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नगर निगम चुनाव: कांग्रेस में बवाल, भाजपा में असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को समझाने की कवायद शुरू

नगर निगम चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भाजपा और कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आ रही है. कांग्रेस की ओर से अब तक सूची जारी नहीं होने के कारण बवाल शुरू हो गया है, तो वहीं भाजपा अपने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को समझाने की कवायद शुरू कर दी है.

Ajmer Municipal Corporation Election,  Rajasthan News
कांग्रेस में बवाल
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Published : Jan 16, 2021, 10:01 PM IST

अजमेर. नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही असंतोष कार्यकर्ताओं को समझाने में जुटी हुई है. दोनों ही पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के टिकट काटने से नाराजगी सामने आ रही है. वहीं, कांग्रेस में असमंजस्य की स्थिति अभी भी बरकरार है, जिसका खामियाजा कांग्रेस को वार्ड 7, 29 और 77 में भुगतना पड़ा है.

कांग्रेस में बवाल

कांग्रेस की बात करें तो मनोनीत पार्षद एवं पूर्व कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल का टिकट कटने से वैश्य समाज नाराज नजर आ रहा है. अल्पसंख्यक बाहुल्य वार्ड 11, 12 13 में अल्पसंख्यक व्यक्ति को कांग्रेस का सिंबल नहीं मिलने से क्षेत्र के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता नाराज हैं. उधर, अजमेर दक्षिण क्षेत्र से विधायक का चुनाव हारे हेमंत भाटी और अजमेर उत्तर से हारे प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता के समर्थको में भी नाराजगी है.

पढ़ें- नगर निकाय चुनाव- बूंदी में कांग्रेस ने नगर परिषद का जारी किया 21 बिंदुओं का घोषणा पत्र

दोनों नेताओं के दिए हुए उम्मीदवारों के नामों को सूची में जगह नहीं मिली. यही वजह है कि कई समर्थक कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस में गफलत का आलम ऐसा है कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रताप यादव की बेटी मीनाक्षी यादव ने कांग्रेस से नामांकन दाखिल किया था. उनकी पत्नी पूर्व पार्षद तारा देवी का वार्ड 6 से नामांकन भरा था. वार्ड 7 से मीनाक्षी यादव के सिंबल की जगह तारा देवी का सिंबल आया, जिससे मीनाक्षी यादव का नामांकन खारिज हो गया.

वहीं, वार्ड 6 से कांग्रेस ने रवि प्रकाश शर्मा को उम्मीदवार बनाया है जिससे वार्ड 6 से तारा देवी का नामांकन भी खारिज हो गया. दोनों मां-बेटी कांग्रेस से मेयर पद के लिए दावेदार थी. कांग्रेस से नामांकन खारिज हो गया. उनके स्थान पर उनकी बेटी को सिम्बल दिया गया है. जबकि बेटी ने दूसरे वार्ड से नामांकन दाखिल किया है.

सिंधी बाहुल्य होने के बावजूद समाज की अनदेखी कई कांग्रेस समर्थक सिंधी समाज के लोगों को नागवार लग रही है. वार्ड 29 में कांग्रेस को पहला झटका लगा है. यहां भाजपा की प्रत्याशी हेमलता खत्री निर्विरोध है. वार्ड 29 में कांग्रेस ही नहीं किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया.

इस प्रकार वार्ड 77 में भी सस्पेंस कांग्रेस को भारी पड़ा है. सूत्रों की मानें तो निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं, लेकिन पर्यवेक्षक और स्थानीय गहलोत गुट के नेताओं के प्रभाव में आ गए हैं. चर्चा तो यह भी है कि इसको लेकर पायलट ने भी जैन को खरी-खोटी सुनाई है.

