अजमेर. केंद्रीय कारागृह अजमेर में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली एवं प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा विशेष अदालत में 13 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया. जिसमें जेलर समेत 5 जेल कर्मचारी, तीन सजायाफ्ता कैदी व पांच निजी लोग शामिल हैं.
वहीं तत्कालीन जेल अधीक्षक नीलम चौधरी समेत 13 के खिलाफ एसीबी ने अनुसंधान लंबित रखा है. अनुसंधान अधिकारी पारसमल मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि सेंट्रल जेल में बंदियों से सुविधा शुल्क मामले में विशिष्ट न्यायाधीश उच्च न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अजमेर में आरोप पत्र गुरुवार को पेश किया गया.
जिसमें एसीबी की ओर से अब तक गिरफ्तार 13 लोगों में जेलर जसवंत सिंह, जेल प्रहरी केसाराम, संजय सिंह, प्रधान बना, वरुण चौहान, सजायाफ्ता बंदी दीपक और शैतान सिंह रामेश्वर उर्फ रमेश व प्राइवेट व्यक्तियों में सागर तेजी प्रवेश उर्फ भोलू सीताराम जाट राजेंद्र चौधरी व अनिल सिंह शामिल है.
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2 माह से साढ़े 33 लाख वसूले
प्रकरण में केंद्रीय कारागृह अजमेर में सजायाफ्ता कैदी शैतान सिंह दीपक और सनी की ओर से जेल में नई आमद व सुविधा शुल्क उपलब्ध कराने के नाम पर बंदियों और उनके परिजनों से डरा धमकाकर रकम वसूली जाती थी. एसीबी की अब तक की पड़ताल में 2 माह के बैंक स्टेटमेंट के अनुसार लगभग 33 लाख 44 हजार की वसूली की जा रहे चुकी थी. एसीबी फिलहाल प्रकरण में अनुसंधान में जुटी है.
गौरतलब है कि एसीबी ने गत 19 जुलाई को जेल में दबिश देकर इस पूरे प्रकरण का खुलासा किया था. इस मामले में एसीबी की ओर से 3 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की जा चुकी है. एसीबी ने 13 अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित रखी है. एसीबी इन सभी आरोपियों के खातों की जांच करेगी.