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Special: कोरोना में कढ़ी कचौरी और दूसरे फास्ट फूड से मुंह फेर रहे हैं अजमेर के लोग

कोरोना में अजमेर के लोग कढ़ी कचौरी से दूरी बनाते दिख रहे हैं. पहले के मुकाबले खपत 80 प्रतिशत तक कम हो गई है. लोग पहले की तुलना में ज्यादा हेल्थ कॉन्शियस हो गए हैं. लेकिन जैसे-जैसे मार्केट फिर से खुल रहे हैं फास्ट फूड के बिजनेस के भी गति पकड़ने की उम्मीद है.

fast food,  Kadhi Kachori
कोरोना में फास्ट फूड की बिक्री
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Published : Oct 7, 2020, 6:22 PM IST

अजमेर. कढ़ी कचौरी राजस्थान का प्रसिद्ध फास्ट फूड है. अजमेर की कढ़ी कचौरी दुनिया भर में खासी प्रसिद्ध है. यहां घूमने आने वाले लोग इसका स्वाद चखे बिना वापस नहीं जाते हैं. इसके साथ ही शहर के दूसरे फास्ट फूड जैसे टिक्की, सैंडविच, छोले भटूरे, समोसे भी स्वाद के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कोरोना में फास्ट फूड का बिजनेस चौपट हो गया है.

कोरोना में कम हुई कढ़ी कचौरी की बिक्री

लॉकडाउन से पहले तक जिले में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कढ़ी कचौरी की खपत होती थी. वर्तमान में कोरोना की दहशत और सेहत की फिक्र के चलते लोग कढ़ी कचौरी के साथ दूसरे फास्ट फूड से दूरी बना रहे हैं. जिसके चलते फास्ट फूड का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. अब 80 प्रतिशत तक की फास्ट फूड की खपत गिर गई है. जिसका सीधा असर कामगारों पर भी पड़ा है.

fast food sales in corona,  fast food
कोरोना के डर से लोग नहीं जा रहे फास्ट फूड की दुकानों पर

पढ़ें: Special : गुजरात में मेवाड़ की शान बढ़ाएगी महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा

अजमरे के नया बाजार गोल प्याऊ में कढ़ी कचौरी की प्रसिद्ध दुकान है. जिसके दुकानदार बताते हैं कि अनलॉक में जब दुकान खोली तो कोरोना से पहले की तुलना में केवल 20 से 25 प्रतिशत ही खपत फास्ट फूड की हो रही थी. लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. अब सामान्य दिनों की तुलना में 45 से 50 प्रतिशत फास्ट फूड का कारोबार वापस से पटरी पर लौट आया है. जहां पहले 2 से ढ़ाई हजार लोग आते थे उनकी संख्या अब 700 से 800 रह गई है. जैसे-जैसे सरकार पाबंदी कम कर रही है. बाजार खुल रहे हैं. इसके बाद लोग भी खरीददारी करने बाजारों में निकल रहे हैं. इसको देखते हुए फास्ट फूड की दुकानदारों को उम्मीद है कि जल्द ही व्यापार फिर से पटरी पर लौट आएगा.

fast food sales in corona,  fast food
आधा रह गया है फास्ट फूड का कारोबार

पढ़ें: Special: वाटर होल पद्धति से गणना में कम हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर, अब गांव-गांव जाकर गिनती करेगा वन विभाग

कई सालों से बॉम्बे सैंडविच बेचने वाले विजय कुमार बताते हैं कि लोगों का रुझान बाजार की तली हुई चीजों के प्रति कम हो रहा है. लोगों को फास्ट फूड का चस्का तो है लेकिन कोरोना के चलते लोगों को मन मार कर इससे दूरी बनानी पड़ रही है. वहीं, कचहरी रोड पर मशहूर कढ़ी कचौरी और फास्ट फूड विक्रेता अमित शर्मा का कहना है कि कोरोना का असर 75 से 80 प्रतिशत तक कारोबार पर पड़ा है. अमित इसका एक कारण लोगों का हेल्थ के प्रति ज्यादा कॉन्शियस होना भी बता रहे हैं. कोरोना में लोग इम्युनिटी स्ट्रांग करने के लिए फास्ट फूड से दूर हो रहे हैं. जिसके चलते अब कारोबार बमुश्किल से चल पा रहा है.

