दांतारामगढ़ (सीकर). जिले के दांतारामगढ़ में मनरेगा मजदूरों की अपनी पूरी मजदूरी की मांग अब उग्र होती जा रही है. मंगलवार को दूसरे दिन भी सैकड़ों की संख्या में मनरेगा मजदूरों ने दांता ग्राम पंचायत के सामने विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. माकपा के अगुवाई में हुए तीन घंटे तक इस प्रदर्शन में रैली निकालकर श्रमिकों ने अपना आक्रोश जताया.
इसके साथ एसडीएम कार्यालय पहुंच अपनी मांगों को लेकर एसडीएम अशोक कुमार रणवां को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में मजदूरों ने काम के बदले पूरी मजदूरी दिलाने की मांग की गई. साथ ही चेतावनी भी दी गई कि पूरा पैसा नहीं मिला तो बुधवार से एसडीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
इस दौरान कॉमरेड इंदर सिंह लांबा ने कहा कि आज मनरेगा मजदूरों ने शुरुआत की है. श्रमिकों की मांगों को मानने के लिए अधिकारियों को बाध्य किया जाएगा. वहीं, इस रैली में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई. इस दौरान कइयों ने मास्क भी नहीं लगाए थे.
मनरेगा में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार
अजमेर के केकड़ी में हो रहे मनरेगा कार्य में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर मोलकिया गांव के ग्रामीण केकड़ी उपखंड पहुंचे, जहां उपखण्ड अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की गई.
उपखंड अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि मनरेगा में भ्रष्टाचार को लेकर विकास अधिकारी को अवगत कराया तो विकास अधिकारी ने उल्टा ग्रामीणों को जेल भेजने की धमकी दी. ग्रामीणों का आरोप है कि मनरेगा कार्य में प्रत्येक श्रमिक से 200 रुपए लिए जा रहे हैं. वहीं, पैसे नहीं देने पर श्रमिक को हाजरी काटने की धमकी दी जाती है.
इतना ही नहीं, श्रमिकों का आरोप है कि उनके पैसों से जेसीबी मशीन चला कर कार्यस्थल पर मिट्टी डलवाने का कार्य किया जाता है. कार्य के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इस दौरान बंशी लाल बैरवा, बाबूलाल बैरवा सहित अन्य कई ग्रामीण मौजूद रहे.