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अजमेर दरगाह का 810वां सालाना उर्स: कलेक्ट्रेट सभागार में तैयारियों को लेकर बैठक, कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने पर हुई चर्चा

सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 810 वें उर्स (Hazrat Khwaja Garib Nawaz Ajmer URS 810) की तैयारी को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई. परिस्थितियों को देखते हुए और सरकार की गाइडलाइन (Ajmer Dargah Corona Guideline) के अनुसार उर्स (Khwaja Moinuddin Chisti Dargah Urs Festival Ajmer) की तैयारी को लेकर चर्चा की गई.

सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह
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Published : Jan 12, 2022, 7:08 PM IST

अजमेर. देश में कोरोना का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो गया है. लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए धीरे-धीरे बंदिशें भी लगनी शुरू हो चुकी है. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 810 वें उर्स (Hazrat Khwaja Garib Nawaz Ajmer URS 810) की तैयारी को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार दरगाह में शनिवार रात 8:00 बजे से सोमवार सुबह 5:00 बजे तक जायरीनों का प्रवेश निषेध रहेगा. प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक दरगाह खुली रहेगी.

50 लोगों को जियारत की अनुमति

बैठक में मौजूद दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीर उद्दीन चिश्ती ने बताया कि देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार की गाइडलाइन की पालना करना जरूरी है. उर्स के दौरान दरगाह में धार्मिक एवं पारंपरिक रस्मों को निभाया जाएगा. वर्तमान गाइडलाइन (Ajmer Dargah Corona Guideline) के अनुसार 50 लोगों को ही दरगाह में जियारत की अनुमति है. उन्होंने देश और दुनिया में रहने वाले ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वालों से अपील की है कि वर्तमान की परिस्थितियों और सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए ही लोग दरगाह आने का निर्णय लें.

अजमेर दरगाह का 810वां सालाना उर्स

यह भी पढ़ें - अजमेर दरगाह के खादिमों ने जिला प्रशासन से की मोहर्रम पर धार्मिक परंपरा निभाने के लिए गाइडलाइन में शिथिलता देने की मांग

दरगाह आने से पहले गाइडलाइन को समझें जायरिन

अंजुमन कमेटी के सदर सैयद फखरे मोईन ने कहा कि देश और दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज के करोड़ों लोग चाहने वाले हैं. लोगों को ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का इंतजार रहता है. लेकिन कोरोना महामारी का बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए लोगों की सुरक्षा बेहद जरूरी है. इसलिए सरकार ने कोरोना गाइडलाइन जारी की है इसकी पालना करना आवश्यक है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग अजमेर दरगाह आने से पहले सरकार की गाइडलाइन को अच्छी तरह से समझ लें.

यह भी पढ़ें - अजमेर दरगाह में अब Online डाला जा सकता है नजराना, दरगाह के खादिमों ने जताया ऐतराज

उन्होंने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार (Ajmer Urs Time Table) शनिवार रात्रि 8:00 बजे से सोमवार सुबह 5:00 बजे तक दरगाह में जायरीन का आना निषेध रहेगा. ऐसे में अजमेर दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन अपना कार्यक्रम शनिवार और रविवार को स्थगित ही करें. उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में दरगाह में ज्यादा भीड़ नहीं जुटने देने को लेकर भी चर्चा हुई है. फरवरी महीने के पहले सप्ताह में उर्स शुरू होगा, उस वक्त परिस्थिति के अनुसार सरकार की गाइडलाइन क्या रहती है इसको लेकर अगली बैठक में चर्चा होगी.

यह भी पढ़ें - अजमेर दरगाह के विकास कार्यों को लेकर बैठक, लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

उर्स में पाकिस्तान से भी आते हैं जायरीन

बैठक में उर्स की तैयारी के बदले गाइडलाइन की पालना करवाने को लेकर ज्यादा चर्चा हुई. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स (Annual Urs of Sufi Saint Khwaja Moinuddin Hasan Chishti) में शिरकत करने के लिए पाकिस्तान से भी 400 के करीब जायरीन आते रहे हैं. लेकिन बैठक में पाक जायरीन के आने या नहीं आने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. फिलहाल बैठक में दरगाह परिसर में भीड़ को कम करने को लेकर रणनीति बनाई गई है. ताकि कोरोना के संक्रमण को पहले से रोका जा सके.

अजमेर. देश में कोरोना का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो गया है. लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए धीरे-धीरे बंदिशें भी लगनी शुरू हो चुकी है. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 810 वें उर्स (Hazrat Khwaja Garib Nawaz Ajmer URS 810) की तैयारी को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार दरगाह में शनिवार रात 8:00 बजे से सोमवार सुबह 5:00 बजे तक जायरीनों का प्रवेश निषेध रहेगा. प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक दरगाह खुली रहेगी.

50 लोगों को जियारत की अनुमति

बैठक में मौजूद दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीर उद्दीन चिश्ती ने बताया कि देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार की गाइडलाइन की पालना करना जरूरी है. उर्स के दौरान दरगाह में धार्मिक एवं पारंपरिक रस्मों को निभाया जाएगा. वर्तमान गाइडलाइन (Ajmer Dargah Corona Guideline) के अनुसार 50 लोगों को ही दरगाह में जियारत की अनुमति है. उन्होंने देश और दुनिया में रहने वाले ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वालों से अपील की है कि वर्तमान की परिस्थितियों और सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए ही लोग दरगाह आने का निर्णय लें.

अजमेर दरगाह का 810वां सालाना उर्स

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दरगाह आने से पहले गाइडलाइन को समझें जायरिन

अंजुमन कमेटी के सदर सैयद फखरे मोईन ने कहा कि देश और दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज के करोड़ों लोग चाहने वाले हैं. लोगों को ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स का इंतजार रहता है. लेकिन कोरोना महामारी का बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए लोगों की सुरक्षा बेहद जरूरी है. इसलिए सरकार ने कोरोना गाइडलाइन जारी की है इसकी पालना करना आवश्यक है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग अजमेर दरगाह आने से पहले सरकार की गाइडलाइन को अच्छी तरह से समझ लें.

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उन्होंने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार (Ajmer Urs Time Table) शनिवार रात्रि 8:00 बजे से सोमवार सुबह 5:00 बजे तक दरगाह में जायरीन का आना निषेध रहेगा. ऐसे में अजमेर दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन अपना कार्यक्रम शनिवार और रविवार को स्थगित ही करें. उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में दरगाह में ज्यादा भीड़ नहीं जुटने देने को लेकर भी चर्चा हुई है. फरवरी महीने के पहले सप्ताह में उर्स शुरू होगा, उस वक्त परिस्थिति के अनुसार सरकार की गाइडलाइन क्या रहती है इसको लेकर अगली बैठक में चर्चा होगी.

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उर्स में पाकिस्तान से भी आते हैं जायरीन

बैठक में उर्स की तैयारी के बदले गाइडलाइन की पालना करवाने को लेकर ज्यादा चर्चा हुई. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स (Annual Urs of Sufi Saint Khwaja Moinuddin Hasan Chishti) में शिरकत करने के लिए पाकिस्तान से भी 400 के करीब जायरीन आते रहे हैं. लेकिन बैठक में पाक जायरीन के आने या नहीं आने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. फिलहाल बैठक में दरगाह परिसर में भीड़ को कम करने को लेकर रणनीति बनाई गई है. ताकि कोरोना के संक्रमण को पहले से रोका जा सके.

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