अजमेर. रक्षाबंधन पर्व बड़ी धूमधाम के साथ हर साल मनाया जाता है. जहां बहन अपने भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है. रक्षाबंधन पर्व पर बहन बाजारों से घेवर की खरीदारी भी करती है क्योंकि रक्षाबंधन के लिए ही घेवर स्पेशल रूप से तैयार किए जाते हैं.
लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते घेवर की चमक भी फिकी पड़ चुकी है. बाजारों की बात की जाए तो इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बाजार भी सूने पड़े हैं. कोरोना से पहले राखी के अवसर पर बाजारों में काफी संख्या में भीड़ नजर आती थी. बहनें राखियों के साथ-साथ फल और पकवान की भी खरीदारी करती थी. जिससे वह अपने भाई को राखी बांधते समय उनका मुंह मीठा करा सके लेकिन इस बार ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि सभी में कोरना का डर लगातार बना हुआ है.
हर दिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के आंकड़ेः
वहीं, अगर कोरोना की बात की जाए तो लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. जिससे लोगों में काफी डर बना हुआ है. बहने राखियां खरीदने भी बाजारों में नहीं जा रही है. राजस्थान की बात की जाए तो लगभग 35 हजार से भी उपर कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं.
व्यापार पर लगा कोरोना का डंकः
घेवर व्यापारी गंगाराम अमर चंद हलवाई ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों में अभी भी कोरोना का डर है. जहां रक्षाबंधन पर्व पर एक ग्राहक ही 5 किलो घेवर ले जाता था. वहीं, आधा किलो भी घेवर नहीं ले जा रहा है. बाजार बिलकुल सूने पड़े हैं. रोज के ग्राहक की अगर बात की जाए तो लगभग 10 से 15 हजार की ग्राहकी हो जाती थी. लेकिन अब ग्राहकी 5 हजार की भी नहीं रह गई है.
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पहले बिकते थे घेवर के 40 थालः
अमर चंद हलवाई ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व के मौके पर घेवर की तैयारी काफी समय पहले से ही शुरू हो जाती थी. लगभग उनके द्वारा घेवर के 40 थाल बनाए जाते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते 10 थाल ही तैयार किए गए हैं. उन्हें ऐसा लग रहा है कि इस महामारी के चलते यह 10 थाल भी नहीं बिकेंगे. साथ ही अफवाहों का बाजार भी लगातार गर्म है. क्योंकि लोगों में डर है कहीं माल पुराना तो नहीं है या कहीं लॉकडाउन फिर से ना हो जाए.