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Lock down सफल पर कालाबाजारी रोकने में प्रशासन नाकाम, खाद्य वस्तुओं की कालाबाजारी से लोगों में रोष

लॉक डाउन की आड़ में कई दुकानदार खाद्य वस्तुओं को निर्धारित दाम से अधिक वसूल रहे हैं. वहीं सब्जियां भी दोगुने दामों पर लोग खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. खास बात यह कि कालाबाजारी को रोकने के प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. वहीं खाद्य वस्तुओं के लिए लोग परेशान हो रहे हैं.

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कालाबाजारी रोकने में प्रशासन नाकाम
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Published : Mar 25, 2020, 11:41 PM IST

अजमेर. जिले में लॉक डाउन के साथ ही जिला प्रशासन ने खाद्य वस्तुओं की सप्लाई बनी रहने और कालाबाजारी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के दावे किये गए थे. लॉक डाउन के चलते दुकाने बंद है और जो दुकाने लोगों को खाद्य सामग्री के लिए खोलने के प्रशासन ने छूट दी थी. उन्हीं दुकानों पर कालाबाजार और पक्षपात किया जा रहा है. लोग समान लेकर दुकानों पर आवश्यक खाद्य सामग्री खरीदने जा रहे हैं, लेकिन खाली थैले लेकर वापस लौट रहे हैं.

कालाबाजारी रोकने में प्रशासन नाकाम

दरअसल, निर्धारित रेट से ज्यादा वसूली का विरोध करने पर दुकानदार पुलिस का डर दिखा रहे हैं. या अपने चहेतों को समान देकर शटर डाउन कर रहे हैं. लोगों में कालाबाजारी को लेकर रोष व्याप्त है. बता दें कि 170 रुपए में 5 किलों के आटे का पैकेट की कालाबाजारी 300 रुपये से अधिक वसूल रहे हैं. वहीं समान की खरीदी में भी पक्षपात किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः लॉक डाउनः गरीब और बेसहारा लोगों के लिए भोजन का प्रबंध कराने के लिए सामने आएं सामाजिक संगठन

खास बात यह कि लोगों को खाद्य सामग्री के लिए वार्ड वार व्यवस्था प्रशासन ने लॉक डाउन के इतने दिनों बाद भी नहीं की. यही वजह है कि लॉक डाउन में जरूरत का सामान लेने के चक्कर में लोग पहले पुलिस की सख्ती और फिर कालाबाजारी की वजह से आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं. या फिर बिना समान लिए उन्हें लौटना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः Corona Effect: नवरात्री पर घरों में पूजा-अर्चना कर रहे श्रद्धालु, माता से की कोरोना से मुक्ति दिलाने की कामना

अजमेर में लॉक डाउन को लेकर ही प्रशासन का फोकस रहा, लेकिन लॉक डाउन के दौरान लोगों की आवश्यक जरूरतों की चीजों को लेकर प्रशासन अभी तक कोई व्यवस्था ठीक से नहीं कर पाया है. इसी वजह है कि कालाबाजारी को रोकने में नाकाम प्रशासन के खिलाफ लोगों में रोष व्याप्त है. लोक प्रशासन से कालाबाजारी को रोकने और आवश्यक वस्तुओं का मूल्य निर्धारित कर उन्हें उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः LOCK DOWN: कीमत से अधिक वसूली करने पर दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

इधर, प्रशासन की ओर से कालाबाजारी को रोकने के दावे किए जा रहे हैं. रसद विभाग के अधिकारी अंकित पचार का कहना है कि कालाबाजारी की शिकायतें विभाग को मिली हैं. विभाग ने कई टीमों को भेजकर कालाबाजारी को रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. पचार का कहना है कि होल सेल और रिटेल के अलावा सब्जियों के आढ़तियों से बात हो गई है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना का खौफः अजमेर में भोलेनाथ का अभिषेक, नवरात्रा में होगा हवन

लोगों को खाद्य वस्तुओं की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. वहीं कालाबाजारी पर भी पूरी नजर रखी जाएगी. रसद अधिकारी हैरत की बात है कि लॉक डाउन के बाद प्रशासन ने सीएम की डांट के बाद कंट्रोल रूम बनाए. वहीं लॉक डाउन को देखते लोगों की आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता और कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन नहीं चेता है.

अजमेर. जिले में लॉक डाउन के साथ ही जिला प्रशासन ने खाद्य वस्तुओं की सप्लाई बनी रहने और कालाबाजारी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के दावे किये गए थे. लॉक डाउन के चलते दुकाने बंद है और जो दुकाने लोगों को खाद्य सामग्री के लिए खोलने के प्रशासन ने छूट दी थी. उन्हीं दुकानों पर कालाबाजार और पक्षपात किया जा रहा है. लोग समान लेकर दुकानों पर आवश्यक खाद्य सामग्री खरीदने जा रहे हैं, लेकिन खाली थैले लेकर वापस लौट रहे हैं.

कालाबाजारी रोकने में प्रशासन नाकाम

दरअसल, निर्धारित रेट से ज्यादा वसूली का विरोध करने पर दुकानदार पुलिस का डर दिखा रहे हैं. या अपने चहेतों को समान देकर शटर डाउन कर रहे हैं. लोगों में कालाबाजारी को लेकर रोष व्याप्त है. बता दें कि 170 रुपए में 5 किलों के आटे का पैकेट की कालाबाजारी 300 रुपये से अधिक वसूल रहे हैं. वहीं समान की खरीदी में भी पक्षपात किया जा रहा है.

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खास बात यह कि लोगों को खाद्य सामग्री के लिए वार्ड वार व्यवस्था प्रशासन ने लॉक डाउन के इतने दिनों बाद भी नहीं की. यही वजह है कि लॉक डाउन में जरूरत का सामान लेने के चक्कर में लोग पहले पुलिस की सख्ती और फिर कालाबाजारी की वजह से आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं. या फिर बिना समान लिए उन्हें लौटना पड़ रहा है.

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अजमेर में लॉक डाउन को लेकर ही प्रशासन का फोकस रहा, लेकिन लॉक डाउन के दौरान लोगों की आवश्यक जरूरतों की चीजों को लेकर प्रशासन अभी तक कोई व्यवस्था ठीक से नहीं कर पाया है. इसी वजह है कि कालाबाजारी को रोकने में नाकाम प्रशासन के खिलाफ लोगों में रोष व्याप्त है. लोक प्रशासन से कालाबाजारी को रोकने और आवश्यक वस्तुओं का मूल्य निर्धारित कर उन्हें उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं.

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इधर, प्रशासन की ओर से कालाबाजारी को रोकने के दावे किए जा रहे हैं. रसद विभाग के अधिकारी अंकित पचार का कहना है कि कालाबाजारी की शिकायतें विभाग को मिली हैं. विभाग ने कई टीमों को भेजकर कालाबाजारी को रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. पचार का कहना है कि होल सेल और रिटेल के अलावा सब्जियों के आढ़तियों से बात हो गई है.

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लोगों को खाद्य वस्तुओं की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. वहीं कालाबाजारी पर भी पूरी नजर रखी जाएगी. रसद अधिकारी हैरत की बात है कि लॉक डाउन के बाद प्रशासन ने सीएम की डांट के बाद कंट्रोल रूम बनाए. वहीं लॉक डाउन को देखते लोगों की आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता और कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन नहीं चेता है.

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