अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन के अपने प्रयास जारी है. वहीं इन विकट हालातों में कुछ लोग दूसरों को कोरोना से बचाने के लिए प्रयासरत है. खास बात यह है कि ऐसे लोगों के प्रयास पर्यावरण को बचाते हुए किए जा रहे है. अजमेर के जगदीश नारायण विजयवर्गीय उन लोगों में से एक है. देश में कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के समय से ही विजयवर्गीय प्रतिदिन सुबह 10 किलोमीटर शहर में साइकिल चलाते हैं और उन लोगों को टोकते हैं जो लोग मास्क नहीं पहनते. साथ ही प्रेम पूर्वक उन्हें समझाते भी है.
अजमेर के जगदीश नारायण विजयवर्गीय कोरोना महामारी के दौर में लोगों को अपने अनूठे तरीके से जागरूक कर रहे हैं. 57 वर्षीय विजयवर्गीय राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में जगदीश नारायण विजयवर्गीय ने बताया कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के आने के बाद से ही वह निरंतर सुबह के समय शहर में 10 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं और इस बीच उन्हें कोई भी शख्स बिना मास्क लगाए दिख जाता है, उसे वह टोकते हैं.
साथ ही उसे मास्क लगाने के फायदे समझाते हैं. विजयवर्गीय बताते हैं कि इस दौरान उन्हें कई बार लोगों से सुनने को भी मिलता है, लेकिन वह प्रेम पूर्वक समझाइए के साथ मास्क लगाने का आग्रह करते हैं तो लोग उनकी बातों को मान लेते हैं. उन्होंने बताया कि एक बार कोरियर डिलीवर करने वाले व्यक्ति ने मास्क नहीं पहन रखा था, तब उसे टोका तो वह भड़क गया और भला बुरा कहने लगा, लेकिन जब उसे शांतिपूर्वक समझाइश कर मास्क नहीं लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया, तो वह भी मास्क लगाने के लिए राजी हो गया.
विजयवर्गीय ने बताया कि वह सप्ताह अपनी साइकिल पर लगे स्लोगन बदलते रहते हैं. कोरोना से बचाव के लिए सरकार की जारी की गई गाइडलाइन के बारे में लोगों को बताते हैं और गाइडलाइन को पालन करने के लिए लोगों से आग्रह करते हैं. विजयवर्गीय साइकिल चलाते वक्त भी डबल मास्क पहनते है. उनका कहना है कि कोई कुछ भी कहे, लेकिन मुझे अजमेर को कोरोना से मुक्त करवाना है. इसलिए मैं अपने प्रयास जारी रखूंगा. उन्होंने बताया कि वह वेक्सीनेशन करवा चुके है. उनका कहना है कि कुर्ला से बचाव के अलावा वह लोगों को साइकिल चलाने का भी संदेश देते हैं, जिससे लोग स्वस्थ रहेंगे, साथ ही पर्यावरण भी दूषित नहीं होगा.