खाने का शहर की संस्कृति से गहरा जुड़ाव होता है. हर शहर की कुछ ऐसी खास डिश होती हैं, जिसके लिए लोग वहां आते हैं. जिस तरह से कोरोना में फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड बिजनेस पर असर पड़ा है, उसको वापस पटरी पर आने में कुछ समय लग सकता है. कोरोना में लोग हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूक भी हो रहे हैं, ऐसे में वो फास्ट फूड से दूरी बना रहे हैं. लेकिन जैसे ही बाजार फिर से अपनी गति पकड़ेंगे लोग घरों से निकलेंगे फास्ट फूड का बिजनेस भी वापस पटरी पर लौटने लगेगा.

अजमेर. कढ़ी कचौरी राजस्थान का प्रसिद्ध फास्ट फूड है. अजमेर की कढ़ी कचौरी दुनिया भर में खासी प्रसिद्ध है. यहां घूमने आने वाले लोग इसका स्वाद चखे बिना वापस नहीं जाते हैं. इसके साथ ही शहर के दूसरे फास्ट फूड जैसे टिक्की, सैंडविच, छोले भटूरे, समोसे भी स्वाद के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कोरोना में फास्ट फूड का बिजनेस चौपट हो गया है.

कोरोना में कम हुई कढ़ी कचौरी की बिक्री

लॉकडाउन से पहले तक जिले में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कढ़ी कचौरी की खपत होती थी. वर्तमान में कोरोना की दहशत और सेहत की फिक्र के चलते लोग कढ़ी कचौरी के साथ दूसरे फास्ट फूड से दूरी बना रहे हैं. जिसके चलते फास्ट फूड का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. अब 80 प्रतिशत तक की फास्ट फूड की खपत गिर गई है. जिसका सीधा असर कामगारों पर भी पड़ा है.

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कोरोना के डर से लोग नहीं जा रहे फास्ट फूड की दुकानों पर

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अजमरे के नया बाजार गोल प्याऊ में कढ़ी कचौरी की प्रसिद्ध दुकान है. जिसके दुकानदार बताते हैं कि अनलॉक में जब दुकान खोली तो कोरोना से पहले की तुलना में केवल 20 से 25 प्रतिशत ही खपत फास्ट फूड की हो रही थी. लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. अब सामान्य दिनों की तुलना में 45 से 50 प्रतिशत फास्ट फूड का कारोबार वापस से पटरी पर लौट आया है. जहां पहले 2 से ढ़ाई हजार लोग आते थे उनकी संख्या अब 700 से 800 रह गई है. जैसे-जैसे सरकार पाबंदी कम कर रही है. बाजार खुल रहे हैं. इसके बाद लोग भी खरीददारी करने बाजारों में निकल रहे हैं. इसको देखते हुए फास्ट फूड की दुकानदारों को उम्मीद है कि जल्द ही व्यापार फिर से पटरी पर लौट आएगा.

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आधा रह गया है फास्ट फूड का कारोबार

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कई सालों से बॉम्बे सैंडविच बेचने वाले विजय कुमार बताते हैं कि लोगों का रुझान बाजार की तली हुई चीजों के प्रति कम हो रहा है. लोगों को फास्ट फूड का चस्का तो है लेकिन कोरोना के चलते लोगों को मन मार कर इससे दूरी बनानी पड़ रही है. वहीं, कचहरी रोड पर मशहूर कढ़ी कचौरी और फास्ट फूड विक्रेता अमित शर्मा का कहना है कि कोरोना का असर 75 से 80 प्रतिशत तक कारोबार पर पड़ा है. अमित इसका एक कारण लोगों का हेल्थ के प्रति ज्यादा कॉन्शियस होना भी बता रहे हैं. कोरोना में लोग इम्युनिटी स्ट्रांग करने के लिए फास्ट फूड से दूर हो रहे हैं. जिसके चलते अब कारोबार बमुश्किल से चल पा रहा है.

खाने का शहर की संस्कृति से गहरा जुड़ाव होता है. हर शहर की कुछ ऐसी खास डिश होती हैं, जिसके लिए लोग वहां आते हैं. जिस तरह से कोरोना में फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड बिजनेस पर असर पड़ा है, उसको वापस पटरी पर आने में कुछ समय लग सकता है. कोरोना में लोग हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूक भी हो रहे हैं, ऐसे में वो फास्ट फूड से दूरी बना रहे हैं. लेकिन जैसे ही बाजार फिर से अपनी गति पकड़ेंगे लोग घरों से निकलेंगे फास्ट फूड का बिजनेस भी वापस पटरी पर लौटने लगेगा.

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