अजमेर. राजस्थान क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रशिक्षण में सबसे जरूरी जिम है. सीएम अशोक गहलोत की बजट घोषणा के अनुसार सभी संभागीय जिलों में खिलाड़ियों के लिए जिम बनाए जाएंगे. इस संदर्भ में वह निरीक्षण करने के साथ ही खेल स्टेडियम का भी दौरा कर रही हैं. बुधवार को पूनिया ने अजमेर में पटेल स्टेडियम और चंद्रवरदाई नगर स्टेडियम का दौरा किया. बाद में अजमेर क्लब में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने सहित कई मुद्दों पर पत्रकारों से बातचीत की.
पूनिया ने माना कि स्टेडियम के निर्माण के बाद उनकी देखरेख नहीं हो पाती है, क्योंकि स्टेडियम से सरकार को कोई आय नहीं होती है. पूनिया ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों की सुविधा के लिए स्टेडियम तैयार करती है, जिससे सरकार को आय नहीं होती. ऐसे में भामाशाहों को भी आगे आना चाहिए. पूनिया ने कहा कि खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए पहला प्रयास योजना के अंतर्गत खिलाड़ियों को दी जाने वाली राशि सीधे खिलाड़ी के बैंक खाते में डाली जा रही है. दूसरा खिलाड़ियों की प्रतिभा को आगे कैसे लेकर आए, इसके लिए कई अकादमियां संचालित की जा रही हैं. तीसरा खिलाड़ियों की प्रतिभा को खोजना है. ताकि मेहनत और अभ्यास के बाद ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी मेडल दे सकें.
जुलाई के बाद होंगे ग्रामीण ओलंपिक खेल: पूनिया ने ग्रामीण ओलंपिक खेल को लेकर किये गए सवाल पर कहा कि 2 वर्ष से कोरोना की वजह से ग्रामीण ओलंपिक नहीं हो पाए. हालात सही हुए तो बच्चों की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं. ऐसे में जुलाई माह में जिला एवं प्रदेश स्तर पर बैठक आयोजित कर जुलाई माह के बाद ओलंपिक खेल का आयोजन करवाने की मंशा (Rajasthan Gramin Olympic Khel 2022) है. पूनिया ने बताया कि प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर खेल सुविधाओं को बढ़ाने की मांग विधायकों की ओर से की गई है. ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को ब्लॉक स्तर पर खेल सुविधाएं मिले. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर भी मेजर ध्यानचंद के नाम से खेल स्टेडियम तैयार किये जा रहे हैं.
पढ़ें: चूरू में खेल संघों की नई कवायद, स्कूलों में जाकर तराशेंगे खेल प्रतिभाएं
हरियाणा से राजस्थान की होती रही है तुलना: पूनिया ने कहा कि कई बार हरियाणा में खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधा को लेकर राजस्थान से तुलना की जाती है. खेल सुविधाओं और मेडल लाने में हरियाणा, राजस्थान से आगे है. ऐसे में राजस्थान में भी प्रतिभाओं की खोज करनी होगी ताकि वह मेडल दिला सकें. राजस्थान का खिलाड़ी पहले अन्य राज्यों में जाकर खेलता था, लेकिन अब राजस्थान सरकार ने खिलाड़ियों के लिए बजट घोषणा की है. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए राजस्थान में अधिकारी रैंक की जॉब प्रदान की है. बल्कि जो खिलाड़ी मेडल नहीं जीत पाता, उसके लिए सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत कोटा रखा गया है. खिलाड़ियों के लिए पेंशन योजना शुरू की गई है. उन्होंने बताया कि राजस्थान देश में एक मात्र ऐसा प्रदेश है, जहां राज्य स्तर पर भी मेडल जीतने पर खिलाड़ी को एक लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है.
खिलाड़ियों को पूनिया का संदेश: पूनिया ने खिलाड़ियों को संदेश देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार और राजस्थान क्रीड़ा परिषद खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर कटिबद्ध है. हर खिलाड़ी को अनुशासन और नियमित अभ्यास करना चाहिए, चाहे वह शिक्षा हो या खेल. इस मंत्र के साथ ही खिलाड़ी सफलता की ऊंचाइयां छू सकता है. मैं खिलाड़ियों से कहना चाहूंगी कि राजस्थान में खिलाड़ियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था तैयार की गई है जिसमें खिलाड़ी खेल में अपना भविष्य बना सकते हैं. उन्होंने बताया कि आउट टर्न पॉलिसी के तहत राजस्थान में योग्यता अनुसार कोई खिलाड़ी शेष नहीं रहा है, जिससे सरकारी नौकरी नहीं मिली है. राजस्थान के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में चयन में प्राथमिकता मिले, इसके लिए अलग-अलग विभागों ने अपने नियम बनाये हैं.
सौहार्द जरूरी, वरना पछताने के अलावा कुछ नहीं रह जाता: करौली में हुई हिंसा के सवाल पर पूनिया ने कहा कि हिंसा किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती है. मैं राजस्थान वासियों से कहना चाहूंगी कि सौहार्द बनाए रखना बहुत जरूरी है. इस तरह की घटनाएं होने के बाद पछतावे के अलावा और कुछ बाकी नहीं रहता. राजस्थान सरकार और पुलिस जनता के साथ है. उन्होंने कहा कि धार्मिक भावना के साथ प्रोपोगेंडा किये जाएंगे. यह किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं है. आखरी में यह काफी दुखदायी होती है.