर आधारित है. गांधी की विचारधारा इंसान को अपने जीवन काल में सत्य और अहिंसा को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती है. महात्मा गांधी ने सत्याग्रह का मार्ग भी दिखाया था. दुनिया के कई देशों में हिंसक प्रदर्शन हुए. ऐसे में महात्मा गांधी के बताए सत्याग्रह से भी मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है.

क्या कहते हैं नितिन सोनावणे...

बातचीत में नितिन ने बताया कि वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या क्लाइमेट चेंज की है. प्रकृति को कम से कम नुकसान पहुंचा कर भी हम रह सकते हैं. प्रकृति और हम एक ही हैं. गांधी की विचारधारा भी यही कहती है कि प्रकृति से हमें अहिंसा नहीं करनी चाहिए. अफगानिस्तान, पाकिस्तान में हिंसा की निंदा करनी चाहिए. मगर अपने देश में जातिवाद, कट्टरता, गरीबी और करप्शन को भी दूर करने की जरूरत है. गरीबी हिंसा का सबसे बड़ा कारण है.

पढ़ें : राजस्थान में फेरबदल से पहले 'मुलाकात' होगी...लेकिन पेंच अटका पायलट की भूमिका पर, समझिये पूरा समीकरण

मैंने देखा कि कई देशों में गरीबी है, लोग अपना पेट भरने के लिए हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं. मैंने राजस्थान में भी महिलाओं को परदे में देखा है. हम समानता की बात करते हैं, इसलिए सबसे ज्यादा जरूरत वर्तमान में नैतिकता के साथ राजनीति की है. देश में ऐसी राजनैतिक पॉलिसी बने जो लोगों के लिए सुविधाएं दे सके. बातचीत में नितिन ने बताया कि अजमेर के बाद वह पैदल ही अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई होते हुए पुणे ओर फिर अपने गांव राशि पहुंच कर यात्रा सम्पन्न करेंगे.

उन्होंने बताया कि वे इंजीनियर हैं. उनका आगामी लक्ष्य है समंदर में खेती करना है. आगामी 10 वर्षों में समंदर में खेती और समंदर में मौजूद 40 फीसदी कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग कैसे किया जाए, इन दो प्रोजेक्ट पर काम करने का है.

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