अजमेर. प्रदेश में सीएम अशोक गहलोत (CM Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे के बीच जारी खींचतान का असर निचले स्तर पर भी दिखाई देने लगा है. ताजा मामला अजमेर से है. जहां पायलट खेमे के विधायक सुरेश टांक पायलट ने सीएम गहलोत के करीबी पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पोते के पर चारागाह की 12 बीघा जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाया है.
विधायक टांक ने चरागाह भूमि का विशेष आवंटन किए जाने की प्रक्रिया को तुरंत निरस्त कर यह भूमि पशुधन के लिए रखने की मांग उठाई है. ग्रामीणों के साथ विधायक टांक ने अजमेर पहुंचकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित चारागाह भूमि को बचाने के लिए आग्रह किया. विधायक सुरेश टांक ने बताया कि काली डूंगरी में भूमि के अलॉटमेंट का मामला है. इसमें कुछ लोगों ने जमीन को अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) के नाम स्थानांतरित करने के लिए आवेदन किया था. उसके बाद 40 गुना रिजर्व प्राइज लेकर रवि सिनोदिया पुत्र भंवरलाल सिनोदिया को जमीन पर मार्बल कटर लगाने की अनुमति दी गई. यह 12 बीघा जमीन काली डूंगरी में हाईवे पर स्थित है.
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उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने प्रपत्र जारी कर रखा है कि नाड़ी, खनन, तालाब, चारागाह की जमीन को किसी भी तरह से किसी भी संस्था को अलॉट नहीं किया जा सकता है. जगपाल सिंह बनाम पंजाब सरकार केस का हवाला देते हुए राजस्थान सरकार ने परिपत्र समस्त कलेक्टरों को भेजा हुआ है. उन्होंने बताया कि परिपत्र में साफ लिखा है कि इस आदेश का उल्लंघन नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि गांव की भूमि किसी व्यक्ति विशेष को अलॉटमेंट कर दी जाएगी तो लोगों का कानून पर से विश्वास उठ जाएगा. रवि चौधरी सिलोरा पंचायत समिति का सदस्य भी है. साथ ही पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पोते हैं. विधायक टांक ने कहा कि आवंटन का तरीका बिल्कुल गलत है और ना ही विधि सम्मत है.
विधायक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन को चराने के लिए चारागाह भूमि छोड़ी जाती है और पशुधन चराने की जगह को ही अलॉट कर दिया जाएगा तो पशु कहां जाएंगे?. विधायक ने कहा कि वे विरोध को अंतिम छोर तक लेकर जाएंगे, लेकिन किसी भी कीमत पर चरागाह जमीन का अलॉटमेंट नहीं होने देंगे. बता दें कि किशनगढ़ क्षेत्र में पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया और सुरेश टांक के बीच चुनाव के बाद से ही वर्चस्व को लेकर राजनीतिक जंग छिड़ी हुई है.