बात करें भाजपा की तो महिला मोर्चा की अध्यक्ष सीमा गोस्वामी और कार्यकर्ताओं ने टिकट नहीं मिलने पर अपना विरोध जताया है. भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में टिकटों को लेकर असंतोष है. भाजपा ने अपने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को समझाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन कांग्रेस में असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की नाराजगी कम नहीं हो रही है. 19 जनवरी को नामांकन वापसी का दिन है, उसके बाद तस्वीर और भी साफ हो जाएगी. बता दें कि कांग्रेस ने अभी भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है.

अजमेर. नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही असंतोष कार्यकर्ताओं को समझाने में जुटी हुई है. दोनों ही पार्टी के कई कार्यकर्ताओं के टिकट काटने से नाराजगी सामने आ रही है. वहीं, कांग्रेस में असमंजस्य की स्थिति अभी भी बरकरार है, जिसका खामियाजा कांग्रेस को वार्ड 7, 29 और 77 में भुगतना पड़ा है.

कांग्रेस में बवाल

कांग्रेस की बात करें तो मनोनीत पार्षद एवं पूर्व कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल का टिकट कटने से वैश्य समाज नाराज नजर आ रहा है. अल्पसंख्यक बाहुल्य वार्ड 11, 12 13 में अल्पसंख्यक व्यक्ति को कांग्रेस का सिंबल नहीं मिलने से क्षेत्र के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता नाराज हैं. उधर, अजमेर दक्षिण क्षेत्र से विधायक का चुनाव हारे हेमंत भाटी और अजमेर उत्तर से हारे प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता के समर्थको में भी नाराजगी है.

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दोनों नेताओं के दिए हुए उम्मीदवारों के नामों को सूची में जगह नहीं मिली. यही वजह है कि कई समर्थक कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस में गफलत का आलम ऐसा है कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रताप यादव की बेटी मीनाक्षी यादव ने कांग्रेस से नामांकन दाखिल किया था. उनकी पत्नी पूर्व पार्षद तारा देवी का वार्ड 6 से नामांकन भरा था. वार्ड 7 से मीनाक्षी यादव के सिंबल की जगह तारा देवी का सिंबल आया, जिससे मीनाक्षी यादव का नामांकन खारिज हो गया.

वहीं, वार्ड 6 से कांग्रेस ने रवि प्रकाश शर्मा को उम्मीदवार बनाया है जिससे वार्ड 6 से तारा देवी का नामांकन भी खारिज हो गया. दोनों मां-बेटी कांग्रेस से मेयर पद के लिए दावेदार थी. कांग्रेस से नामांकन खारिज हो गया. उनके स्थान पर उनकी बेटी को सिम्बल दिया गया है. जबकि बेटी ने दूसरे वार्ड से नामांकन दाखिल किया है.

सिंधी बाहुल्य होने के बावजूद समाज की अनदेखी कई कांग्रेस समर्थक सिंधी समाज के लोगों को नागवार लग रही है. वार्ड 29 में कांग्रेस को पहला झटका लगा है. यहां भाजपा की प्रत्याशी हेमलता खत्री निर्विरोध है. वार्ड 29 में कांग्रेस ही नहीं किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया.

इस प्रकार वार्ड 77 में भी सस्पेंस कांग्रेस को भारी पड़ा है. सूत्रों की मानें तो निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं, लेकिन पर्यवेक्षक और स्थानीय गहलोत गुट के नेताओं के प्रभाव में आ गए हैं. चर्चा तो यह भी है कि इसको लेकर पायलट ने भी जैन को खरी-खोटी सुनाई है.

बात करें भाजपा की तो महिला मोर्चा की अध्यक्ष सीमा गोस्वामी और कार्यकर्ताओं ने टिकट नहीं मिलने पर अपना विरोध जताया है. भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में टिकटों को लेकर असंतोष है. भाजपा ने अपने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को समझाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन कांग्रेस में असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की नाराजगी कम नहीं हो रही है. 19 जनवरी को नामांकन वापसी का दिन है, उसके बाद तस्वीर और भी साफ हो जाएगी. बता दें कि कांग्रेस ने अभी भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है.

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