अजमेर. ईटीवी भारत से बातचीत में नितिन सोनावणे ने बताया कि 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी गांधी संदेश यात्रा शुरू की थी. पिछले 5 वर्षों से वह दुनिया के 46 देशों की यात्रा कर चुके हैं. नितिन सोनावणे ने बताया कि 110 देशों में जीसस और बुद्ध के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं महात्मा गांधी की लगी हुई हैं. यानि महात्मा गांधी के सिद्धांत और उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है.
उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की मूल विचारधारा सत्य और अहिंसा पर आधारित है. गांधी की विचारधारा इंसान को अपने जीवन काल में सत्य और अहिंसा को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करती है. महात्मा गांधी ने सत्याग्रह का मार्ग भी दिखाया था. दुनिया के कई देशों में हिंसक प्रदर्शन हुए. ऐसे में महात्मा गांधी के बताए सत्याग्रह से भी मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है.
बातचीत में नितिन ने बताया कि वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या क्लाइमेट चेंज की है. प्रकृति को कम से कम नुकसान पहुंचा कर भी हम रह सकते हैं. प्रकृति और हम एक ही हैं. गांधी की विचारधारा भी यही कहती है कि प्रकृति से हमें अहिंसा नहीं करनी चाहिए. अफगानिस्तान, पाकिस्तान में हिंसा की निंदा करनी चाहिए. मगर अपने देश में जातिवाद, कट्टरता, गरीबी और करप्शन को भी दूर करने की जरूरत है. गरीबी हिंसा का सबसे बड़ा कारण है.
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मैंने देखा कि कई देशों में गरीबी है, लोग अपना पेट भरने के लिए हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं. मैंने राजस्थान में भी महिलाओं को परदे में देखा है. हम समानता की बात करते हैं, इसलिए सबसे ज्यादा जरूरत वर्तमान में नैतिकता के साथ राजनीति की है. देश में ऐसी राजनैतिक पॉलिसी बने जो लोगों के लिए सुविधाएं दे सके. बातचीत में नितिन ने बताया कि अजमेर के बाद वह पैदल ही अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई होते हुए पुणे ओर फिर अपने गांव राशि पहुंच कर यात्रा सम्पन्न करेंगे.
उन्होंने बताया कि वे इंजीनियर हैं. उनका आगामी लक्ष्य है समंदर में खेती करना है. आगामी 10 वर्षों में समंदर में खेती और समंदर में मौजूद 40 फीसदी कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग कैसे किया जाए, इन दो प्रोजेक्ट पर काम करने का है.