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गणतंत्र दिवस पर गहलोत सरकार का तोहफा, जेल में बंद कैदियों की बढ़ाई मजदूरी - Gehlot government increased wages

गहलोत सरकार (Gehlot Government) बंदी मजदूरों के लिए खुशखबरी लेकर आई है. सरकार ने सजायाफ्ता कैदियों को दी जाने वाली मजदूरी में वृद्धि की है. गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं.

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बंदी मजदूरों को गहलोत सरकार का तोहफा
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Published : Jan 25, 2021, 10:32 AM IST

Updated : Jan 25, 2021, 11:07 AM IST

अजमेर. गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर गहलोत सरकार ने बंदी मजदूरों को तोहफा दिया है. सरकार ने राज्य की जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों को दी जाने वाली मजदूरी में वृद्धि की है. फिलहाल, गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

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बंदी मजदूरों को गहलोत सरकार का तोहफा

पुलिस महानिदेशक कारागार राजस्थान, राजीव दासोत के अनुसार राज्य की कारागृहों में कुशल और अकुशल बंदी श्रमिकों की नई मजदूरी दर क्रमशः 249 तथा 225 रुपए निर्धारित की गई है. इससे पहले यह राशि क्रमशः 209 और 189 रुपए थी. दासोत ने बताया कि राज्य की कारागृहों में दरी, निवार, कपड़ा बुनाई, सिलाई, कूलर बनाना, कार्पेंट्री, होजरी और लुहारी आदि कार्य करवाए जाते हैं. बंदियों ने फिनायल, झाड़ू और पोछा निर्माण भी किया है. हाल ही में मसाले पीसने का कार्य भी प्रारंभ हुआ है.

यह भी पढ़ें: मासिक बंधी के मामले में DSP के बाद सवाई माधोपुर का आबकारी अधिकारी गिरफ्तार

कारागृह उद्योग में कार्य करने वाले कैदी कुशल श्रमिक कहलाते हैं. वहीं जेल सेवाओं का रख-रखाव करने वाले अन्य समस्त कैदी अकुशल श्रमिक कहे जाते हैं. जेल नियमों के अंतर्गत भुगतान योग्य पारिश्रमिक की 75 प्रतिशत राशि बंदी श्रमिक को दी जाती है. शेष 25 प्रतिशत राशि की कटौती कर पीड़ित पक्ष को प्रदान की जाती है. बंदी मजदूरी में संशोधन के लिए राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया था. समिति की सिफारिश के आधार पर राज्य सरकार बंदी मजदूरी की दरों में वृद्धि की है, जिससे राज्य की कारागृहों में बंद लगभग छह हजार दंडित बंदियों को लाभ होगा.

अजमेर. गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर गहलोत सरकार ने बंदी मजदूरों को तोहफा दिया है. सरकार ने राज्य की जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों को दी जाने वाली मजदूरी में वृद्धि की है. फिलहाल, गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

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बंदी मजदूरों को गहलोत सरकार का तोहफा

पुलिस महानिदेशक कारागार राजस्थान, राजीव दासोत के अनुसार राज्य की कारागृहों में कुशल और अकुशल बंदी श्रमिकों की नई मजदूरी दर क्रमशः 249 तथा 225 रुपए निर्धारित की गई है. इससे पहले यह राशि क्रमशः 209 और 189 रुपए थी. दासोत ने बताया कि राज्य की कारागृहों में दरी, निवार, कपड़ा बुनाई, सिलाई, कूलर बनाना, कार्पेंट्री, होजरी और लुहारी आदि कार्य करवाए जाते हैं. बंदियों ने फिनायल, झाड़ू और पोछा निर्माण भी किया है. हाल ही में मसाले पीसने का कार्य भी प्रारंभ हुआ है.

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कारागृह उद्योग में कार्य करने वाले कैदी कुशल श्रमिक कहलाते हैं. वहीं जेल सेवाओं का रख-रखाव करने वाले अन्य समस्त कैदी अकुशल श्रमिक कहे जाते हैं. जेल नियमों के अंतर्गत भुगतान योग्य पारिश्रमिक की 75 प्रतिशत राशि बंदी श्रमिक को दी जाती है. शेष 25 प्रतिशत राशि की कटौती कर पीड़ित पक्ष को प्रदान की जाती है. बंदी मजदूरी में संशोधन के लिए राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया था. समिति की सिफारिश के आधार पर राज्य सरकार बंदी मजदूरी की दरों में वृद्धि की है, जिससे राज्य की कारागृहों में बंद लगभग छह हजार दंडित बंदियों को लाभ होगा.

Last Updated : Jan 25, 2021, 11:07 AM IST
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