अजमेर. भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत किसानों ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रहा है. इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू हो चुकी है. जिला मुख्यालय पर 28 जुलाई को जिले से करीब 2 हजार किसान अनिश्चित पड़ाव डालेंगे. भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा ने प्रेस वार्ता में ये जानकारी दी.
भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि संस्था के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार को 21 सूत्रीय मांग पत्र पूर्व में सौपा था. इसको लेकर सरकार ने किसानों की मांगों को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारतीय किसान संघ के तीन प्रांत हैं. इन सभी ने आंदोलन की रूपरेखा तय कर ली है.
शर्मा ने बताया कि जिले में मंगलवार से ही आंदोलन शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 के प्रकोप की वजह से आंदोलन को 7 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं 28 जुलाई तक सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया तो, बेमियादी आंदोलन भारतीय किसान संघ चितौड़ प्रांत के बैनर तले किया जाएगा. किसानों की 21 सूत्री मांगों में ज्यादातर मांगें विद्युत संबंधी हैं. साथ ही गेहूं की खरीद का लक्ष्य बढ़ाने और टिड्डियों के प्रभावी नियंत्रण को लेकर भी भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत ने मांगें रखी है.
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यह है किसानों की मांग..
• आगामी 6 मार्च के किसानों के कृषि व घरेलू विद्युत बिल माफ किए जाए.
• पूर्व में जारी योजना अनुसार कृषि विद्युत बिलों में दिए जाने वाला 833 रुपए प्रति माह का बकाया विद्युत अनुदान एकमुश्त विद्युत बिलों में समायोजित किया जाए.
• किसानों की कोई निश्चित मासिक आय ना होने व विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण समय पर बिल भुगतान नहीं होने पर 2017 से पेनल्टी माफी योजना चल रही थी. जिसे अप्रैल 2019 में खत्म कर दिया गया है. जिसे पुन शुरू कर विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए.
• खरीफ सीजन की फसल आने तक पूर्व बकाया बिलों की वसूली बंद कर कृषि कनेक्शन काटने पर रोक लगाई जावे वह जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने हेतु बकाया भुगतान की शर्त हटाई जाए.
• विभिन्न तत्काल प्राथमिकता वाले कृषि विद्युत कनेक्शनों के आवेदनों के मांग पत्र जारी करने पर लगाई गई रोक हटाई जाए.
• गत 2 बजट में सामान्य श्रेणी कनेक्शनों की कट ऑफ दिनांक नहीं बढ़ी है. ऐसे में वर्षों से कृषि कनेक्शन का इंतजार कर रहे किसानों को राहत देने व प्रवासी नागरिकों को रोजगार की आवश्यकता के मद्देनजर मार्च 2012 से लंबित सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शनों के मांग पत्र जारी कर कृषि कनेक्शन दिए जाए
• विभिन्न पुनर्भुगतान योजनाओं में किसानों का डिस्कॉम में बकाया ब्याज सहित विद्युत बिलों में समायोजित किया जाए
• 1 वर्ष पुरानी ऑडिट की राशि विद्युत बिल में नहीं जोड़ी जाए
• कृषि विद्युत कनेक्शन हेतु फ्लैट रेट व मीटर श्रेणी को स्वैच्छिक किया जाए
• कृषि विद्युत नीति 2017 में कृषि कनेक्शन के स्वीकृत भाड़ में एक से अधिक पंप चलाने पर मांग पत्र राशि जमा करने के किए गए प्रावधान को खत्म कर पहले की तरह शुल्क लिया जाए
• सिंगल फेज कृषि कनेक्शन जारी किया जाए
• घरेलू विद्युत सतर्कता जांच के एसेसमेंट में जुर्माना व दायित्व राशि की गणना स्वीकृत बाहर के बजाए कनेक्टेड बाहर को आधार मानकर ही की जाए
• डार्क जोन नोटिफाइड क्षेत्र में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के 16 नवंबर 2015 की गाइडलाइन पर जारी स्पष्टीकरण के आधार पर डिस्कॉम को कृषि सिंचाई हेतु भूजल उपयोग छूट के निर्देश दिए जाए
• हाईटेंशन विद्युत लाइनों के नीचे आई जमीन पर फसल उगाने से वंचित रहने पर हुई आर्थिक क्षति पूर्ति के लिए प्रतिवर्ष निश्चित मुआवजा राशि का भुगतान किसानों को किया जाए
• पंजीकृत सभी किसानों से चना की फसल खरीद की जाए
• प्रदेश में 1.22 करोड़ मैट्रिक टन गेहूं उत्पादन के मुकाबले 2 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था. जिससे शेष फसल किसानों को समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचनी पड़ी. ऐसे में खरीद लक्ष्य बढ़ाकर पर्याप्त खरीद की जाए
• ब्याज मुक्त सहकारी ऋण वितरण में लगाई विभिन्न शर्तों को हटाकर, साख सीमा के बराबर सभी किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाए
• टिड्डी नियंत्रण व किसानों को छिड़काव के लिए केमिकल व डीजल खर्च उपलब्ध करवाकर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास किए जाए
• टिड्डी से हुए फसल खराबी का मुआवजा दिया जाए
• फसल बीमा की विसंगतियों को दूर कर फसल खराबी का बीमा क्लेम दिलाना सुनिश्चित किया जाए
• स्वीकृत हुआ प्रस्तावित सिंचाई परियोजना को शीघ्र पूरा किया जाए